Khatu Shyam : खाटू श्याम बाबा शायरी 2 Line हिंदी,Khatu Shyam Baba Shayari 2 Line Hindi

Khatu Shyam : खाटू श्याम बाबा शायरी 2 Line हिंदी

बाबा खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल से माना जाता है। यह पांडुपुत्र भीम के पौत्र थे। पौराणिक कथा के अनुसार, खाटू श्याम की अपार शक्ति और क्षमता से प्रभावित होकर श्रीकृष्ण ने इन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था। वनवास के दौरान जब पांडव अपनी जान बचाते हुए भटक रहे थे, तब भीम का सामना हिडिम्बा से हुआ।
Khatu Shyam Baba Shayari 2 Line Hindi

Khatu Shyam : खाटू श्याम बाबा शायरी 2 Line हिंदी

जिसके दिल मे मेरे श्याम बाबा का नाम होता है
वो हर काम मे जीत जाता है !
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

फना कर दो अपनी सारी जिन्दगी मेरे श्याम के प्यार में
ये ही वो जगह है जहां बेवफाई नहीं होती ।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

सबकी सुनते हो श्याम, फिर हमें क्यों रूलाते हो।
हम तुम्हारे ही भरोसे हैं, ये बात क्यों भूल जाते हो।।
।। जय श्री श्याम।। 
______________________________

तेरी बंदगी से मिली है मेरे वजूद को शोहरत
मेरा जिक्र ही कहां था...तेरी रहमत से पहले।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

बिन बोले जब मिलते है श्याम हम बोल के क्यों मांगे।
मेरी दुनियां जब है ही श्याम, फिर इस दुनियां से क्यों हम मांगे।।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

छू जायेगी सादगी हमारी तुम्हारे दिल की गहराई को मेरे श्याम
फिर ना कहना की तुम्हें पाने की तमन्ना जवां हो गई।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

बड़े बड़े संकट टल जाते हैं, जब साथ हो श्याम हमारा,
हर विपदा पर भारी पड़ता, श्री श्याम का एक जयकारा।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

गिरा ना पाओगे लाख चाहकर भी, मेरी शख्सियत को,
क्योंकि.....मेरा कारवां मेरे श्याम के नाम से चलता है।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

श्याम नाम अनमोल खजाना, जो बोले सो पायेगा,
बाकी सारा इस धरा का, यहीं धरा रह जायेगा।।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

माला तो सब बांध आते हैं तुम्हें रिझाने के लिये ।
हम तो अपना दिल ही बांध आये तुम्हे पाने के लिये।।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

ना मांगू मैं महल, ना बंगला ना कोठी,
जन्म मिले उस आंगन में, जहां जले श्याम की ज्योति।।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

दिल की तमन्ना इतनी है श्याम कुछ ऐसा मेरा नसीब हो।
मैं जहां जिस हाल में रहूँ बाबा बस तू मेरे करीब हो।।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

जिन आंखों को श्याम के दर्शन की आदत हो,
वो आंखे अपने मुक्कदर पे रोया नहीं करती।।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की,
श्याम खुद दोस्त बनकर चला आया।।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

दिल का क्या हैं तेरी यादों के सहारे भी जी लेगा,
हैरान तो आंखे हैं जो तड़पती हैं तेरे दीदार को।।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

श्याम की मोहब्बत में एक अजीब सा नशा है
तभी तो सारी दुनिया मेरे श्याम पे फिदा है
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

क्या जरूरत हैं घर से निकलने के पहले मुहूर्त देखने की,
मेरे श्याम की सूरत देख लो जरूरत ही नही पड़ेगी मुहुर्त की।।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

जिन हाथो में "श्याम"नाम  लिखने का हुनर हे
वो हाथ एक दिन जरूर "इतिहास" लिख जायँगे
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

रूठी थी किस्मत मेरी भी अब मेहरबान हो गयी,
“श्याम” के नाम से ही अब मेरी पहचान हो गयी ।।
!! खाटू नरेश की जय !!
______________________________

मोर छड़ी और काली कमली होंठो पे मुस्कान है
बिन मांगे जो भर देता झोली ऐसा मेरा श्याम है |
!! जय श्री श्याम !!
______________________________

