मंगल अष्टोत्तर शतनामावली - मंगल देवता के 108 नाम Mangal Ashtakot Shatnamavali - Mangal Devta ke 108 naam

मंगल अष्टोत्तर शतनामावली - मंगल देवता के 108 नाम 

मंगल का देवता कौन है?

अर्थ- भूमिपुत्र मंगल देवता चतुर्भुज अर्थात इनके चार हाथ हैं। शरीर के रोए लाल रंग के हैं। हाथों में शक्ति, त्रिशूल और गदा है। एक हाथ वरमुद्रा में रहता है।
पद्मपुराण के अनुसार, मंगल देवता की पूजा से कर्ज से मुक्ति मिलती है। मंगल का स्वरूप अद्वितीय है। शरीर का रंग लाल बताया गया है। शास्त्रों में इनके पुरुष रूप का वर्णन मिलता है। ऐसा कहते हैं कि मंगल भगवान शिव से उत्पन्न हुआ है। कुछ ग्रंथों में इसे भगवान शिव के रक्त तो कुछ में वीर्य से उत्पन्न बताया गया है। ज्योतिष के अनुसार, यह पूर्व दिशा में उदित होता है और पश्चिम में अस्त। मंगल का एक नाम भौम भी प्रसिद्ध है !

Mangal Ashtakot Shatnamavali - Mangal Devta ke 108 naam

मंगल अष्टोत्तर शतनामावली - Mangal Devta ke 108 naam

  1. ॐ महीसुताय नमः ।
  2. ॐ महाभागाय नमः ।
  3. ॐ मङ्गलाय नमः ।
  4. ॐ मङ्गलप्रदाय नमः ।
  5. ॐ महावीराय नमः ।
  6. ॐ महाशूराय नमः ।
  7. ॐ महाबलपराक्रमाय नमः ।
  8. ॐ महारौद्राय नमः ।
  9. ॐ महाभद्राय नमः । 
  10. ॐ माननीयाय नमः ।
  11. ॐ दयाकराय नमः ।
  12. ॐ मानदाय नमः ।
  13. ॐ अमर्षणाय नमः ।
  14. ॐ क्रूराय नमः ।
  15. ॐ तापपापविवर्जिताय नमः ।
  16. ॐ सुप्रतीपाय नमः ।
  17. ॐ सुताम्राक्षाय नमः ।
  18. ॐ सुब्रह्मण्याय नमः । १८
  19. ॐ सुखप्रदाय नमः ।
  20. ॐ वक्रस्तम्भादिगमनाय नमः ।
  21. ॐ वरेण्याय नमः ।
  22. ॐ वरदाय नमः ।
  23. ॐ सुखिने नमः ।
  24. ॐ वीरभद्राय नमः ।
  25. ॐ विरूपाक्षाय नमः ।
  26. ॐ विदूरस्थाय नमः ।
  27. ॐ विभावसवे नमः । २७
  28. ॐ नक्षत्रचक्रसञ्चारिणे नमः ।
  29. ॐ क्षत्रपाय नमः ।
  30. ॐ क्षात्रवर्जिताय नमः ।
  31. ॐ क्षयवृद्धिविनिर्मुक्ताय नमः ।
  32. ॐ क्षमायुक्ताय नमः ।
  33. ॐ विचक्षणाय नमः ।
  34. ॐ अक्षीणफलदाय नमः ।
  35. ॐ चक्षुर्गोचराय नमः ।
  36. ॐ शुभलक्षणाय नमः । ३६
  37. ॐ वीतरागाय नमः ।
  38. ॐ वीतभयाय नमः ।
  39. ॐ विज्वराय नमः ।
  40. ॐ विश्वकारणाय नमः ।
