मंगल देवता के 108 नाम - Mangal Ashtanga Shatnamavali

मंगल अष्टोत्तर शतनामावली !

मंगल ग्रह या देव साहस, पराक्रम और निर्भिकता के देव हैं। मंगल भी धरती को कई सारी आपदाओं से बचाता है। मंगल ग्रह धरती को शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभाव से भी बचाता है। मंगल के कारण ही समुद्र में मूंगे की पहाड़ि यां जन्म लेती हैं और उसी के कारण प्रकृति में लाल रंग उत्पन्न हुआ है।
ज्योतिष में मंगल ग्रह का विशेष महत्व है। किसी भी राशि पर पहुंचने के आठ दिन पूर्व ही यह फल देना आरंभ कर देता है। मुकदमा, झगड़ा आदि उग्र मामलों में मंगल का ही प्रभाव होता है। मनुष्य शरीर में पेट से पीठ तक का भाग तथा नाक, कान, फेफड़े एवं शारीरिक बल इसके अधिकार क्षेत्र के माने गए हैं।

108 names of God Mangal - Mangal Ashtanga Shatnamavali

मंगल देवता के 108 नाम - Mangal Ashtanga Shatnamavali

  1. ॐ महीसुताय नमः ।
  2. ॐ महाभागाय नमः ।
  3. ॐ मङ्गलाय नमः ।
  4. ॐ मङ्गलप्रदाय नमः ।
  5. ॐ महावीराय नमः ।
  6. ॐ महाशूराय नमः ।
  7. ॐ महाबलपराक्रमाय नमः ।
  8. ॐ महारौद्राय नमः ।
  9. ॐ महाभद्राय नमः । 9 ।
  10. ॐ माननीयाय नमः ।
  11. ॐ दयाकराय नमः ।
  12. ॐ मानदाय नमः ।
  13. ॐ अमर्षणाय नमः ।
  14. ॐ क्रूराय नमः ।
  15. ॐ तापपापविवर्जिताय नमः ।
  16. ॐ सुप्रतीपाय नमः ।
  17. ॐ सुताम्राक्षाय नमः ।
  18. ॐ सुब्रह्मण्याय नमः । 18 ।
  19. ॐ सुखप्रदाय नमः ।
  20. ॐ वक्रस्तम्भादिगमनाय नमः ।
  21. ॐ वरेण्याय नमः ।
  22. ॐ वरदाय नमः ।
  23. ॐ सुखिने नमः ।
  24. ॐ वीरभद्राय नमः ।
  25. ॐ विरूपाक्षाय नमः ।
  26. ॐ विदूरस्थाय नमः ।
  27. ॐ विभावसवे नमः । 27 ।
  28. ॐ नक्षत्रचक्रसञ्चारिणे नमः ।
  29. ॐ क्षत्रपाय नमः ।
  30. ॐ क्षात्रवर्जिताय नमः ।
  31. ॐ क्षयवृद्धिविनिर्मुक्ताय नमः ।
  32. ॐ क्षमायुक्ताय नमः ।
  33. ॐ विचक्षणाय नमः ।
  34. ॐ अक्षीणफलदाय नमः ।
  35. ॐ चक्षुर्गोचराय नमः ।
  36. ॐ शुभलक्षणाय नमः । 36 ।
  37. ॐ वीतरागाय नमः ।
  38. ॐ वीतभयाय नमः ।
  39. ॐ विज्वराय नमः ।
  40. ॐ विश्वकारणाय नमः ।
  41. ॐ नक्षत्रराशिसञ्चाराय नमः ।
  42. ॐ नानाभयनिकृन्तनाय नमः ।
  43. ॐ कमनीयाय नमः ।
  44. ॐ दयासाराय नमः ।
  45. ॐ कनत्कनकभूषणाय नमः । 45 ।
  46. ॐ भयघ्नाय नमः ।
  47. ॐ भव्यफलदाय नमः ।
  48. ॐ भक्ताभयवरप्रदाय नमः ।
  49. ॐ शत्रुहन्त्रे नमः ।
  50. ॐ शमोपेताय नमः ।
  51. ॐ शरणागतपोषकाय नमः ।
  52. ॐ साहसिने नमः ।
  53. ॐ सद्गुणाय नमः
  54. ॐ अध्यक्षाय नमः । 54 ।
  55. ॐ साधवे नमः ।
  56. ॐ समरदुर्जयाय नमः ।
  57. ॐ दुष्टदूराय नमः ।
  58. ॐ शिष्टपूज्याय नमः ।
  59. ॐ सर्वकष्टनिवारकाय नमः ।
  60. ॐ दुश्चेष्टवारकाय नमः ।
  61. ॐ दुःखभञ्जनाय नमः ।
  62. ॐ दुर्धराय नमः ।
  63. ॐ हरये नमः । 63 ।
  64. ॐ दुःस्वप्नहन्त्रे नमः ।
  65. ॐ दुर्धर्षाय नमः ।
  66. ॐ दुष्टगर्वविमोचकाय नमः ।
  67. ॐ भरद्वाजकुलोद्भूताय नमः ।
  68. ॐ भूसुताय नमः ।
  69. ॐ भव्यभूषणाय नमः ।
  70. ॐ रक्ताम्बराय नमः ।
  71. ॐ रक्तवपुषे नमः ।
  72. ॐ भक्तपालनतत्पराय नमः । 72 ।
  73. ॐ चतुर्भुजाय नमः ।
  74. ॐ गदाधारिणे नमः ।
  75. ॐ मेषवाहाय नमः ।
  76. ॐ मिताशनाय नमः ।
  77. ॐ शक्तिशूलधराय नमः ।
  78. ॐ शक्ताय नमः ।
  79. ॐ शस्त्रविद्याविशारदाय नमः ।
  80. ॐ तार्किकाय नमः ।
  81. ॐ तामसाधाराय नमः । 81 ।
  82. ॐ तपस्विने नमः ।
  83. ॐ ताम्रलोचनाय नमः ।
  84. ॐ तप्तकाञ्चनसङ्काशाय नमः ।
  85. ॐ रक्तकिञ्जल्कसन्निभाय नमः ।
  86. ॐ गोत्राधिदेवाय नमः ।
  87. ॐ गोमध्यचराय नमः ।
  88. ॐ गुणविभूषणाय नमः ।
  89. ॐ असृजे नमः ।
  90. ॐ अङ्गारकाय नमः । 90 ।
  91. ॐ अवन्तीदेशाधीशाय नमः ।
  92. ॐ जनार्दनाय नमः ।
  93. ॐ सूर्ययाम्यप्रदेशस्थाय नमः ।
  94. ॐ यौवनाय नमः ।
  95. ॐ याम्यदिङ्मुखाय नमः ।
  96. ॐ त्रिकोणमण्डलगताय नमः ।
  97. ॐ त्रिदशाधिपसन्नुताय नमः ।
  98. ॐ शुचये नमः ।
  99. ॐ शुचिकराय नमः । 99 ।
  100. ॐ शूराय नमः ।
  101. ॐ शुचिवश्याय नमः ।
  102. ॐ शुभावहाय नमः ।
  103. ॐ मेषवृश्चिकराशीशाय नमः ।
  104. ॐ मेधाविने नमः ।
  105. ॐ मितभाषणाय नमः ।
  106. ॐ सुखप्रदाय नमः ।
  107. ॐ सुरूपाक्षाय नमः ।
  108. ॐ सर्वाभीष्टफलप्रदाय नमः । 108 ।
इति श्री मंगल ग्रह अष्टोत्तर शतनामावली संपूर्णम !!

