श्री केतु अष्टोत्तरशतनामावली - केतु के 108 नाम ! Shri Ketu Ashtottarashatanamavali - 108 names of Ketu
श्री केतु अष्टोत्तरशतनामावली - केतु के 108 नाम !
केतु ग्रह को मोक्ष का कारक माना गया है. केतु का प्रभाव व्यक्ति के आत्मिक और आध्यात्मिक विकास को बढ़ाता है. केतु को आध्यात्म, वैराग्य, मोक्ष, तांत्रिक आदि का कारक माना जाता है
केतु के लिए किसकी पूजा करनी चाहिए?
हिंदू धर्म में भगवान श्री गणेश को केतु का कारक माना जाता है इसलिए जो भी व्यक्ति केतु के दोष से परेशान है उसे श्री गणेश की पूजा करनी चाहिए. बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने से केतु के प्रकोप से शांति मिलती है. केतु के प्रकोप से परेशान व्यक्ति को शनिवार के दिन व्रत करना चाहिए !
Shri Ketu Ashtottarashatanamavali - 108 names of Ketu |
श्री केतु अष्टोत्तरशतनामावली - केतु के 108 नाम Shri Ketu ,Ashtottarashata namavali - 108 names of Ketu
- ॐ केतवे नमः ।
- ॐ स्थूलशिरसे नमः ।
- ॐ शिरोमात्राय नमः ।
- ॐ ध्वजाकृतये नमः ।
- ॐ नवग्रहयुताय नमः ।
- ॐ सिंहिकासुरीगर्भसम्भवाय नमः ।
- ॐ महाभीतिकराय नमः ।
- ॐ चित्रवर्णाय नमः ।
- ॐ पिङ्गलाक्षकाय नमः । ९ ।
- ॐ फलोधूम्रसङ्काशाय नमः ।
- ॐ तीक्ष्णदम्ष्ट्राय नमः ।
- ॐ महोरगाय नमः ।
- ॐ रक्तनेत्राय नमः ।
- ॐ चित्रकारिणे नमः ।
- ॐ तीव्रकोपाय नमः ।
- ॐ महासुराय नमः ।
- ॐ क्रूरकण्ठाय नमः ।
- ॐ क्रोधनिधये नमः । १८ ।
- ॐ छायाग्रहविशेषकाय नमः ।
- ॐ अन्त्यग्रहाय नमः ।
- ॐ महाशीर्षाय नमः ।
- ॐ सूर्यारये नमः ।
- ॐ पुष्पवद्ग्रहिणे नमः ।
- ॐ वरदहस्ताय नमः ।
- ॐ गदापाणये नमः ।
- ॐ चित्रवस्त्रधराय नमः ।
- ॐ चित्रध्वजपताकाय नमः । २७ ।
- ॐ घोराय नमः ।
- ॐ चित्ररथाय नमः ।
- ॐ शिखिने नमः ।
- ॐ कुलुत्थभक्षकाय नमः ।
- ॐ वैडूर्याभरणाय नमः ।
- ॐ उत्पातजनकाय नमः ।
- ॐ शुक्रमित्राय नमः ।
- ॐ मन्दसखाय नमः ।
- ॐ गदाधराय नमः । ३६ ।
- ॐ नाकपतये नमः ।
- ॐ अन्तर्वेदीश्वराय नमः ।
- ॐ जैमिनिगोत्रजाय नमः ।
- ॐ चित्रगुप्तात्मने नमः ।
- ॐ दक्षिणामुखाय नमः ।
- ॐ मुकुन्दवरपात्राय नमः ।
- ॐ महासुरकुलोद्भवाय नमः ।
- ॐ घनवर्णाय नमः ।
- ॐ लम्बदेहाय नमः । ४५ ।
- ॐ मृत्युपुत्राय नमः ।
- ॐ उत्पातरूपधारिणे नमः ।
- ॐ अदृश्याय नमः ।
- ॐ कालाग्निसन्निभाय नमः ।
- ॐ नृपीडाय नमः ।
- ॐ ग्रहकारिणे नमः ।
- ॐ सर्वोपद्रवकारकाय नमः ।
- ॐ चित्रप्रसूताय नमः ।
- ॐ अनलाय नमः । ५४ ।
- ॐ सर्वव्याधिविनाशकाय नमः ।
- ॐ अपसव्यप्रचारिणे नमः ।
- ॐ नवमे पापदायकाय नमः ।
- ॐ पञ्चमे शोकदाय नमः ।
- ॐ उपरागखेचराय नमः ।
- ॐ अतिपुरुषकर्मणे नमः ।
- ॐ तुरीये सुखप्रदाय नमः ।
- ॐ तृतीये वैरदाय नमः ।
- ॐ पापग्रहाय नमः । ६३ ।
- ॐ स्फोटककारकाय नमः ।
- ॐ प्राणनाथाय नमः ।
- ॐ पञ्चमे श्रमकारकाय नमः ।
- ॐ द्वितीयेऽस्फुटवग्दात्रे नमः ।
- ॐ विषाकुलितवक्त्रकाय नमः ।
- ॐ कामरूपिणे नमः ।
- ॐ सिंहदन्ताय नमः ।
