शिव प्रदोष स्तोत्र ! Shiv Pradosh Stotra !
प्रदोष व्रत के दिन भोलेनाथ के ये मंत्र भी जाप किए जा सकते हैं:
- ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् !
- उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् !
शिव प्रदोष स्तोत्र ! Pradosh Stotra !
! श्री गणेशाय नमः !
जय सर्वगुणातीत जय सर्ववरप्रद |
जय नित्य निराधार जय विश्वम्भराव्यय || २ ||
जय विश्वैकवन्द्येश जय नागेन्द्रभूषण |
जय गौरीपते शम्भो जय चन्द्रार्धशेखर || ३ ||
जय कोट्यर्कसङ्काश जयानन्तगुणाश्रय |
जय भद्र विरुपाक्ष जयाचिन्त्य निरञ्जन || ४ ||
जय नाथ कृपासिन्धो जय भक्तार्तिभञ्जन |
जय दुस्तरसंसारसागरोत्तारण प्रभो || ५ ||
प्रसीद में महादेव संसारार्तस्य खिद्यतः |
सर्वपापक्षयं कृत्वा रक्ष मां परमेश्वर || ६ ||
महादारिद्रमग्नस्य महापापहतस्य च |
महाशोकनिविष्टस्य महारोगातुरस्य च || ७ ||
ऋणभारपरितस्य दह्यमानस्य कर्मभिः |
ग्रहैः प्रपीड्यमानस्य प्रसीद मम शंङ्कर || ८ ||
दरिद्रः पार्थयेद्देवं प्रदोषे गिरिजापतिम् |
अर्थाढ्यो वाऽथ राजा वा प्रार्थयेद्देवमीश्वरम् || ९ ||
दीर्धमायुः सदारोग्यं कोशवृद्धिर्बलोन्नतिः |
ममास्तु नित्यमानन्दः प्रसादात्तव शंङ्कर || १० ||
शत्रवः संक्षयं यान्तु प्रसीदन्तु मम प्रजाः |
नश्यन्तु दस्यवो राष्ट्रे जनाः सन्तु निरापदः || ११ ||
दुर्भिक्षमरिसन्तापाः शमं यान्तु महीतले |
सर्वसस्यसमृद्धिश्च भूयात्सुखमया दिशः || १२ ||
एवमाराधयेद्देवं पूजान्ते गिरिजापतिम् |
ब्राह्मणान्भो जयेत् पश्चाद्दक्षिणाभिश्चपूजयेत् || १३ ||
सर्वपापक्षयकरी सर्वरोगनिवारणी |
शिवपूजा मयाऽऽख्याता सर्वाभीष्टफलप्रदा || १४ ||
|| इति प्रदोष स्तोत्रं सम्पूर्णम् ||
प्रदोष स्तोत्र का पाठ करने से लाभ
धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा के समय प्रदोष स्तोत्र का पाठ करने से कई तरह के लाभ होते हैं:-- जीवन से दरिद्रता दूर होती है
- शारीरिक और मानसिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है
- सभी तरह के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है
- रुके हुए काम पूरे होते हैं
- सभी दिक्कतों से छुटकारा मिलता है
- अखंड सौभाग्यवती का वरदान मिलता है
- संतान सुख की प्राप्ति होती है
- कई समस्याएं दूर होती हैं
- धन-दौलत में वृद्धि होती है
- आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है
- सभी तरह के रोगों से छुटकारा मिलता है
- जीवन सुखमय होता है
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