90+ खाटू श्याम जी शायरी ! 90+ Khatu Shyam Ji Shayari !

90+ खाटू श्याम जी शायरी ! 90+ Khatu Shyam Ji Shayari !

तेरे नाम का चंदन मला है
तेरा पीला रंग पहना है
कंठ से निकले नाम तेरा
नाम तेरा जपते रहना है
।।जय श्री श्याम।।
_________________________
90+ Khatu Shyam Ji Shayari !

तेरी दया ही तो है श्याम, जिससे मेरा संसार सज रहा है।
तेरा ही तो दिया हुआ है श्याम, जिससे मेरा परिवार पल रहा है।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

सबके मन की तू ही जाने
कोई तेरे मन की ना जान पाये
जो जान ले तेरे मन के फेरे
वो तुझको पा जाये
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

तू बनकर विश्वास धड़कनों में समाया  है
मेरी आवाज बनकर कंठ में तूने ही मुझे बुलाया है
मेरे खाटूवाले  श्याम बाबा चरण लगा लो
मुझे दुनिया ने ठुकराया है
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

दुनिया में एक गांव है। 
जिसे सब कहते खाटूधाम।
उसी गांव में बैठे दुनिया चला रहा है। 
जिन्हें सब कहते बाबा श्याम।।
।। जय श्री खाटू श्याम बाबा की ।।
_________________________

जो शीश दान दे दे वो क्या नहीं दे सकता
दिल से मांगो तो सब कुछ दे सकता।
प्रेम का भूखा है भावों का प्यासा है
 खाटू वाला श्याम मेरे बड़ा दिल वाला है।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

हे श्याम तेरे दीदार की तलब, जब दिल में उमड़ने लगती है
तुझे देखने को जब मेरी ये आंखे तरसने लगती हैं
बादलों के बरसने का हमें इंतजार नहीं रहता 
तेरी याद में ये आंखे खुद-ब-खुद ही बरसने लगती है। 
।। जय श्री श्याम।। 
_________________________

ना जोर चलेगा जमाने का, ना होड़ लगेगा हराने का
जब श्याम की परबल छाया हो, तो क्या बिगड़ेगा दिवाने का।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

आया मैं तेरे द्वार बीच सावन की फुहार 
चले मंद मंद बयार
तेरे दर्शन को बेकरार मन में हर्ष अपार
रटते हुये श्याम तेरी जय जयकार
।।जय श्री श्याम।। 
_________________________
संसार का सागर दुःखों से भरा रहता है,
कोई शोक में पड़ा, तो कोई मोह में पड़ा रहता।
मेरे  श्याम बाबा की महफिल में आकर तो देखों यारो,
इसकी महफिल में हर कोई, आनंद और उत्साह से भरा रहता है।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

रूठो ना श्याम पुरानी यारी है, तेरी-मेरी प्रेम की रिश्तेदारी है।
बिन तेरे जीवन अधूरा है मेरा, हरी-भरी तुझसे मेरी फुलवारी है।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

कल कल बहती नदिया की धारा
झर झर झरता झरना
खाटूवाले तेरे चरणों में रख ले
वहीं है मेरा जीना मरना
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

बैठ नजदीक तू श्याम के, तार से तार जुड़ने लगेगा।
देख नजरें से नजरें मिलाके, तुमसे ये बातें करने लगेगा।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

मत घबराना विपदा से, श्याम दीवानों घड़ी घड़ी।
तुझ पर आने से पहले, विपदा को हरले मोर छड़ी।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

नगरी में एक नगरी है रिंगस
जहाँ निराला है  खाटू धाम
जहाँ बसा है कलियुग अवतारी
कहते हैं जिसे सब खाटूश्याम
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

जिस में तू नहीं वो तमन्ना अधूरी है,
तू जो मिल जाये तो जिन्दगी पूरी है।
तेरे साथ जुड़ी है खुशियां,
बाकी सबके साथ हंसना तो मजबूरी है। 
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

शीश के दानी तेरे चरणों में हम अपना शीश झुकाते हैं।
और कहीं झुकने न देना ये अरदास लगाते है। 
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

मेरा तो सवेरा तू मेरी हर सांझ है तू
जिन्दगी के हर पल में तू
दसों दिशाओं तीनो लोकों में
दिखे मुझे मेरा श्याम हरसू
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

