श्रीशनि व शनिभार्या स्तोत्र
शनिदेव की कृपा प्राप्ति कष्टमुक्ति का अचूक उपाय
Shree Shani - Shani bhaarya stotr |
श्री शनि - शनि भार्या स्तोत्र ! Shree Shani - Shani bhaarya stotr
य: पुरा राज्यभ्रष्टाय नलाय प्रददो किल ।
स्वप्ने सौरि: स्वयं मन्त्रं सर्वकामफलप्रदम्।।1।।
क्रोडं नीलांजनप्रख्यं नीलजीमूत सन्निभम्।
छायामार्तण्ड-संभूतं नमस्यामि शनैश्चरम्।।2।।
ऊँ नमोSर्कपुत्रायशनैश्चराय नीहार वर्णांजननीलकाय ।
स्मृत्वा रहस्यं भुवि मानुषत्वे फलप्रदो मे भव सूर्यपुत्र ।।3।।
नमोSस्तु प्रेतराजाय कृष्ण वर्णाय ते नम: ।
शनैश्चराय क्रूराय सिद्धि बुद्धि प्रदायिने ।।4।।
य एभिर्नामभि: स्तौति तस्य तुष्टो भवाम्यहम् |
मामकानां भयं तस्य स्वप्नेष्वपि न जायते ।।5।।
गार्गेय कौशिकस्यापि पिप्पलादो महामुनि: ।
शनैश्चर कृता पीड़ा न भवति कदाचन:।।6।।
क्रोडस्तु पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोSन्तको यम: ।
शौरि: शनैश्चरो मन्द: पिप्पलादेन संयुत:।।7।।
एतानि शनि नामानि प्रातरुत्थाय य: पठेत्।
तस्य शौरे: कृता पीड़ा न भवति कदाचन ।।8।।
।।शनिभार्या नमामि।।
(शनि पत्नी के दस नाम)
ध्वजनी धामनी चैव कंकाली कलहप्रिया ।
क्लही कण्टकी चापि अजा महिषी तुरंगमा ।।9।।
नामानि शनि-भार्याया: नित्यं जपति य: पुमान्।
तस्य दु:खा: विनश्यन्ति सुखसौभाग्यं वर्द्धते ।।10।।
- शनि का आशीर्वाद कैसे मिलता हैं ?
- शनि कमजोर होने पर क्या होता हैं ?
- व्यक्ति को लापरवाह और लक्ष्यहीन बनाता हैं ।
- कम एकाग्रता शक्ति और काम में कोई ध्यान नहीं लगता।
- सिरदर्द और माइग्रेन देता हैं, लेकिन सूर्य की स्थिति भी जांचे। हड्डियों का मजबूत न होना घुटनों और जोड़ों और पैरों में दर्द। ये शनि के कमजोर होनें के परिणाम हैं।
- शनि देव का मूल मंत्र क्या हैं ?
टिप्पणियाँ