जानकी स्तोत्र का पाठ करने का उपाय फायदे,Janaki Stotra Ka Paath Karane Ka Upaay Phaayade

जानकी स्तोत्र का पाठ करने का उपाय फायदे,

जानकी स्तोत्र का पाठ करने से माता सीता प्रसन्न होती हैं और धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, इससे मनुष्य के सभी कष्टों का नाश होता है. मान्यताओं के मुताबिक, जानकी जयंती या सीता अष्टमी के दिन माता सीता की विशेष पूजा करने से उनकी कृपा मिलती है. इससे साधक को राम जी की कृपा भी मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. ऐसे में, जानकी जयंती की पूजा के दौरान जानकी स्तोत्र का पाठ किया जा सकता है. 
जानकी स्तोत्र के ज़रिए जानकी माता के जीवन, गुणों, शक्तियों, कर्मों, उद्देश्य और महत्व का वर्णन किया गया है. देवी सीता को पृथ्वी की बेटी और ज्ञान का अवतार माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि वह सभी पापों और दरिद्रता का नाश करने वाली हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं !
Janaki Stotra Ka Paath Karane Ka Upaay Phaayade

जानकी स्तोत्र का पाठ करने का उपाय:-

सीता नवमी के दिन सुख-समृद्धि बढ़ाने के लिए जानकी स्तोत्र का पाठ किया जाता है. सुखी जीवन के लिए श्री जानकी रामाभ्यां नमः मंत्र का 108 बार जाप भी किया जा सकता है. जानकी स्तोत्र का पाठ करने के अलावा, सीता नवमी के दिन ये उपाय भी किए जा सकते हैं:-
  • पति-पत्नी एकसाथ सीता-राम की पूजा करें
  • माता सीता को 16 शृंगार का सामान अर्पित करें
  • सुंदरकांड का पाठ करें
  • राम-सीता की प्रतिमा पर श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं
  • श्री राम को पीले और माता सीता को लाल वस्त्र पहनाएं
  • माता जानकी की जन्म कथा पढ़ें
  • श्री राम तथा माता जानकी के मंत्रों का जाप करें
  • दूध-गुड़ से बने व्यंजन बनाएं और दान करें
  • शाम को पूजा करने के बाद इसी व्यंजन से व्रत खोलें 

जानकी स्तोत्र (Janki Stotra)

नीलनीरज-दलायतेक्षणां लक्ष्मणाग्रज-भुजावलम्बिनीम्।
शुद्धिमिद्धदहने प्रदित्सतीं भावये मनसि रामवल्लभाम्।

रामपाद-विनिवेशितेक्षणामङ्ग-कान्तिपरिभूत-हाटकाम्।
ताटकारि-परुषोक्ति-विक्लवां भावये मनसि रामवल्लभाम्।।

कुन्तलाकुल-कपोलमाननं, राहुवक्त्रग-सुधाकरद्युतिम्।
वाससा पिदधतीं हियाकुलां भावये मनसि रामवल्लभाम्।।

कायवाङ्मनसगं यदि व्यधां स्वप्नजागृतिषु राघवेतरम्।
तद्दहाङ्गमिति पावकं यतीं भावये मनसि रामवल्लभाम्।।

इन्द्ररुद्र-धनदाम्बुपालकै: सद्विमान-गणमास्थितैर्दिवि।
पुष्पवर्ष-मनुसंस्तुताङ्घ्रिकां भावये मनसि रामवल्लभाम्।।

संचयैर्दिविषदां विमानगैर्विस्मयाकुल-मनोऽभिवीक्षिताम्।
तेजसा पिदधतीं सदा दिशो भावये मनसि रामवल्लभाम्।।

।।इति जानकीस्तोत्रं सम्पूर्णम्।।

जानकी स्तोत्र का पाठ करने का तरीका

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
  • मंदिर की साफ़-सफ़ाई करें.
  • चौकी बिछाएं और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं.
  • चौकी पर भगवान राम और माता सीता की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें.
  • माता सीता को श्रृंगार की चीज़ें, फल-फूल, धूप-दीप, दूर्वा आदि अर्पित करें.
  • भगवान राम और सीता जी की आरती करें.
  • जानकी स्तोत्र और जानकी स्तुति का पाठ करें
  • इससे मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं.

जानकी स्तोत्र का पाठ करने से कई फ़ायदे होते हैं:-

  • इससे माता सीता प्रसन्न होकर धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है !
  • इससे सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है !
  • मां जानकी की कृपा से सिद्धि-बुद्धि, धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है !
  • इससे इंसान धनी बनता है, तरक्की करता है और हर तरह के सुख का भागीदार बनता है !
  • इससे इंसान सारी तकलीफ़ों से दूर हो जाता है और तेजस्वी बनता है !
  • धार्मिक शास्त्रों में मान्यता है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन प्रभु श्रीराम एवं माता सीता का विधि-विधान से पूजन करता है, उसे 16 महान दानों का फल, पृथ्वी दान का फल तथा समस्त तीर्थों के दर्शन का फल मिल जाता है !
  • सुहागिन महिलाओं द्वारा सीता नवमी की पूजा का विशेष महत्व माना गया है. इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद भी मिलता है !

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