जय श्री श्याम ! Khatu Shyam Ji Shayari,Status
जिस में तू नहीं वो तमन्ना अधूरी हैं,
तू जो मिल जाये तो जिन्दगी पूरी हैं
तेरे साथ जुड़ी हैं खुशियां,
बाकी सबके साथ हंसना तो मजबूरी हैं।
।। जय श्री श्याम।।
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Khatu Shyam Ji Shayari,Status |
हिचकी दिलाकर ये कैसी उलझन बढ़ा रहे हो,
आंखे बंद हैं फिर भी नजर आ रहे हो
बस इतना बता दो मेरे श्याम
हमें याद कर रहे हो, या अपनी याद दिला रहे हो।।
।। जय श्री श्याम।।
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हाथों में ले श्याम ध्वजा, मन में ले विश्वास,
लो चल चले हम खाटू धाम, अब पूरी होंगी आस।
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मेरा प्यार कुछ भी नहीं तेरे प्यार के आगे।
मेरी भक्ति कुछ भी नहीं तेरे दीदार के आगे।
फिर भी अपनी किस्मत पे इतराता हूँ श्याम,
जब सर झुकता है तेरे दरबार के आगे।।
।। जय श्री श्याम।।
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काश किसी रोज, उतर आओ सांवरे,
तुम अपनी तस्वीर से, एक लम्हें की तरह।
दिल का हर, राज बयां हो जाये,
फिर बारिश की तरह।।
।। जय श्री श्याम।।
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कहते हैं कि जब कोई किसी को बहुत याद करता है
तो तारा टूट कर गिरता है
एक दिन सारा आसमान खाली हो जायेगा
और इल्जाम मुझ पर आ जायेगा मेरे श्याम
।। जय श्री श्याम।।
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थोड़ा सा गर विश्वास रखो तो तार देते हैं,
मन में गर आस रखो तो संवार देते हैं,
ऐसे दयालु हैं मेरे श्याम,
दिल के पास रखो तो बेइन्तहा प्यार देते हैं।
।। जय श्री श्याम।।
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मेरे श्याम कहते है मत सोच की तेरा सपना क्यों पूरा नहीं होता
हिम्मत वालो का इरादा कभी अधुरा नहीं होता
जिस इंसान के कर्म अच्छे होते है
उस के जीवन में कभी अँधेरा नहीं होता
!! जय श्री श्याम !!
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जिस इंसान के कर्म अच्छे होते है
उस के जीवन में कभी अँधेरा नहीं होता
!! जय श्री श्याम !!
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आँखो की चमक पलकों की शान हो तुम,
चेहरे की हंसी लबों की मुस्कान हो तुम,
घड़कता हैं दिल बस श्याम तुम्हारी आरजू में,
फिर कैसे ना कहूँ श्याम मेरी जान हो तुम।।
।। जय श्री श्याम।।
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खाटू जाने का नशा कुछ अलग होता है,
पलको से श्याम चरणों को छूने से, दिल पर असर होता है,
मन्दिर में जब श्याम प्यार भरी नजरों से देखते हैं लगता है कि
जिन्दगी का पहला सफर यही से शुरू होता है।
।। जय श्री श्याम।।
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तू चाहे तो मेरा हर काम साकार हो जाये,
तेरी कृपा से खुशियों की बहार हो जाये,
यूं तो कर्म मेरे भी कुछ खास अच्छे नहीं,
मगर तेरी नजर पड़े तो मेरा उद्धार हो जाये।
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ले गया दिल और जिगर सांवरा जादूगर
दो बाते उनसे की, दिल का दर्द कम हो गया,
लोगो ने पूछा आज तुम्हें क्या हो गया,
हम बेकरार हो के हंस पड़े, ये ना कह पाये कि
हमें सांवरे का दीदार हो गया।
।। जय श्री श्याम।।
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पलकों पे तुम्हें सांवरे बिठाने को जी चाहता हैं,
तेरी बांहों में श्याम, लिपट जाने को जी चाहता हैं।
खुबूसरत और बेन्याब हो श्याम तुम,
कि तुम्हें जिन्दगी बनाने को जी चाहता हैं।
।। जय श्री श्याम।।
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खुशनसीब है वो श्याम प्रेमी
जो अपने बाबा को देख के नीर बहाते है।
अपने प्रेमियो के एक एक आंसू का
कर्ज चुकाने वो हर बिपदा में आते हैं।।
।। जय श्री श्याम।।
