माँ चंद्रघंटा की आरती, Maa Chandraghanta Ki Aarti

माँ चंद्रघंटा की आरती - जय मां चंद्रघंटा सुख धाम,पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।

मां चंद्रघंटा का स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है. इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है. इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है. इनके दस हाथ हैं. इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं. इनका वाहन सिंह है. इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है पौराणिक मान्यता है कि धरती पर जब राक्षसों का आतंक बढ़ने लगा तो दैत्यों का नाश करने के लिए मां चंद्रघंटा ने अवतार लिया था मां चंद्रघंटा की पूजा करने से इंसानों के सभी पाप नष्ट होते हैं. इनकी अराधना से इंसान पराक्रमी और निर्भय हो जाता है !
Chandraghanta Ki Aarti : Maa Chandraghanta Ki Aarti

  • माँ चंद्रघंटा की आरती, Maa Chandraghanta Ki Arati

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम,
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।

चंद्र समान तुम शीतल दाती,
चंद्र तेज किरणों में समाती।

क्रोध को शांत करने वाली,
मीठे बोल सिखाने वाली।

मन की मालक मन भाती हो,
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।

सुंदर भाव को लाने वाली,
हर संकट मे बचाने वाली।

हर बुधवार जो तुझे ध्याये,
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।

मूर्ति चंद्र आकार बनाएं,
सन्मुख घी की ज्योति जलाएं।

शीश झुका कहे मन की बाता,
पूर्ण आस करो जगदाता।

कांचीपुर स्थान तुम्हारा,
करनाटिका में मान तुम्हारा।

नाम तेरा रटूं महारानी,
भक्त की रक्षा करो भवानी।

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