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मंगल देव से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर - Mangal Dev Se Sambandhit Mahatvapoorn Prashn Uttar :-

मंगल ग्रह के इष्ट देवता कौन है?

मेष और वृश्चिक राशि : अगर आप मेष अथवा वृश्चिक राशि के हैं तो मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल होते हैं. मंगल ग्रह के स्वामी हनुमान जी होते हैं. हनुमान जी के इष्ट देव. प्रभु श्री राम को भी माना जाता है !

मंगल को कौन से भगवान नियंत्रित करते हैं?

Mangalwar Ke Upay: मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को समर्पित है और कहते हैं कि इनका पूजन करने से व्यक्ति को जीवन में आ रहे सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है. Mangalwar Ke Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष है तो कुछ उपाय अपनाने से राहत मिलती है !

मंगल देव का मंत्र कौन सा है?

साथ ही मंगलवार के दिन मंगल ग्रह की भी पूजा की जाती है। ज्योतिषों की मानें तो मांगलिक होने पर जातक के विवाह में बहुत देर होती है। 'ॐ धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभम। कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम।।

मंगल कौन सी राशि में उच्च का होता है?
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह मकर राशि में उच्च के होते हैं, जो जातकों को अनुकूल परिणाम देते हैं।


मंगल ग्रह से किस देवता का संबंध है?
देवता मंगला हिंदू धर्म में मंगल ग्रह के देवता और अवतार हैं। भगवान मंगला (अंगारक, कुजा, भौमा) को या तो भूदेवी (पृथ्वी) और विष्णु (वराह के रूप में) का पुत्र या शिव के पसीने/रक्त की बूंद से पैदा होने के रूप में वर्णित किया गया है।

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