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जी करता हैं मचल जाऊं खाटूधाम आने के लिये,
भाग कर तेरे चरणों से लिपट जाऊं हमेशा के लिये।।
लगता हैं प्यारे सुनकर भी अनुसना कर देते हो तुम,
करदो ऐसी कृपा मेरे सांवरे,
मेरा दिल ही बन जाये खाटूधाम हमेशा के लिये।।
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अपने हाथ में पकड़ लो, मेरे जिन्दगी की डोर
ले चलो मुझे, अपनी खाटू नगर की ओर
बचाना, हर बुरे काम से मेरी रूह को,
न होने देना, किसी मोड़ पे कमजोर
।। जय श्री श्याम।।
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ना अमीरों की बात हैं,
ना गरीबों की बात हैं,
श्याम तेरे धाम की सेवा,
तो नसीबो की बात हैं।
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नादान हूँ बाबा श्याम नादानिया कर जाता हूँ
दुनियादारी के चक्कर में बाबा तुझे भूल जाता हूँ।
तेरा बड़प्पन है श्याम की, तू मुझे सम्हाल लेता है
मेरे गिरने से पहले मुझे थाम लेता है।
।। जय श्री श्याम।।
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श्याम में ही आस्था,
श्याम में ही विश्वास,
श्याम में ही शक्ति और श्याम में ही है सारा संसार।
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कोई मरहम नहीं चाहिये,
जख्म मिटाने के लिये मेरे सांवरे
तेरी एक झलक ही काफी है,
मेरे ठीक हो जाने के लिये।
।। जय श्री श्याम।।
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सबसे बड़ा तेरा दरबार है,
तू ही सब का पालनहार है,
सजा दे या करदे क्षमा सांवरे तू ही हमारी सरकार है।
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छू जाते हो सांवरिया मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर
कौन कहता है कि तुम दूर रहकर मुलाकात करने नहीं आते
।। जय श्री श्याम।।
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जब जब हूँ मैं बाबा हारा,
श्याम तूने दिया सहारा,
जब जब ना मिला किनारा,
श्याम तूने पार उतारा।
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बीमार-ए-मोहब्बत हूँ दवा मांग रहा हूँ,
सरकार के दामन की हवा मांग रहा हूँ,
जंजीर बांधकर मुझे ले चलिये, आपका मुजरिम हूँ,
आपके दर्शन की सजा मांग रहा हूँ।
।। जय श्री श्याम।।
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उम्मीद बिखरी पड़ी थी,
नाव भी टूटी पड़ी थी,
पर तूफान भी कुछ नही बिगाड़
पाया उसका क्योंकि सिर पर
श्याम की मोर छड़ी थी।
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किसी हल्दी से कम नहीं है तेरा दीदार सांवरे
मेरे हर दर्द को कम कर देता है
।। जय श्री श्याम।।
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तेरे बारे में सोचूं श्याम ये चेहरा खिल जाये,
हाल क्या होगा मेरा जब तू सच में मिल जाये।
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जर्रे जर्रे में मेरे श्याम की निगाहें करम हैं।
कभी ये नहीं कहना कि उस पर ज्याद। और मुझ पर कम हैं।
।। जय श्री श्याम।।
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तेरे दर पर आने से पहले में बहुत कमजोर होता हूँ,
ओर जब छू लेता हूँ तेरी चौखट तो में कुछ और होता हूँ।
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नित्त करूँ दर्शन सेवा भक्ति, काम ना हो कोई दूजौ
अबकी जन्म तोसे मिलन को तरसु, अगले जन्म मोहे खाटू में दीजौ।।
।। जय श्री श्याम।।
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हर मंजर में मैं पाऊं तुम्हे कैसे कहूँ श्याम कितना चाहूं तुम्हें,
बस तुमसे ही हैं ये जिन्दगी मेरी यूं ही कैसे भूल जाऊं तुम्हें।।
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पट खोल दे मोरछड़ी वाले जरा, हम अपने दिल की सुनाने आये हैं।
जरा नजरें उठा कर देख सांवरे, तुमसे मिलने तेरे दीवाने आये हैं।।
।। जय श्री श्याम।।
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