  41. ॐ नक्षत्रराशिसञ्चाराय नमः ।
  42. ॐ नानाभयनिकृन्तनाय नमः ।
  43. ॐ कमनीयाय नमः ।
  44. ॐ दयासाराय नमः ।
  45. ॐ कनत्कनकभूषणाय नमः । ४५
  46. ॐ भयघ्नाय नमः ।
  47. ॐ भव्यफलदाय नमः ।
  48. ॐ भक्ताभयवरप्रदाय नमः ।
  49. ॐ शत्रुहन्त्रे नमः ।
  50. ॐ शमोपेताय नमः ।
  51. ॐ शरणागतपोषकाय नमः ।
  52. ॐ साहसिने नमः ।
  53. ॐ सद्गुणाय नमः
  54. ॐ अध्यक्षाय नमः । ५४
  55. ॐ साधवे नमः ।
  56. ॐ समरदुर्जयाय नमः ।
  57. ॐ दुष्टदूराय नमः ।
  58. ॐ शिष्टपूज्याय नमः ।
  59. ॐ सर्वकष्टनिवारकाय नमः ।
  60. ॐ दुश्चेष्टवारकाय नमः ।
  61. ॐ दुःखभञ्जनाय नमः ।
  62. ॐ दुर्धराय नमः ।
  63. ॐ हरये नमः । ६३
  64. ॐ दुःस्वप्नहन्त्रे नमः ।
  65. ॐ दुर्धर्षाय नमः ।
  66. ॐ दुष्टगर्वविमोचकाय नमः ।
  67. ॐ भरद्वाजकुलोद्भूताय नमः ।
  68. ॐ भूसुताय नमः ।
  69. ॐ भव्यभूषणाय नमः ।
  70. ॐ रक्ताम्बराय नमः ।
  71. ॐ रक्तवपुषे नमः ।
  72. ॐ भक्तपालनतत्पराय नमः । ७२
  73. ॐ चतुर्भुजाय नमः ।
  74. ॐ गदाधारिणे नमः ।
  75. ॐ मेषवाहाय नमः ।
  76. ॐ मिताशनाय नमः ।
  77. ॐ शक्तिशूलधराय नमः ।
  78. ॐ शक्ताय नमः ।
  79. ॐ शस्त्रविद्याविशारदाय नमः ।
  80. ॐ तार्किकाय नमः ।
  81. ॐ तामसाधाराय नमः । ८१
  82. ॐ तपस्विने नमः ।
  83. ॐ ताम्रलोचनाय नमः ।
  84. ॐ तप्तकाञ्चनसङ्काशाय नमः ।
  85. ॐ रक्तकिञ्जल्कसन्निभाय नमः ।
  86. ॐ गोत्राधिदेवाय नमः ।
  87. ॐ गोमध्यचराय नमः ।
  88. ॐ गुणविभूषणाय नमः ।
  89. ॐ असृजे नमः ।
  90. ॐ अङ्गारकाय नमः । ९०
  91. ॐ अवन्तीदेशाधीशाय नमः ।
  92. ॐ जनार्दनाय नमः ।
  93. ॐ सूर्ययाम्यप्रदेशस्थाय नमः ।
  94. ॐ यौवनाय नमः ।
  95. ॐ याम्यदिङ्मुखाय नमः ।
  96. ॐ त्रिकोणमण्डलगताय नमः ।
  97. ॐ त्रिदशाधिपसन्नुताय नमः ।
  98. ॐ शुचये नमः ।
  99. ॐ शुचिकराय नमः । ९९
  100. ॐ शूराय नमः ।
  101. ॐ शुचिवश्याय नमः ।
  102. ॐ शुभावहाय नमः ।
  103. ॐ मेषवृश्चिकराशीशाय नमः ।
  104. ॐ मेधाविने नमः ।
  105. ॐ मितभाषणाय नमः ।
  106. ॐ सुखप्रदाय नमः ।
  107. ॐ सुरूपाक्षाय नमः ।
  108. ॐ सर्वाभीष्टफलप्रदाय नमः । १०८
इति श्री मंगल अष्टोत्तरशतनामावली !!

