श्री पासावली प्रश्न चक्रम् ( महावीर प्रश्नावली ),Shree Pasavali Prashna Chakram (Mahavir Prashnavali)
श्री पासावली प्रश्न चक्रम् ( महावीर प्रश्नावली )
श्री पासावली प्रश्न चक्रम्
यह पासावली प्रश्न चक्रम महर्षि गर्गाचार्य द्वारा रचित है। यह एक मूक प्रश्न पासावली है, जिसके द्वारा प्रश्न का भाव क्या सोचा गया है तथा उसका प्रश्न फल कैसा घटित होगा ? इस बात की तत्क्षण जानकारी हो जाती है । यह एक चमत्कारी प्रश्नफल विधि है ।
Shree Pasavali Prashna Chakram (Mahavir Prashnavali) |
- विधि -
प्रश्नकर्त्ता को चाहिए कि सर्वप्रथम पासावली पर कुछ पुष्प तथा दक्षिणा समर्पित करके इसे प्रणाम करे। तत्पश्चात् पूजन वाली एक छोटी सुपारी हाथ में लेकर ! निम्नांकित मंत्र को इक्कीस दफा जाप करके सुपारी को अभिमंत्रित करें और आँखें बंद करके उस सुपारी को पासावली पर डाल दें। जिस चक्र में सुपारी पड़े उसके अनुसार फल समझ लेना चाहिए।
- मंत्र -
ॐ नमो भगवती कूष्माण्डणी सर्व कार्य प्रसाधिनी सर्वनिमित प्रकाशिनी ऐहि- ऐहि वरं देहि वरं देहि हलि-हिल मातंगिनी सत्यं ब्रूहि सत्यं ब्रूहि स्वाहा ।
श्री महादेव नमस्कृत्यं केवल ज्ञान भास्करम्।
वक्षे सद्गुरूणां दुष्टं ज्ञेयं येन शुभाशुभम्॥
॥ अथ प्रश्न फल कथनम् ॥
- 111. उत्तम । तुम्हारा शकुन शुभ है। कार्य सिद्धि होगा। व्यापार में लाभ।
- 112. मध्यम । इस कार्य के करने में लाभ नहीं है ।उत्तम । चिंता दूर होगीं। कल्याण होगा।
- 114. उत्तम । कुल की वृद्धि और लाभ होगा।
- 121. मध्यम । सम्मान प्राप्ति । कुछ चिंता होगी। श्री रामेश्वर की पूजा करें।
- 122. उत्तम। घर में लाभ। मनोकामना पूर्ण ।
- 123. उत्तम कार्य सिद्धि । कुटुंब की वृद्धि और स्त्री तथा धन लाभ ।
- 124. उत्तम। धन-संतान की प्राप्ति । व्यापार में लाभ । शनिश्चर देव की पूजा
- करें ।
- 131. उत्तम । सब बातें भली होगी। राज्य का काम मिलेगा। खोयी वस्तु मिलेगी।
- 132.त्तम । जो कार्य सोचा है, पूरा होगा। चिंताएं दूर होगी।
- 133.मध्यम। धन की हानि। सोमवार को शिवजी की पूजा करें।
- 134. उत्तम । घर में लाभ। शासन से मनोवांछित फल मिलेगा।उत्तम। घर में लाभ।
- 142. उत्तम । भाई-बन्धु, मित्रों से मिलाप । चिंताएँ मिटेगी।
- 141.उत्तम। घर में लाभ। कपड़े के व्यापार में अति लाभ । दुःख दूर होंगे।
- 143. उत्तम। मनोकामना सिद्ध होगी। धन-धान्य की चिंता दूर होगी। कल्याण और पुत्र लाभ। गांव जाने का स्वप्न दिखे तो अति उत्तम है।
- 144. उत्तम। सकल कामना सिद्ध होगी। स्वप्न में देवी के दर्शन हों तो शुभ है।
- 211. उत्तम । अर्थ सिद्धि और कुल में वृद्धि । सारे मनोरथ सिद्ध ।
- 213. मध्यम । मन में स्त्री अथवा धन की चिंता है। सोलह मास के अंत में फल मिलेगा।
- 214. उत्तम । कल्याण होगा और गयी वस्तु मिलेगी। धन-धान्य की चिंता दूर होगी।
- 221. उत्तम। तीन वर्ष से चिंता अथवा दुःख व क्लेश है। वह दूर होगा।
- 222. मध्यम । घर में विरोधी की स्थिति है। स्त्री से प्रीति कम है। मित्रों से बोलचाल नहीं है, जिससे क्लेश है। श्री भगवान की पूजा करें।
- 223. मध्यम । मन में चिंता है। लाभ नहीं होता। घर में क्लेश रहता है। कुछ दिन में लाभ होगा।
- 224. पराये घर की फिक्र है। नव ग्रहों की पूजा करें।
- 231. उत्तम। सुख और लाभ होगा। एक महीने के अंत में फल मिलेगा
- 232. मध्यम। इस काम को न करें। डर है, सुख न मिलेगा। घर में विरोध है और व्यापार में लाभ नहीं है।
