काली स्तोत्र परशुराम कृत ! Kali Stotra parashuraam krt !
परशुरामकृत काली स्तोत्र के पाठ करने से कई लाभ होते हैं:-
- भूत-प्रेत जैसी बाधाओं से मुक्ति मिलती है
- नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं
- काल पर विजय प्राप्त होती है
- मनोकामनाएं पूरी होती हैं
- नि:सन्तान को संतान प्राप्ति होती है
- सरकारी कामों में सफलता मिलती है
- भय नहीं होता
- उपद्रव शांत हो जाते हैं
- हर क्षेत्र में विजय मिलती है
- अनायास ही महान भय से छुटकारा मिलता है
- भक्तिपूर्वक पाठ करने से भय से मुक्ति मिलती है
- त्रिलोकी में पूजा मिलती है और त्रैलोक्यविजयी बनते हैं
- ज्ञानियों में श्रेष्ठ बनते हैं
- शत्रुपक्ष का विमर्दन होता है
Kali Stotra parashuraam krt ! |
कालीस्तोत्रम् परशुरामकृतम् ! Kali Stotra parashuraam krt !
परशुराम उवाच ।
नमः शङ्करकान्तायै सारायै ते नमो नमः ।
नमो दुर्गतिनाशिन्यै मायायै ते नमो नमः ॥ १॥
नमो नमो जगद्धात्र्यै जगत्कर्त्र्यै नमो नमः ।
नमोऽस्तु ते जगन्मात्रे कारणायै नमो नमः ॥ २॥
प्रसीद जगतां मातः सृष्टिसंहारकारिणि ।
त्वत्पादौ शरणं यामि प्रतिज्ञां सार्थिकां कुरु ॥ ३॥
त्वयि मे विमुखायां च को मां रक्षितुमीश्वरः ।
त्वं प्रसन्ना भव शुभे मां भक्तं भक्तवत्सले ॥ ४॥
युष्माभिः शिवलोके च मह्यं दत्तो वरः पुरा ।
तं वरं सफलं कर्तुं त्वमर्हसि वरानने ॥ ५॥
रेणुकेयस्तवं(जामदग्न्यस्तवं) श्रुत्वा प्रसन्नाऽभवदम्बिका ।
मा भैरित्येवमुक्त्वा तु तत्रैवान्तरधीयत ॥ ६॥
एतद् भृगुकृतं स्तोत्रं भक्तियुक्तश्च यः पठेत् ।
महाभयात्समुत्तीर्णः स भवेदेव लीलया ॥ ७॥
स पूजितश्च त्रैलोक्ये तत्रैव विजयी भवेत् ।
ज्ञानिश्रेष्ठो भवेच्चैव वैरिपक्षविमर्दकः ॥ ८॥
इति श्रीब्रह्मवैवर्तपुराणे गणेशखण्डे षट्त्रिंशोऽध्यायान्तर्गतम्
श्रीपरशुरामकृतम् कालीस्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥
कालीस्तोत्रम् परशुरामकृतम् हिन्दी में अर्थ ! Kali Stotra parashuraam krt !
परशुराम द्वारा काली की स्तुति परशुराम बोले –
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