Lashmi Stuti : श्री महालक्ष्मी स्तुति ! Shri Mhalashmi Stuti

Lashmi Stuti : श्री महालक्ष्मी स्तुति ! Shri Mhalashmi Stuti

लक्ष्मी स्तुति का पाठ शुक्रवार के दिन करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. कार्तिक मास में लक्ष्मी जी की पूजा का विशेष महत्व है कहा जाता है कि शुक्रवार के दिन वैभव लक्ष्मी का व्रत करने से और उनकी विधि-विधान पूजा करने से जितना लाभ मिलता है, ठीक उतना ही लाभ संध्या के समय में इनकी स्तुति का पाठ करने से भी मिलता है !
लक्ष्मी स्तुति का पाठ करने के लिए, महर्षि अगस्तिकृत श्री स्कन्द महापुराण के कशीखण्ड में भगवती महालक्ष्मी की स्तुति का पाठ किया जा सकता है. जो व्यक्ति रोज़ाना भगवती लक्ष्मी की इस स्तुति का पाठ करता है, उसके घर-परिवार और व्यापार में वृद्धि होती है और समस्त दुःख-दरिद्रता नष्ट हो जाती है !

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Shri Mhalashmi Stuti

श्री लक्ष्मी स्तुति ! Shri Mhalashmi Stuti

आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।
यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।1।।

सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।
पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।2।।

विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।
विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।3।।

धन लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व दारिद्र्य नाशिनि।
धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।4।।

धान्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वाभरण भूषिते।
धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।5।।

मेधा लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु कलि कल्मष नाशिनि।
प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।6।।

गज लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वदेव स्वरूपिणि।
अश्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।7।।

धीर लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पराशक्ति स्वरूपिणि।
वीर्यं देहि बलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।8।।

जय लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व कार्य जयप्रदे।
जयं देहि शुभं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।9।।

भाग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सौमाङ्गल्य विवर्धिनि।
भाग्यं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।10।।

कीर्ति लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु विष्णुवक्ष स्थल स्थिते।
कीर्तिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।11।।

आरोग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व रोग निवारणि।
आयुर्देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।12।।

सिद्ध लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व सिद्धि प्रदायिनि।
सिद्धिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।13।।

सौन्दर्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वालङ्कार शोभिते।
रूपं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।14।।

साम्राज्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।
मोक्षं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।15।।

मङ्गले मङ्गलाधारे माङ्गल्ये मङ्गल प्रदे।
मङ्गलार्थं मङ्गलेशि माङ्गल्यं देहि मे सदा।।16।।

सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्रयम्बके देवि नारायणि नमोऽस्तुते।।17।।

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लक्ष्मी स्तुति के कई लाभ माने जाते हैं:-

  • लक्ष्मी स्तुति करने से धन, संपत्ति, सौंदर्य, यौवन, और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है !
  • नियमित रूप से लक्ष्मी स्तुति करने से रिश्तों में प्रचुरता आती है !
  • नौकरी में प्रमोशन के लिए लक्ष्मी स्तुति का पाठ लाभदायक होता है !
  • व्यवसाय में उन्नति के लिए लक्ष्मी स्तुति का पाठ करना चाहिए !
  • नियमित रूप से लक्ष्मी स्तुति करने से मानसिक शांति मिलती है !
  • लक्ष्मी स्तुति करने से जीवन में सभी तरह के नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं !
  • लक्ष्मी स्तुति का बार-बार पाठ करने से उत्पन्न तीव्र कंपन ऊर्जा एक नई ऊर्जा क्षेत्र का निर्माण करती है, जो प्रचुरता और भाग्य को आकर्षित करती है !
  • लक्ष्मी स्तुति को सभी समृद्धि का स्रोत माना जाता है !

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