मां कात्यायनी का अर्थ और मंत्र,आरती,कथा और पूजा के फ़ायदे,Maa Katyayani Ka Arth,Mantr,Aarti,story Aur Pooja Ke Faayade

मां कात्यायनी का अर्थ और मंत्र,आरती,कथा और पूजा के फ़ायदे

मां कात्यायनी का अर्थ है अहंकार और कठोरता का नाश वह नव दुर्गा का छठा रूप हैं. कात्यायनी, देवी पार्वती, लाल रंग में सजे, दुर्गा और पार्वती का एक विशेषण भी है मां कात्यायनी, ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं. गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी. विवाह संबंधी मामलों के लिए इनकी पूजा अचूक मानी जाती है. मान्यता है कि मां कात्यायनी की भक्ति से मनुष्य को अर्थ, धर्म, मोक्ष जैसे फलों की प्राप्ति होती है

जाने कौन हैं माता कात्यायनी

मां कात्यायनी, देवी दुर्गा का छठा रूप हैं. नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी को अमोघ फलदायिनी माना जाता है मां कात्यायनी का स्वरूप चमकीला और भास्वर है. इनकी चार भुजाएं हैं. इनका वाहन सिंह है. इनकी दाहिनी तरफ़ का ऊपरवाला हाथ अभयमुद्रा में और नीचे वाला वरमुद्रा में है. बाईं तरफ़ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प है मां कात्यायनी की उत्पत्ति या प्राकट्य के बारे में वामन और स्कंद पुराण में अलग-अलग बातें बताई गई हैं. स्कंद पुराण के मुताबिक, देवी के कात्यायनी रूप की उत्पत्ति परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से हुई थी. वहीं, वामन पुराण के मुताबिक, सभी देवताओं ने अपनी ऊर्जा को बाहर निकालकर कात्यायन ऋषि के आश्रम में इकट्ठा किया था. कात्यायन ऋषि ने उस शक्तिपूंज को एक देवी का रूप दिया था

Maa Katyayani Ka Arth,Mantr,Aarti,story Aur Pooja Ke Faayade

आराधना मंत्र मां कात्यायनी की

  • या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
  • कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
  • चंद्रहासोज्जवलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्यादेवी दानव घातिनी।।
  • ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
  • ओम देवी कात्यायन्यै नमः॥
  • कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि । नन्द गोपसुतं देविपतिं मे कुरु ते नमः ॥
  • ॐ ह्रीं नम:।।
  • चन्द्रहासोज्जवलकराशाईलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।

मां कात्यायनी स्तुति

या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

कात्यायनी माता की आरती

जय जय अम्बे, जय कात्यायनी।
जय जगमाता, जग की महारानी।
बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदाती नाम पुकारा।
कई नाम हैं, कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है।
हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।
हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते।
कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की।
झूठे मोह से छुड़ाने वाली।
अपना नाम जपाने वाली।
बृहस्पतिवार को पूजा करियो।
ध्यान कात्यायनी का धरियो।
हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी।
जो भी मां को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे।

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मां कात्यायनी की कथा

मान्यता यह है की एक समय कत नाम के प्रसिद्ध ऋषि थे। उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए, उन्हीं के नाम से प्रसिद्ध कात्य गोत्र से, विश्वप्रसिद्ध ऋषि कात्यायन उत्पन्न हुए। उन्होंने भगवती पराम्बरा की उपासना करते हुए कठिन तपस्या की। उनकी इच्छा थी कि भगवती उनके घर में पुत्री के रूप में जन्म लें। माता ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली। कुछ समय के पश्चात जब महिषासुर नामक राक्षस का अत्याचार बहुत बढ़ गया था, तब उसका विनाश करने के लिए ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने अपने अपने तेज़ और प्रताप का अंश देकर देवी को उत्पन्न किया था। महर्षि कात्यायन ने इनकी पूजा की इसी कारण से यह देवी कात्यायनी कहलायीं। अश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेने के बाद शुक्ल सप्तमी, अष्टमी और नवमी, तीन दिनों तक कात्यायन ऋषि ने इनकी पूजा की, पूजा ग्रहण कर दशमी को इस देवी ने महिषासुर का वध किया।

मां कात्यायनी की पूजा करने से ये फ़ायदे मिलते हैं

नवरात्रि में छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को अर्थ, धर्म, काम, और मोक्ष चारों फ़लों की प्राप्ति होती है. साथ ही, इनकी पूजा से शीघ्र विवाह के योग और मनचाहा जीवनसाथी मिलने का वरदान प्राप्त होता है

मां कात्यायनी की पूजा के फ़ायदे

  • मां कात्यायनी की पूजा करने से रोग, शोक, संताप, और भय नष्ट हो जाते हैं.
  • जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं.
  • प्रेम जीवन बेहतर होता है और स्त्रीत्व में भी वृद्धि होती है.
  • नवविवाहित जीवन में समस्याएं आने पर कात्यायनी मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे पति-पत्नी का मन शांत होता है और आपस में बेहतर सामंजस्य स्थापित कर पाते हैं.
  • वृषभ और तुला राशि के लोग मां कात्यायनी की आराधना करें तो संपूर्ण समस्याओं का निवारण हो जाएगा.
  • देवी कात्यायनी दानवों तथा पापियों का नाश करने वाली हैं.
  • देवी कात्यायनी जी के पूजन से भक्त के भीतर शक्ति का संचार होता है. 
मां कात्यायनी को पान के पत्ते बहुत पसंद हैं. नवरात्रि में पान के पत्ते के कुछ विशेष उपाय करने से मां दुर्गा प्रसन्न होकर हर मनोकामना पूर्ण करती हैं

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