- 233. मध्यम। इस काम के करने से चिंता होगी। कुछ और काम करें।
- 234. सामान्य है। घर में विरोध रहता है और कुटम्ब में एका नहीं है। डरें नहीं, सब दुःख दूर हो जाएंगे।
- 241. उत्तम । घर में सुख होगा। कामना सिद्ध होगी ।
- 242. मध्यम । व्यापार में लाभ । सूर्य का व्रत करें, शरीर सुख मिलेगा।
- 243. उत्तम। व्यापार में लाभ । मन का संदेह दूर होगा ।
- 244.उत्तम। सुख लाभ । चिंताएं दूर होंगी।
- 311. उत्तम । अच्छे स्थान से लाभ । मनोकामना पूर्ण होगी ।
- 312. उत्तम । मनोकामना सफल होगी। धन-धान्य का लाभ ! स्वप्न में गज, अश्व दिखें तो मांगलिक लाभ ।
- 313. सामान्य। धन की इच्छा है, परन्तु बैरी बहुत हैं । चिंता दूर होगी। शकुन सामान्य है ।
- 314. उत्तम । कल्याण होगा। अर्थ प्राप्त होगा। श्री गणेश की पूजा करें।
- 321. मध्यम । घर में लाभ । व्यापार में लाभ होगा।
- 322. मध्यम। धन का नाश होगा। 323. अर्थ लाभ, सौभाग्य मिलेगा। शत्रु नाश ।
- 324. उत्तम । कृषि व्यापार में बहुत लाभ । मनोकामना पूर्ण होगी। हनुमानजी
- का पूजन करें।
- 331. उत्तम । चिंताएं दूर होंगी। लक्ष्मी की प्राप्ति होगी। कार्य सिद्ध होगा।
- 332. मनोरथ सिद्ध होंगे। चिंता न करें।
- 333. उत्तम । काम शुभ होंगे। चिंताएँ मिटेंगी। भाई-बन्धु, मित्र से मिलाप होगा ।
- 334. उत्तम। व्यापार में लाभ । मनोरथ सिद्ध होंगे।
- 341. उत्तम । सब कार्य सिद्ध होंगे। धैर्य धरें ।
- 342. उत्तम । घर में प्रीति बढ़ेगी और अति लाभ होगा। मनोकामना फलेगी ।
- 343. मध्यम । बहुत हैं। जो काम विचारा है, सो बनेगा, पर इस काम में लाभ नहीं है।
- 344. उत्तम। बहुत लाभ होगा। मित्र-बन्धु से मिलाप होगा।
- 411. उत्तम । मनोरथ सिद्ध होगा। धन-धान्य का लाभ भी ।
- 412. चिंताएं कुछ दिन से मिट जाएंगी। आपकी वस्तु दूसरे के हाथ में है । धैर्य धरें ।
- 413. उत्तम । चिंता मिटेगी। धन उपार्जन अर्थात् व्यापार करें ।
- 414. उत्तम। कुछ चिंताएँ जो शीघ्र दूर होंगी। व्यापार में सुख लाभ। मनोरथ फलेगा ।
- 421. उत्तम । मन में परदेश जाने की इच्छा है। मनोरथ सिद्ध होगा।
- 422. मध्यम । मन में चिंता है। पूजन करें। चिंता, रोग दूर होंगे।
- 423. उत्तम। घर में लाभ बैरी का नाश । सुख-सम्पत्ति मिलेगी। कुटुम्ब में फल पुत्र का लाभ, परन्तु क दीप-दीपक देवता के मंदिर में जलाएं।
- 424. मध्यम। घर में चिंता है, दूर होगी। मनोकामना सिद्ध होगी ।
- 431. उत्तम । लाभ होगा, किसी स्थान की प्राप्ति होगी। मनोरथ सिद्ध होंगे।
- 432. उत्तम। लाभ है। चिंता दूर होगी। धन-धान्य का लाभ और सुख होगा। परदेश जाएं तो सम्मान पाएंगे।
- 433. मध्यम । मन में चिंता है। शंका न करें। सुख होगा।
- 434. उत्तम । शरीर में क्लेश है अथवा भाई-बन्धु से मेल नहीं है। मनोकामना पूर्ण होगी।
- 441. उत्तम फल प्राप्ति होगी। कोई उपाय करें । मनोरथ सिद्ध होगा ।
- 442. मध्यम। इस काम के करने से सुख न मिलेगा। शिवजी के मंदिर में एक दीपक का प्रकाश करें।
- 443. मध्यम। यह काम अशुभ है। इसमें चिंता होगी और काम बिगड़ेगा । नवग्रह पूजन से कल्याण होगा। शकुन मध्यम है।
- 444. उत्तम। व्यापार में लाभ। मन में कुछ चिंता होगी। कुछ दिन बाद सकल कामना सिद्ध होगी। श्रीराम नाम की गोली बनाकर जल में डालें अथवा जीवों को चुगाएं। सुखदायी फल मिलेगा
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