- ॐ सत्ये अनृतवते नमः ।
- ॐ चतुर्थे मातृनाशाय नमः । ७२ ।
- ॐ नवमे पितृनाशकाय नमः ।
- ॐ अन्त्ये वैरप्रदाय नमः ।
- ॐ सुतानन्दनबन्धकाय नमः ।
- ॐ सर्पाक्षिजाताय नमः ।
- ॐ अनङ्गाय नमः ।
- ॐ कर्मराश्युद्भवाय नमः ।
- ॐ उपान्ते कीर्तिदाय नमः ।
- ॐ सप्तमे कलहप्रदाय नमः ।
- ॐ अष्टमे व्याधिकर्त्रे नमः । ८१ ।
- ॐ धने बहुसुखप्रदाय नमः ।
- ॐ जनने रोगदाय नमः ।
- ॐ ऊर्ध्वमूर्धजाय नमः ।
- ॐ ग्रहनायकाय नमः ।
- ॐ पापदृष्टये नमः ।
- ॐ खेचराय नमः ।
- ॐ शाम्भवाय नमः ।
- ॐ अशेषपूजिताय नमः ।
- ॐ शाश्वताय नमः । ९० ।
- ॐ नटाय नमः ।
- ॐ शुभाऽशुभफलप्रदाय नमः ।
- ॐ धूम्राय नमः ।
- ॐ सुधापायिने नमः ।
- ॐ अजिताय नमः ।
- ॐ भक्तवत्सलाय नमः ।
- ॐ सिंहासनाय नमः ।
- ॐ केतुमूर्तये नमः ।
- ॐ रवीन्दुद्युतिनाशकाय नमः । ९९ ।
- ॐ अमराय नमः ।
- ॐ पीडकाय नमः ।
- ॐ अमर्त्याय नमः ।
- ॐ विष्णुदृष्टाय नमः ।
- ॐ असुरेश्वराय नमः ।
- ॐ भक्तरक्षाय नमः ।
- ॐ वैचित्र्यकपटस्यन्दनाय नमः ।
- ॐ विचित्रफलदायिने नमः ।
- ॐ भक्ताभीष्टफलप्रदाय नमः । १०८ ।
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श्री केतु से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर - Shri Ketu Se Sambandhit Mahatvapoorn Prashn Uttar :-
- केतु का कौन सा मंत्र है?
केतु ग्रह की शुभता के लिए प्रस्तुत है मंत्र और उपाय... एकाक्षरी बीज मंत्र- ' ॐ कें केतवे नम: । ' तांत्रिक मंत्र- 'ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:।
- केतु को खुश कैसे करें?
केतु दोष सा हटाने के लिए कंबल, छाता, लोहा, उड़द, गर्म कपड़ा, कस्तूरी, लहसुनिया आदि का दान करना लाभकारी साबित होता है । अपने जीवन में केतु दोष से होने वाली परेशानियों से बचने के लिए केतु रत्न धारण करें या उपरत्न भी धारण कर सकते हैं। अगर केतु को जल्दी शांत करना है तो हर दिन काले-सफेद कुत्ते को अन्न खिलाएं।
- भगवान केतु को कौन नियंत्रित करता है?
केतु के प्रकोप से बचने के लिए आपको भगवान हनुमान जी, गणेश जी और मां दुर्गा की पूजा करनी ही चाहिए। इसके साथ ही आपको प्रतिदिन प्रातः हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए जिससे केतु का कोई भी बुरा प्रभाव न पड़े।
- केतु क्या दर्शाता है?
केतु विष्णु के मत्स्य अवतार से संबंधित है। केतु भावना भौतिकीकरण के शोधन के आध्यात्मिक प्रक्रिया का प्रतीक है और हानिकर और लाभदायक, दोनों ही ओर माना जाता है, क्योंकि ये जहां एक ओर दुःख एवं हानि देता है, वहीं दूसरी ओर एक व्यक्ति को देवता तक बना सकता है।
- कैसे पता चलेगा कि केतु मजबूत है?
केतु के प्रभाव को समझना: - आध्यात्मिक विकास: केतु पूरी तरह से आध्यात्मिकता और आंतरिक शांति खोजने के बारे में है। यदि आपकी जन्म कुंडली में केतु मजबूत है, तो आप ध्यान और जीवन के गहरे अर्थ को समझने जैसी चीजों से एक मजबूत जुड़ाव महसूस कर सकते हैं।
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