शिव तांडव स्तोत्र का रहस्य और लाभ,Shiva Tandav Stotra Ka Rahasya Aur Laabh

शिव तांडव स्तोत्र का रहस्य और लाभ

शिव तांडव स्तोत्र का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. माना जाता है कि भगवान शिव को यह स्तोत्र बहुत प्रिय है. शिव पुराण के मुताबिक, रावण ने एक बार अहंकार में कैलाश पर्वत को उठाने की कोशिश की थी. इसके बाद भगवान शिव ने अपने अंगूठे से पर्वत को दबाकर स्थिर कर दिया, जिससे रावण का हाथ पर्वत के नीचे दब गया. तब पीड़ा में रावण ने भगवान शिव की स्तुति की थी, जिसे शिव तांडव स्तोत्र कहा जाता है !
शिव तांडव स्तोत्र पंचचामर छंद में लिखा गया है. इसकी भाषा में अनुप्रास और समास का प्रयोग किया गया है, जिससे यह संगीतमय लगता है और शिवभक्तों में काफ़ी लोकप्रिय है. सुंदर भाषा और काव्य-शैली के कारण यह स्तोत्र शिवस्तोत्रों में खास जगह रखता है. कहा जाता है कि इसका लयबद्ध जाप मन को शांत करता है और भक्त को ध्यान की स्थिति में ले जाता है. लोग आध्यात्मिक विकास और आत्म सुधार के लिए इसका जाप करते हैं
शिव तांडव स्तोत्र का रावण से गहरा संबंध है।
Shiva Tandav Stotra Ka Rahasya Aur Laabh

शिव तांडव स्तोत्र के बारे में कुछ रहस्य

  • शिव तांडव स्तोत्र को रावण ने भगवान शिव के लिए रचा था !
  • मान्यता है कि रावण जब कैलाश पर्वत को उठाकर ले जाने की कोशिश कर रहा था, तब भगवान शिव ने अपने पैर के अंगूठे से कैलाश पर्वत को दबा दिया था. इससे रावण कैलाश पर्वत के नीचे दब गया था. तब रावण ने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए जो स्तुति की थी, उसे शिव तांडव स्तोत्र कहा गया !
  • शिव तांडव स्तोत्र में 17 श्लोक हैं !
  • यह स्तोत्र पंचचामर छंद में आबद्ध है !
  • इसकी अनुप्रास और समास बहुल भाषा संगीतमय ध्वनि और प्रवाह के कारण शिवभक्तों में प्रचलित है.
  • शिव तांडव स्तोत्र का पाठ सुबह या प्रदोष काल में करना चाहिए !
  • भगवान शिव को प्रणाम करने के बाद धूप, दीप और नैवेद्य से उनका पूजन करें !
  • अगर संभव हो तो इस पाठ को तेज स्वर में करें !
  • पाठ पूरा करने के बाद भगवान शिव का ध्यान करें !
  • शिव तांडव स्तोत्र का उच्चारण सही होना चाहिए और इसका पाठ करते समय किसी के लिए भी मन में दुर्भावना नहीं होनी चाहिए !
  • मान्यता है कि शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं !
  • जो कोई भी भगवान शिव की स्तुति में शिव तांडव स्तोत्र का पाठ सच्चे मन से करता है, उसे कभी भी धन-संपत्ति की कमी नहीं होती !

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से कई लाभ:-

  • भगवान शिव प्रसन्न होते हैं
  • साधक की मनोकामनाएं पूरी होती हैं
  • कुंडली में शनि ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है
  • कालसर्प दोष, कालसर्प योग, और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है
  • अपार शक्ति, सौंदर्य, और मानसिक शक्ति मिलती है
  • नृत्य, चित्रकला, लेखन, योग, ध्यान, और समाधि जैसी सिद्धियां मिलती हैं
  • आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है
  • कर्ज़ से छुटकारा मिलता है
  • सुख, धन, और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है
  • हर भौतिक सुख-सुविधा मिलती है
  • गृहस्थ जीवन सुखमय होता है
  • परिवार में खुशहाली और समृद्धि आती है
  • दांपत्य जीवन में प्रेम और आपसी समझ विकसित होती है
  • आत्मबल मज़बूत होता है
  • चेहरा तेजमय होता है
  • उत्कृष्ट व्यक्तित्व मिलता है
  • वाणी की सिद्धि मिलती है
  • भावनात्मक संतुलन बढ़ता है
  • बिना किसी लगाव के अपनी भावनाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है
  • शिव तांडव स्तोत्र सांत्वना का एक स्रोत बन जाता है
  • ज्ञान मिलता है कि सच्चा कल्याण हमेशा बदलते भावनात्मक परिदृश्य की स्वीकृति और अतिक्रमण में निहित है
  • स्वास्थ्य की समस्याओं का समाधान मिलता है

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