काली माता की आरती ! Kali Mata Ki Aarti ! अम्बे तू है जगदम्बे काली,Aarti of Kali Mata ! Ambe Too Hai Jagdambe Kali
काली माता की आरती ! Kali Mata Ki Aarti ! अम्बे तू है जगदम्बे काली
काली माता की आरती करने के कई फ़ायदे माने जाते हैं:-
- मां काली की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सौभाग्य और भाग्य की प्रचुरता होती है !
- मां काली भक्त को धन और समृद्धि प्रदान करती हैं !
- मां काली की आरती का पाठ करने से भक्त को कष्ट, परेशानियां, नकारात्मकता और बुरी नज़रें नुकसान नहीं पहुंचातीं !
- भक्त के जीवन में मानसिक और भावनात्मक स्थिरता के लिए मां काली की आरती का जाप किया जाता है !
- वैवाहिक जीवन में स्थिरता और खुशहाली के लिए मां काली की आरती की जाती है !
- मां काली की आरती का पाठ करने से भक्त को धैर्य की राह मिलती है !
- रोज़ाना काली माता की आरती करने से बुराइयां दूर होती हैं और स्वस्थ, समृद्ध और शांतिपूर्ण जीवन प्राप्त होता है !
- मां काली की पूजा से भय नाश, आरोग्य की प्राप्ति, स्वयं की रक्षा और शत्रुओं का नियंत्रण होता है!
- मां काली की पूजा से तंत्र-मंत्र के सारे असर समाप्त हो जाते हैं!
- मां काली की पूजा का उपयुक्त समय रात्रि काल होता है !
Aarti of Kali Mata ! Ambe Too Hai Jagdambe Kali |
काली माता की आरती ! Kali Mata Ki Aarti
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतारे, तेरी आरती ॥
तेरे भक्त जनो पर,
भीड़ पड़ी है भारी माँ ।
दानव दल पर टूट पडो,
माँ करके सिंह सवारी ।
सौ-सौ सिंहो से बलशाली,
अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टो को पलमे संहारती ।
ओ मैया हम सब उतारे, तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतारे, तेरी आरती ॥
माँ बेटे का है इस जग में,
बड़ा ही निर्मल नाता ।
पूत – कपूत सुने है पर न,
माता सुनी कुमाता ॥
सब पे करुणा दरसाने वाली,
अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखडे निवारती ।
ओ मैया हम सब उतारे, तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतारे, तेरी आरती ॥
नहीं मांगते धन और दौलत,
न चांदी न सोना मां ।
हम तो मांगे मां तेरे मन में,
इक छोटा सा कोना ॥
सबकी बिगडी बनाने वाली,
लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को संवारती ।
ओ मैया हम सब उतारे, तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतारे, तेरी आरती ॥
चरण शरण मे खडे तुम्हारी,
ले पूजा की थाली ।
वरद हस्त सर पर रख दो,
मॉ संकट हरने वाली ।
मॉ भर दो भक्ति रस प्याली,
अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती ।
ओ मैया हम सब उतारे, तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाए भारती,
ओ मैया हम सब उतारे, तेरी आरती ॥
काली माता आरती ! Kali Mata Ki Aarti
जय काली माता, मा जय महा काली माँ !
रतबीजा वध कारिणी माता !
सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ !!
दक्ष यज्ञ विदवंस करनी माँ शुभ निशूंभ हरलि !
मधु और कैितभा नासिनी माता !
महेशासुर मारदिनी…ओ माता जय महा काली माँ !!
हे हीमा गिरिकी नंदिनी प्रकृति रचा इत्ठि !
काल विनासिनी काली माता !
सुरंजना सूख दात्री हे माता !!
अननधम वस्तराँ दायनी माता आदि शक्ति अंबे !
कनकाना कना निवासिनी माता !
भगवती जगदंबे ओ माता जय महा काली माँ !!
दक्षिणा काली आध्या काली काली नामा रूपा !
तीनो लोक विचारिती माता धर्मा मोक्ष रूपा !!
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