श्री राहु कवचम ! Shri Rahu Kavach

श्री राहु कवचम !  Shri Rahu Kavach

राहु कवच का नियमित पाठ मन की शांति देता है। साथ ही, यह आपके जीवन से सभी बुराईयों को दूर रखता है और आपको स्वस्थ, धनवान और समृद्ध बनाता है। जिस भी व्यक्ति के जीवन में राहु गृह की पीड़ा हो उसे यह पथ अवश्य करना चाहिए।
  • राहु कवच क्या है
राहु कवच एक सुरक्षात्मक तावीज़ है जिसे विशेष रूप से सकारात्मक ऊर्जा का दोहन करने और वैदिक ज्योतिष में राहु ग्रह से जुड़े नकारात्मक प्रभावों का प्रतिकार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

श्री राहु कवचम !  Shri Rahu Kavach

श्री राहु कवचम !  Shri Rahu Kavach

अस्य श्रीराहुकवचस्तोत्र महामन्त्रस्य चन्द्रऋषिः । अनुष्टुप्छन्दः । राहुर्देवता । नीं बीजम् । ह्रीं शक्तिः । कां कीलकम् । मम राहुग्रहप्रसादसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।

ध्यानम् 

राहुं चतुर्भुजं चर्मशूलखड्गवराङ्गिनम्
कृष्णाम्बरधरं नीलं कृष्णगन्धानुलेपनम् ।

गोमेधिकविभूषं च विचित्रमकुटं फणिम्
कृष्णसिंहरथारूढं मेरुं चैवाप्रदक्षिणम् ॥

प्रणमामि सदा राहुं सर्पाकारं किरीटिनम् ।
सैंहिकेयं करालास्यं भक्तानामभयप्रदम् ॥ १ ॥

श्री राहु कवचम 

नीलाम्बरः शिरः पातु ललाटं लोकवन्दितः ।
चक्षुषी पातु मे राहुः श्रोत्रे मेऽर्धशरीरवान् ॥ २ ॥

नासिकां मे करालास्यः शूलपाणिर्मुखं मम ।
जिह्वां मे सिंहिकासूनुः कण्ठं मे कष्टनाशनः ॥ ३ ॥

भुजङ्गेशो भुजौ पातु नीलमाल्यः करौ मम ।
पातु वक्षौ तमोमूर्तिः पातु नाभिं विधुन्तुदः ॥ ४ ॥

कटिं मे विकटः पातु ऊरू मेऽसुरपूजितः ।
स्वर्भानुर्जानुनी पातु जङ्घे मे पातु चऽव्ययः ॥ ५ ॥

गुल्फौ ग्रहाधिपः पातु नीलचन्दनभूषितः ।
पादौ नीलाम्बरः पातु सर्वाङ्गं सिंहिकासुतः ॥ ६ ॥

राहोरिदं कवचमीप्सितवस्तुदं यो
भक्त्या पठत्यनुदिनं नियतश्शुचिस्सन् ।

प्राप्नोति कीर्तिमतुलां च श्रियं समृद्धि-
मारोग्यमायुर्विजयावसित प्रसादात् ॥ ७ ॥

इति पद्मे महापुराणे राहु कवचः ।

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श्री राहु से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर - Shri Rahu Se Sambandhit Mahatvapoorn Prashn Uttar

राहु को प्रसन्न करने के लिए क्या करें?

  • राहु दोष से मुक्ति का सबसे सरल उपाय है राहु व्रत। किसी व्यक्ति को कम से कम 18 शनिवार तक राहु का व्रत रखना चाहिए। ऐसा करने से अशुभ के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं। राहु दोष से प्राप्त करने के लिए शनिवार के दिन काला वस्त्र धारण करना चाहिए और ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।

राहु कवच का पाठ कब करें

  • इस ग्रह के कारण होने वाले किसी भी अनिष्ट से बचने के लिए इस कवचम को शनिवार को पढ़ना चाहिए। मेरे सिर की रक्षा वह करे जो नीला रेशम पहनता है, मेरे माथे की रक्षा वह करे जिसकी दुनिया पूजा करती है, राहु मेरी आँखों की रक्षा करे और अर्ध शरीर वाले मेरे कानों की रक्षा करे।

राहु के लिए किसकी पूजा करनी चाहिए?

  • राहु को भगवान शिव का भक्त माना जाता है, इसलिए राहु को शांत करने के लिए आपको प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए, साथ ही "ऊं नमः शिवाय" मंत्र का जाप भी करना चाहिए. 3. भगवान भैरव नाथ के मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाना भी राहु को शांत करता है !

राहु शांति के  आसान उपाय

  • यदि आपके जीवन में राहु का अशुभ प्रभाव है तो उससे बचने के लिए आप शनिवार का व्रत रखें और पूजा में नीले पुष्प का उपयोग करें !
  • राहु के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए उसका शुभ रत्न गोमेद 6 से 7 रत्ती का धारण करें. ...
  • राहु की शांति के लिए आप उसके बीज मंत्र या वैदिक मंत्र का जाप करें !

राहु का मूल मंत्र कौन सा है?

  • ॐ रां राहवे नमः प्रतिदिन एक माला जपें। 2. नौ रत्ती का गोमेद पंचधातु अथवा लोहे की अंगूठी में जड़वा लें। शनिवार को राहु के बीज मन्त्र (राहु बीज मन्त्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: (108 बार)) द्वारा अंगूठी अभिमंत्रित करके दाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण कर लें।

राहु परेशान करे तो क्या करें

  • यदि राहु परेशान कर रहा है तो ज्योतिषी प्रवीण मिश्र से जानिए इसे शांत करने के लिए क्या उपाय करें. सोमवार के दिन भगवान शिव का अभिषेक करें, गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद अर्पित करें, भस्म, बेलपत्र और शमी पत्र अर्पित करें, भोलेनाथ की आरती करें, राहु की शांति के लिए शिवजी से प्रार्थना करें !

राहु दोष दूर करने के उपाय

  • कुंडली में राहु की स्थिति ठीक करने के लिए हर सोमवार और शनिवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए और काले तिल अर्पित करना चाहिए. सुबह स्नान करने के बाद 'ऊँ रां राहवे नम:' मंत्र का 108 बार जाप करें !

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