Saptashloki Durga : दुर्गा सप्तश्लोकी पाठ हिंदी अर्थ सहित,Durga Saptashloki Paath Hindi Arth Saath

दुर्गा सप्तश्लोकी पाठ हिंदी अर्थ सहित,Durga Saptashloki Paath Hindi Arth Saath

सप्तश्लोकी दुर्गा, दुर्गा सप्तशती का छोटा हिस्सा है. यह सात श्लोकों से बना है. इन श्लोकों में भगवान शिव ने माता पार्वती के रूप और उनके अवतारों का वर्णन किया है. इन श्लोकों में मां दुर्गा के दिव्य तेज, सौंदर्य, और साहस का वर्णन मिलता है मान्यता है कि सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ करने से साधक को मानसिक और शारीरिक सुख मिलता है. साथ ही, इससे कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में विजय मिलती है और शत्रु बाधा भी दूर होती है. सप्तश्लोकी दुर्गा के पाठ से माँ दुर्गा सभी प्रकार के दुःख, दरिद्रता, और भय रोगों व परेशानियों से रक्षा एवं नष्ट कर देती है सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ नवरात्रि के नौ दिन करने से इसका पूर्ण फल मिलता है. मान्यता है कि शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के 9 दिन में दुर्गासप्तशती का पाठ करना चाहिए !

Durga Saptashloki Paath Hindi Arth Saath

।। दुर्गा सप्तश्लोकी पाठ हिंदी अर्थ सहित ।।

  • ।। शिव उवाच ।।
देवि त्वं भक्तसुलभे सर्वकार्यविधायिनी ।
कलौ हि कार्यसिद्धयर्थमुपायं ब्रूहि यत्नतः॥
  • हिंदी अर्थ:-
शिव जी बोले :-  हे देवि! तुम भक्तों के लिये सुलभ हो और समस्त कर्मों का विधान करनेवाली हो। कलियुग में कामनाओं की सिद्धि हेतु यदि कोई उपाय हो तो उसे अपनी वाणी द्वारा सम्यक् रूप से व्यक्त करो।
  • ।। देव्यु उवाच ।।
श्रृणु देव प्रवक्ष्यामि कलौ सर्वेष्टसाधनम्।
मया तवैव स्नेहेनाप्यम्बास्तुतिः प्रकाश्यते ॥
  • हिंदी अर्थ:-
देवी ने कहा :- हे देव! आपका मेरे ऊपर बहुत स्नेह है। कलियुगमें समस्त कामनाओं को सिद्ध करने वाला जो साधन है वह बतलाऊँगी, सुनो! उसका नाम है ‘ अम्बास्तुति ‘।
  • ।। विनियोगः ।।
ॐ अस्य श्रीदुर्गासप्तश्लोकीस्तोत्रमन्त्रस्य नारायण ऋषिः अनुष्टप्‌ छन्दः, श्रीमह्मकाली महालक्ष्मी महासरस्वत्यो देवताः, श्रीदुर्गाप्रीत्यर्थं सप्तश्लोकीदुर्गापाठे विनियोगः। ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हिसा।
  • हिंदी अर्थ:-
विनियोग का अर्थ :- ॐ इस दुर्गासप्तश्लोकी स्तोत्रमन्त्र के नारायण ऋषि हैं, अनुष्टुप् छन्द है, श्रीमहाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती देवता हैं, श्रीदुर्गा की प्रसन्नता के लिये सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ में इसका विनियोग किया जाता है।

 दुर्गा सप्तश्लोकी पाठ हिंदी अर्थ सहित [ Durga Saptashloki ]

ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा।
बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति ॥ १ ॥
  • हिंदी अर्थ:-
वे भगवती महामाया देवी ज्ञानियों के भी चित्त को बलपूर्वक खींच कर मोह में डाल देती हैं ॥ १ ॥

दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्र्‌यदुःखभयहारिणि त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता॥ १ ॥
  • हिंदी अर्थ:-
 माँ दुर्गे! आप स्मरण करने पर सब प्राणियों का भय हर लेती हैं और स्वस्थ पुरुषों द्वारा चिन्तन करने पर उन्हें परम कल्याणमयी बुद्धि प्रदान करती हैं। दुःख, दरिद्रता और भय हरनेवाली देवि! आपके अतिरिक्त अन्य कौन है, जिसका चित्त सबका उपकार करने के लिये सदा ही दया से द्रवीभूत रहता हो॥२॥

सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। 
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥३॥
  • हिंदी अर्थ:-
 हे नारायणी! तुम हर प्रकार का मंगल प्रदान करनेवाली मंगलमयी हो। कल्याणदायिनी शिवा हो। सब पुरुषार्थों को सिद्ध करनेवाली, शरणागतवत्सला, तीन नेत्रोंवाली गौरी! तुम्हें नमस्कार है॥३॥

शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे। 
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तुते॥४॥
  • हिंदी अर्थ:-
शरण में आये हुए दीन-दुखी एवं पीड़ितों की रक्षा में संलग्न रहनेवाली तथा सबकी पीड़ा दूर करनेवाली नारायणी देवि! तुम्हें नमस्कार है॥४॥

सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते। 
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तुते॥५॥
  • हिंदी अर्थ:-
सर्वस्वरूपा, सर्वेश्वरी तथा सब प्रकारकी शक्तियों से सम्पन्न दिव्य रूपा दुर्गे देवि! सब भयों से हमारी रक्षा करो, तुम्हें नमस्कार है ॥ ५ ॥
  • श्लोक
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥६॥
  • हिंदी अर्थ:-
 देवि ! तुम प्रसन्न होने पर सब रोगों को नष्ट कर देती हो और कुपित होने पर मनोवांछित सभी कामनाओं का नाश कर देती हो। जो लोग तुम्हारी शरणमें जा चुके हैं, उनपर विपत्ति तो आती ही नहीं। तुम्हारी शरणमें गये हुए मनुष्य दूसरों को शरण देनेवाले हो जाते हैं ॥ ६ ॥

सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्या खिलेश्वरि।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरि विनाशनम् ॥७॥
  • हिंदी अर्थ:-
हे सर्वेश्वरि! तुम इसी प्रकार तीनों लोकों की समस्त बाधाओं को शान्त करो और हमारे शत्रुओं का नाश करती रहो॥७॥

मान्यता है कि सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्र का पाठ करने से ये फ़ायदे

  • मानसिक और शारीरिक सुख मिलता है.
  • शुक्रवार के दिन सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्र का पाठ करने से कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में विजय मिलती है.
  • शत्रु बाधा दूर होती है.
  • सभी तरह के दुख, दरिद्रता, भय, रोगों और परेशानियों से रक्षा होती है.
  • परम कल्याणमयी बुद्धि मिलती है.
  • नवरात्रि के नौ दिन सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्र का पाठ करने से इसका पूरा फल मिलता है.

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