अक्षय तृतीया क्या है और अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती है,Akshaya Tritiya Kya Hai Aur Akshaya Tritiya Kyon Manaee Jaatee Hai
अक्षय तृतीया क्या है और अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती है,
Akshaya Tritiya Kya Hai Aur Akshaya Tritiya Kyon Manaee Jaatee Hai
अक्षय तृतीया का पर्व बसंत और ग्रीष्म के संधिकाल का महोत्सव है। इस तिथि में गंगा स्नान, पितरों का तिल व जल से तर्पण और पिंडदान भी पूर्ण विश्वास से किया जाता है जिसका फल भी अक्षय होता है। इस तिथि की गणना युगादि तिथियों में होती है, क्योंकि सतयुग का कल्पभेद से त्रेतायुग का आरंभ इसी तिथि से हुआ।
हिंन्दू धर्म के अनुसार अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए पंचागं देखने की जरूरत नहीं है। अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर किए गए कार्यों का कई गुना फल प्राप्त होता है। इसे अखतीज के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों में बताया गया है कि यह बहुत ही पुण्यदायी तिथि है इसदिन किए गए दान पुण्य के बारे में मान्यता है कि जो कुछ भी पुण्यकार्य इस दिन किए जाते हैं उनका फल अक्षय होता है यानी कई जन्मों तक इसका लाभ मिलता है। अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन कम से कम एक गरीब को अपने घर बुलाकर सत्कार पूर्वक उन्हें भोजन अवश्य कराना चाहिए। गृहस्थ लोगों के लिए ऐसा करना जरूरी बताया गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से उनके घर में धन धान्य में अक्षय बढ़ोतरी होती है।
Akshaya Tritiya Kya Hai Aur Akshaya Tritiya Kyon Manaee Jaatee Hai |
अक्षय तृतीया क्या है?
अक्षय का मतलब अविनाशी यानि, जो कभी नष्ट न हो होता है। अक्षय तृतीया का शाब्दिक अर्थ है “कभी न खत्म होने वाला तीसरा दिन“। कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन किया गया सभी शुभ कार्य और दान पुण्य अक्षय फलदायी होते हैं। क्योंकि, अक्षय तृतीया के दिन हीं भगवान विष्णु ने परशुराम रूप में अवतार लिया था।
इसीलिए, अक्षय तृतीया को लोग भगवान विष्णु के परशुराम अवतार का जन्म दिवस भी मानते हैं। वहीं हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का बहुत हीं खास महत्व होता है और इस दिन सोना खरीदना बहुत हीं शुभ और फलदायक माना जाता है।
अक्षय तृतीया क्यों मनाया जाता है?
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया बहुत हीं धूम धाम से मनाया जाता है। इसके पीछे कई सारी वजहें है, जो मैं आपको इस लेख के नीचे विस्तार पूर्वक बताने वाला हूं।- इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को भगवद्गीता का उपदेश दिया था, जिससे अर्जुन को ज्ञान और शक्ति प्राप्त हुई थी।
- यह दिन भगवान परशुराम का जन्मदिन है और उनके अवतार का प्रारंभ भी इसी दिन माना जाता है।
- इस दिन धन-धान्य, वस्त्र, आभूषण, आदि खरीदने का शुभ माना जाता है। नये कार्य प्रारंभ करने और नये व्यवसाय शुरू करने का भी अच्छा मुहूर्त होता है।
- इस दिन भगवान गणेश और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है।
- हिंदू धर्म का मानना है कि अक्षय तृतीया के दिन किया गया सभी कार्य और किया गया सभी दान-पुण्य अक्षय फलदायी होते हैं। अर्थात इसका प्रभाव लंबे समय तक बना रहता है। वहीं अक्षय तृतीया को लोग कर्मयोग का प्रारंभ भी मानते हैं।
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