श्री गणपति स्तव ! Shri Ganapati Stavaha !
- गणपति की पूजा का धार्मिक महत्व
श्री गणपति स्तव ! Shri Ganapati Stavaha ! |
श्री गणपति स्तव ! Shri Ganapati Stavaha !
ऋषिरुवाच
अजं निर्विकल्पं निराहारमेकं निरानन्दमानन्दमद्वैतपूर्णम् ।
परं निर्गुणं निर्विशेषं निरीहं परब्रह्मरूपं गणेशं भजेम ॥१॥
गुणातीतमानं चिदानन्दरूपं चिदाभासकं सर्वगं ज्ञानगम्यम् ।
मुनिध्येयमाकाशरूपं परेशं परब्रह्मरूपं गणेशं भजेम ॥२॥
जगत्कारणं कारणज्ञानरूपं सुरादिं सुखादिं गणेशं भजेम ।
जगद्-व्यापिनं विश्ववन्द्यं सुरेशं परब्रह्मरूपं गणेशं भजेम ॥३॥
रजोयोगतो ब्रह्मरूपं श्रुतिज्ञं सदा कार्यसक्तं हृदाऽचिन्त्यरूपम् ।
जगत्कारणं सर्वविद्यानिदानं परब्रह्मरूपं गणेशं नताः स्मः ॥४॥
सदा सत्ययोग्यं मुदा क्रीडमानं सुरारीन् हरन्तं जगत्पालयन्तम् ।
अनेकावतारं निजज्ञानहारं सदा विश्वरूपं गणेशं नमामः ॥५॥
तमोयोगिनं रुद्ररूपं त्रिनेत्रं जगद्धारकं तारकं ज्ञानहेतुम् ।
अनेकागमैः स्वं जनं बोधयन्तं सदा सर्वरूपं गणेशं नमामः ॥६॥
नमः स्तोमहारं जनाऽज्ञानहारं त्रयीवेदसारं परब्रह्मसारम् ।
मुनिज्ञानकारं विदूरे विकारं सदा ब्रह्मरूपं गणेशं नमामः ॥७॥
निजैरोषधीस्तर्पयन्तं कराद्यैः सुरौघान् कलाभिः सुधास्त्राविणीभिः ।
दिनेशांशु-सन्तापहारं द्विजेशं शशाङ्क स्वरूपं गणेशं नमामः ॥८॥
प्रकाशस्वरूपं नमो वायुरूपं विकारादिहेतुं कलाधारभूतम् ।
अनेकक्रिया-ऽनेकशक्तिस्वरूपं सदा शक्तिरूपं गणेशं नमामः ॥९॥
प्रधानस्वरूपं महत्तत्त्वरूपं धराचारिरूपं दिगीशादिरूपम् ।
असत्-सत्स्वरूपं जगद्धेतुरूपं सदा विश्वरूपं गणेशं नताः स्मः ॥१०॥
त्वदीये मनः स्थापयेदङ्िघ्रयुग्मे स नो विघ्नसङ्घातपीडां लभेत ।
लसत्सूर्यबिम्बे विशाले स्थितोऽयं जनो ध्वान्तपीडां कथं वा लभेत ॥११॥
वयं भ्रामिताः सर्वथाऽज्ञानयोगादलब्धस्वाङ्घ्रिः बहून् वर्षपूगान् ।
इदानीमवाप्तस्तवैव प्रसादात् प्रपन्नान् सदा पाहि विश्वम्भराद्य ॥१२॥
एवं स्तुतो गणेशस्तु सन्तुष्टोऽभून् महामुने ।
कृपया परयोपेतोऽभिधातुमुपचक्रमे ॥१३॥
इति श्रीमद्-गर्गऋषिप्रणीतो गणपतिस्तवः सम्पूर्णः ॥
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हिन्दू भगवान गणेश के बारे में कुछ तथ्य इस प्रकार हैं
- नाम: गणेश के नाम का अर्थ है "लोगों का भगवान" और "गणों का भगवान"।
- माता-पिता: गणेश शिव और पार्वती के पुत्र हैं।
- स्वरूप: गणेश जी को अक्सर हाथी के सिर, चार भुजाओं और एक पेट के साथ दर्शाया जाता है। वे कई तरह की चीज़ें भी धारण करते हैं, जिनमें मिठाई, एक माला, एक हथियार या फंदा और एक टूटा हुआ दांत शामिल है।
- वाहन: गणेश जी का वाहन एक बड़ा भारतीय चूहा है, जो बाधाओं पर काबू पाने की उनकी क्षमता का प्रतीक है।
- गुण: गणेश जी को बाधाओं को दूर करने वाला, कला और विज्ञान का संरक्षक, बुद्धि और ज्ञान का देवता और शुरुआत का स्वामी माना जाता है। उन्हें सौभाग्य लाने वाला और कृपा देने वाला भी माना जाता है।
- त्यौहार: गर्मियों के अंत में मनाया जाने वाला 10 दिवसीय गणेश चतुर्थी त्यौहार गणेश जी को समर्पित है।
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