केदारनाथ मंदिर के बारे में कुछ महत्व तथ्य,Kedarnath Temple Ke Baare Mein Kuchh Mahatv Tathy

 केदारनाथ मंदिर के बारे में कुछ महत्व तथ्य

हिमालय पर्वत की गोद में स्थित केदारनाथ शिव भक्तों के लिए एक पावन जगह है। इसे 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यहां दर्शन करने मात्र से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। खराब मौसम के चलते साल में छह महीने बंद रहने वाले इस मंदिर के कपाट आखिरकार आज सुबह साढ़े पांच बजे खोल दिए गए। हम आपको केदारानाथ से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे।
Kedarnath temple: केदारनाथ बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। मंदिर की एक खास विशेषता यह है कि वर्ष के 6 माह कपाट खुलते हैं और 6 माह मंदिर बंद रहता है। इसलिए कपाट खुलने पर अधिक संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं।

Kedarnath Temple Ke Baare Mein Kuchh Mahatv Tathy
  1. केदारनाथ धाम विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। इस जगह की खोज पांडवों ने की थी। दरअसल वे अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए भोलेनाथ को ढूंढ़ते हुए केदारनाथ पहुंचे थे।
  2. पुराणों के अनुसार महाभारत युद्ध के दौरान पांडवों ने अपने भाइयों से लड़ाई की थी। इस पाप के बोझ से मुक्त होने के लिए पांडव शिव जी से मिलने काशी पहुंचे थे। मगर शिव जी उनसे अप्रसन्न थे इसलिए वहां से वे कैलाश चले गए। भोलेनाथ का पीछा करते हुए पांडव कैलाश भी पहुंच गए।
  3. बाद में शिव जी ने अपना रूप बदलकर पांडवों को चकमा देने की कोशिश की। आखिर में भोलेनाथ उन्हें केदार की चट्टानों में मिले।
  4. भोलेनाथ ने पांडवों को वहां बैल के रूप में दर्शन दिए थे। इसके बाद वहां भू-शिवलिंग की उत्पत्ति हुई थी। तब से लेकर अब तक उसी शिवलिंग की पूजा की जाती है।
  5. केदरानाथ मंदिर महज एक नहीं बल्कि पांच अलग-अलग मंदिरों का संमूह है। इन सभी में शिव जी के विभिन्न अंग गिरे थे। इसलिए इसे पंच केदार के नाम से भी जाना जाता है।
  6. राहुल सांकृत्यायन के अनुसार केदारनाथ मंदिर का निर्माण करीब एक हजार साल पहले हुआ था। बताया जाता है कि इसे पांडवों ने बनवाया था। बाद में गुरु आदिशंकराचार्य ने इसका पुर्ननिर्माण कराया था।
  7. यह मन्दिर छह फीट के एक ऊंचे चौकोर चबूतरे पर बना हुआ है। मन्दिर में मुख्य भाग मण्डप और गर्भगृह के चारों ओर प्रदक्षिणा पथ है।
  8. मंदिर के गर्भ गृह के बाहर पांच पांडवों के साथ द्रोपदी की मूर्ति भी स्थापित की गई है। इस मंदिर का निर्माण कत्युरी शैली में किया गया है।
  9. माना जाता है कि केदारनाथ के दर्शन किए बिना बद्रीनाथ की यात्रा करना अधूरा माना जाता है। इससे तीर्थ यात्रा और दर्शन का कोई फल नहीं मिलेगा।
  10. केदरनाथ मंदिर में शिव की आराधना शैव समुदाय के पुजारी करते हैं। मंदिर के पुजारी भगवान शिव की पांच मुख वाली प्रतिमा की पूजा करते हैं। ये पूजा 7 बजे शुरू होती है जो कि 8.30 बजे तक चलती है।

2024 में केदारनाथ कब खुलेगा?

Kedarnath Kapat Opening Date 2024 का अभी फाइनल अपडेट नहीं आया है। Kedarnath Kapat Opening Date 2024 का फाइनल अपडेट हर साल फरवरी महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि को आता है। शिवरात्रि के दिन ही केदारनाथ धाम के कपाट ओपन होने की तारीख को फाइनल किया जाता है।

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