ना जाने कैसा जादू हैं, मेरे श्याम के दरबार का,
मैं जाता हूँ बिखर के, और आता हूँ निखर के।।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

कर दिया हैं बेफिक्र तूने, फिक्र अब मैं कैसे करूँ
फिक्र तो यह हैं कि तेरा शुक्र कैसे करूँ।।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

मेरे श्याम- तेरी मेरी मोहब्बत का राज उस वक्त खुल गया।
जब दिल तेरी कसम खाने से मुकर गया।।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

मेरे श्याम.. मुझे मंजूर है ये सौदा, आप यूं ही याद आते रहो।
आंसुओं के सहारे ही सही, मेरे नैनों में समाते रहो।।
।। जय श्री श्याम।। 
______________________________

कर यारी उस यार से, जो सब यारों का यार है
सब में बैठा छिप कर के, वो सब का पालनहार है
।। जय श्री श्याम ।।
______________________________

शोभा तेरे रूप की बाबा, देख नाचे मन की मोर,
इत देखू, उत देखू, देखू चारों ओर, तेरे जैसा बाबा ना कोई और।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

रहमतों के फूल बरसते हैं, जब श्याम का दीदार होता हैं,
बडे ही किस्मत वाले होते हैं वो, जिनको श्याम से प्यार होता हैं।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

हमने बरसों सीने से लगाए रक्खा मगर ये दिल हमारा न हुआ,
तुमने मुस्कुरा के एक बार क्या देखा कमबख्त तुम्हारा हो गया !!
।। जय श्री श्याम ।।
______________________________

शीश के दानी तेरे चरणों में हम अपना शीश झुकाते हैं,
और कहीं झुकने ना देना ये अरदास लगाते हैं।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

कोई ऐसी सेवा सौंप मुझे श्याम, जिसको मैं निभा सकूं।
हर मोड़ पर मिले आप और, मैं सिर झुका सकूं।।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

श्याम प्रभु के पीछे पड़ जा, चाहत रंग दिखलाएगी,
प्रीत की डोरी बड़ी प्रबल हैं, श्याम से तुझे मिलाएगी।।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

ज़िक्र हुआ जब मेरे श्याम की रहमतों का,
हमने खुद को खुशनसीब पाया।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

अजब हैं तू दातार सांवरे, गजब तेरी दातारी रे,
हर लेता हैं पीड़ा भक्त की, चाहे विपदा हो कितनी भारी रे।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

तेरे दर पर आने से पहले में बहुत कमजोर होता हूं !!
ओर जब छू लेता हूं तेरी चौखट तो में कुछ और होता हूं !!
!! जय श्री श्याम !!
______________________________

बड़े शौक से उतरे थे ऐ श्याम तेरे इश्क के समंदर में,
पहली लहर ने ही ऐसा डुबाया की अब तक किनारा ना मिला।।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

कहते है लोग अक्सर मुझे कि बावला हूँ मैं…
उनको क्या पता कि अपने श्याम का लाड़ला हूँ मैं…
!! जय श्री श्याम !!
______________________________

मेरे श्याम- ये जिन्दगी का सफर, कटे तेरे सम्मान मे,
चाहे आधी ही हो जिन्दगी, पर गुजरे तेरे गुणगान में।।
।। जय श्री श्याम।।
______________________________

जब जब हूँ मैं बाबा हारा, श्याम तूने दिया सहारा
जब जब ना मिला किनारा, श्याम तूने पार उतारा
!! जय श्री श्याम !!
______________________________

मिश्री भी फीकी लगे अब, फीको गुड़ को स्वाद,
श्याम से प्रीत हुई जबसे और चखों प्रेम को स्वाद।
______________________________

मैँ और मेरा श्याम दोनो ही बङे 'भुलक्कङ' है
वो मेरी 'गलतियाँ'  भूल जाते है और मै उनकी 'मेहरबानियाँ'..!!
!! जय श्री श्याम !!
______________________________

भाव भरे हों आँख में आँसू दर्द भरा हो तराना,
दीन दयालु रुक नहीं सकता, श्याम’ को पड़ता ही हैं आना।

______________________________

Khatu Shyam Baba Shayari Page -

    1

       2

      3

      4

    5

    6

   7

     8

     9

    10

टिप्पणियाँ