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मंगल देव से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर - Mangal Dev Se Sambandhit Mahatvapoorn Prashn Uttar

मंगल को खुश कैसे करें?

मंगल ग्रह को प्रभावित करने के लिए दान करें । आप दान कर सकते हैं: लाल मसूर की दाल, मूंग, सौंफ, मूंग, गेहूं, लाल कनेर के फूल, तांबे के बर्तन और गुड़ आदि। अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए मंगल यंत्र का उपयोग करें। मंगल ग्रह की कृपा के लिए जो रुद्राक्ष पहने जा सकते हैं वे हैं: 6 मुखी रुद्राक्ष और 11 मुखी रुद्राक्ष।

मंगल ग्रह को कौन सा भगवान नियंत्रित कर सकता है?

- मंगल के प्रभाव को कम करने के लिए भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ भगवान कार्तिकेय की भी पूर करनी चाहिए। - ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जप करने मंगल ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है।

गल की पत्नी कौन है?

मंगल की पत्नी नेरियो या नेरीने, "वीरता" थी। वह मंगल ग्रह की महत्वपूर्ण शक्ति (विज़) , शक्ति (पोटेंशिया) और महिमा (माइस्टास) का प्रतिनिधित्व करती है। उसका नाम मूल रूप से सबाइन माना जाता था और यह लैटिन वर्टस , "मर्दाना गुण" ( विर से, "पुरुष") के बराबर है।

मंगलवार के देवता कौन है?

यही कारण है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी का व्रत किया जाता है। इस दिन व्रत करने से जीवन के सभी प्रकार के कष्ट और संकट दूर होते हैं। वहीं मंगल ग्रह का संबंध भी हनुमान जी से माना गया है तो इस वजह से भी मंगलवार को हनुमान जी की पूजा की जाती है।

मंगल कमजोर है तो कैसे पता चलेगा?

कुंडली में मंगल की स्थिति कमजोर हो तो व्यक्ति को बेवजह किसी भी बात पर गुस्सा आने लगता है और उसका स्वभाव चिढ़चिढ़ा हो जाता है. पीड़ित मंगल की वजह से जातक किसी भी नए काम की शुरुआत नहीं कर पाता है. उस हर काम में असफल रहने का भय बना रहता है. कुंडली में मंगल कमजोर होने की व्यक्ति ज्यादातर समय थका हुआ महसूस करता !

मंगल ग्रह की पूजा करने से क्या होता है?

मंगल ग्रह की पूजा ज्योतिष शास्त्र में अत्यधिक शुभ मानी गई है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग साहस, पराक्रम से जुड़ा कार्य करना चाहते हैं, उन्हें मंगल ग्रह की पूजा करनी चाहिए।

मंगल के इष्ट देव कौन है?

मंगल ग्रह के स्वामी हनुमान जी होते हैं. हनुमान जी के इष्ट देव. प्रभु श्री राम को भी माना जाता है.
मांगलिक दोष समाप्त होने के नियम
मंगल सूर्य से अस्त हो जाए तो मांगलिक दोष प्रभावहीन हो जाता है। 
कर्क लग्न एवं सिंह लग्न में मंगल योग कारक होने के कारण मांगलिक दोष समाप्त हो जाता है। 
मंगल और गुरु का योग हो या गुरु की दृष्टि मंगल पर हो तो भी मांगलिक दोष समाप्त हो जाता है।

मंगल खराब होने के क्या लक्षण है?

  • संपत्ति को लेकर विवाद उत्पन्न होना
  • व्यक्ति को रक्त से जुड़ी बीमारियां होना
  • किसी मुक़दमे में फंसना
  • आत्मविश्वास और साहस का अत्यधिक कमजोर पड़ना
  • हिंसक स्वभाव व्यक्ति पर हावी होना
  • कर्जे की स्थिति आ जाना
  • वैवाहिक जीवन में कड़वाहट आना
  • भाई से रहता है हमेशा विवाद

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