Kedarnath Facts : केदारनाथ के 25 रोचक तथ्य
- केदारनाथ में ऐसा क्या खास है?
केदारनाथ के आसपास में मौजूद किसी बेहतरीन जगह की बात होती है तो सबसे पहले वासुकी ताल की बात होती है। इस खूबसूरत ताल का हिन्दू पौराणिक कथा भी काफी फेमस है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने रक्षा बंधन के असवर पर इसी झील में स्नान किया था। इसलिए इस झील को वासुकी के नाम से जाना जाता है।
- केदारनाथ कहलाने की कहानी
तब नर और नारायण ने भगवान शिवजी से कहा कि हे प्रभु हमें किसी और चीज चाहत नहीं है. अगर आप कुछ देना ही चाहते हैं तो बस आप यहां आकर बस जाएं. उनकी इन बातों से प्रसन्न होते हुए भगवान शिव ने खुद को शिवलिंग के रूप में खुद को प्रकट करने का वरदान दिया और स्वयंभू शिवलिंग के रूप में स्थापित हो गए.
25 interesting facts about Kedarnath |
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केदारनाथ के 25 रोचक तथ्य :-Kedarnath Facts
- केदारनाथ की यात्रा सही मायने में हरिद्वार या ऋषिकेश से आरंभ होती है।
- केदारनाथ मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में उपस्थित है।
- यह मन्दिर एक छह फीट ऊँचे चौकोर चबूतरे पर बना हुआ है।और बाहर प्रांगण में नन्दी बैल वाहन के रूप में विराजमान हैं।
- यहाँ स्थित केदारनाथ मंदिर का शिव लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है,और हिन्दू धर्म के उत्तरांचल के चार धाम और पंच केदार में गिना जाता है।
- श्रीकेदारनाथ का मंदिर 3573 मीटर की ऊँचाई पर बना हुआ एक भव्य एवं विशाल मंदिर है।
- केदारनाथ आने के लिए कोटद्वार जो कि केदारनाथ से 260 किलोमीटर तथा ऋर्षिकेश जो कि केदारनाथ से 227 किलोमीटर दूर है तक रेल द्वारा आया जा सकता है।
- हरिद्वार से गौरीकुण्ड 233 किलोमीटर की यात्रा मोटर मार्ग से की जाती है,जबकि गौरीकुण्ड से केदारनाथ तक 14 किलोमीटर की दूरी पैदल मार्ग से जाना पड़ता है।
- पैदल चलने में असमर्थ व्यक्ति के लिए गौरीकुण्ड से घोड़ा, पालकी, पिट्ठू आदि के साधन मिलते हैं।
- यहाँ के लोग भी केदारनाथ से आस-पास के ग्रामों में रहने के लिये चले जाते हैं।
- केदारनाथ आने के लिये मई से अक्टूबर के मध्य का समय आदर्श माना जाता है। क्योंकि इस दौरान मौसम काफी सुखद रहता है।
- क्या आपको पता है जब 2013 में केदारनाथ में बाढ़ आई थी, तब 13 लाख का नुकसान हुआ था।
- 2013 में लगभग 50 हजार से ज्यादा व्यक्ति लापता हो गए ,और 110000 लोगों को सेना ने बचाया।
- केदारनाथ के संबंध में लिखा है, कि जो व्यक्ति केदारनाथ के दर्शन किये बिना बद्रीनाथ की यात्रा करता है उसकी यात्रा निष्फल होती है।
- इस मन्दिर की आयु के बारे में कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है, पर एक हजार वर्षों से केदारनाथ एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा रहा है।
- इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना का इतिहास संक्षेप में यह है ,कि हिमालय के केदार श्रृंग पर भगवान विष्णु के अवतार महातपस्वी नर और नारायण ऋषि तपस्या करते थे।
- पंचकेदार की कथा ऐसी मानी जाती है कि महाभारत के युद्ध में विजयी होने पर पांडव भ्रातृहत्या के पाप से मुक्ति पाना चाहते थे।
- केदारनाथ जी का मन्दिर आम दर्शनार्थियों के लिए प्रात: 6:00 बजे खुलता है।
- हिन्दुओं के चार धाम हैं -1.बद्रीनाथ, 2.द्वारका, 3. जगन्नाथ पुरी, 4. रामेश्वरम।
- हिन्दुओं के पंचकेदार हैं- 1.केदारनाथ, 2. रूद्रनाथ, 3.कल्पेश्वर, 4.मध्येश्वर, 5.तुंगनाथ।
- पांडवों से है शिवलिंग की स्थापना का संबंध हालांकि यहां जिस शिवलिंग की पूजा की जाती है उसकी कथा पौराणिक है।
- ऐसा माना जाता है कि केदारनाथ मंदिर की रक्षा भैरो नाथ जी द्वारा की जाती है, जिन्हें भगवान शिव का उग्र अवतार माना जाता है।
- यह भी माना जाता है कि केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने वाले लोगों को भैरों बाबा के मंदिर में भी जरूर जाना चाहिए।
- पुराणों के अनुसार शिवजी पांडवो से रुष्ट थे, क्यूंकि युद्ध में पांडवो ने अपने ही सगे सम्बन्धियों का संघार किया था। यह ज्ञात होते ही पांडव, पाप मुक्त होने के लिए शिव जी से मिलने को व्याकुल हो उठे।
- पांडवो ने वही शिव पूजन किया।और पांडवो की भक्ति देख, शिवजी खुश हुए और उन्हें पाप से मुक्ति दिलाई साथ में उसी स्थान पर पूजा अर्चना करने का आदेश दिया।
- जो भी व्यक्ति केदारेश्वर के दर्शन करता है,उसके लिए स्वप्न में भी दुख दुर्लभ है।भक्त अगर शिव के रूप से अंकित कड़ा,ज्योतिर्लिंग को अर्जित करता है,वह समस्त पापों से मुक्ति पता है।
25 interesting facts about Kedarnath |
केदारनाथ में मुख्य मंदिरों के अलावा अन्य कौन से पुराने मंदिर हैं? केदारनाथ के आसपास ही चार मंदिर हैं, जिनके नाम हैं-
- तुंगनाथ,
- रुद्रनाथ,
- मध्यमहेश्वर और
- कल्पेश्वर जो पंच केदार तीर्थस्थल हैं।
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