जब जब श्याम दरबार को जाऊँ
मन झूमे तन नाचे होके मगन
धरती भी घीत सुनाये मुझे
संग मेरे लहराये यह नील गगन
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

कोई श्याम पुकारे कोई साँवरा
कोई कहे लखदातार
हारे की आखिरी आस न टूटे
हे कलियुग के अवतार
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

शीश झुकाऊँ श्री चरणों में और करूँ गुणगाण…
बाबा तुम्हारा हाथ हो सर पे, रखना इतना ध्यान…!
!! जय श्री श्याम !!
_________________________

मोर छड़ी और काली कमली, होंठो पे मुस्कान है।
बिन मांगे जो भर देता झोली, ऐसा है हमारा श्याम।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

लोग कहते हैं मुझे बावरा
रखवाला मेरा श्याम साँवरा
किसी और से क्या हो उम्मीद
मुझे तो बस तेरा आसरा
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

महारण में एक शीश ने
देखा युद्ध का हाल
पाण्डव तेरी जीत की राज
जाने वो मोरवी का लाल
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

वक्त गुजरता है गुजरने दो
मैं श्याम दरबार में आता रहुँ
वो नाम पुकारे जब भी मेरा
मैं हाजिरी अपनी लगाता रहुँ
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

जो कोई पुकारे नाम तेरा
तू हर पल उसका भला करे
पर जो तुझको ना याद करे
तू उसका भी ध्यान धरे
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

ऊँचे ऊँचे पर्वतों से निकल कर
नदिया सागर में खोने चली
मैं भी अपने श्याम धाम को
साँवरिया की होने चली
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

हर साल आऊँ तेरे दरबार 
हर साल पाऊँ मैं तेरा दर्शन
तेरे मार्ग दर्शन पर चल कर
निहाल कर लूँ मैं अपना जीवन
।।जय श्री श्याम।। 
_________________________

मुझे भी बुलालो श्याम दर्शन को,
यह नयन दरस के प्यासे हैं।
आँखें में तेरे दरस की चमक है
फिर भी नैन रूँआसे हैं ।। 
_________________________

बाबा श्याम  के दर पर जाना है
कोई रास्ता मुझे बता दो
निर्जन राहें अंधकार बड़ा
 नैनों को चाँद सूरज बना दो
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

मैं क्यों हार मान जाऊँ दुनिया से
मेरे साथ जब मेरा श्याम है
मेरी जिन्दगी सँवारने वाले
 खाटू नरेश को मेरा शत्- शत् प्रणाम है
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

जब से तेरे चक्कर में पड़ा
लोग कहते हैं मैं बिखर गया
मैं कहता हूँ तेरी नजरें पड़ी
श्याम मेरा जीवन निखर गया
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

हार कर सबसे हे श्याम
तेरे सामने सर झुकाया है
अब झुके ना यह शीश कहीं और
विश्वास का दीप जलाया है
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

धीरे श्याम तूने
मुझे अपना दीवाना बनाया है
धड़कन तेरा नाम पुकारे
साँसों ने तुझे बुलाया है
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

श्याम तुझमें ऐसे खो जाऊँ
कि दुनिया से कोई वास्ता ना रहे
मैं तेरे कदमों में ही रूक जाऊँ
कहीं और को मेरा रास्ता ना रहे
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

गर मिले मुझे कहीं तो मैं,
 बस इतना ही माँगू श्याम से
मेरी जीवन की कहानी हो शुरू
खत्म भी हो तेरे नाम से
।। जय श्री श्याम ।।
_________________________

थामे रखना डोर श्याम
टूटे ना यह बंधन
माथे से मेरे कभी मिटे ना
तेरे नाम का चंदन
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

श्याम नाम का चोला ओढ़कर
नाचे दिवानी गली गली
खाटूवाले की रटन लगा के
श्याम दीवानी ये चली वो चली
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

तक तक गये थक नैन मेरे
श्याम तेरे इंतजार में
सुध बिसराई, नींद गँवाई
श्याम साँवरे के प्यार में
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

ढोल बाजे, खड़ताल बाजे
बाजे रे बाँसूरिया
वृन्दावन में गोपियों संग
नाजे रे देखो मेरा साँवरिया
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

हे मोरवीनन्दन 
अपनी मोरछड़ी घुमा दे
मेरी हर मुष्किल को 
पल भर में आसान बना दे
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

दुनिया, रिश्ते और घर बार 
सब हैं बस छलने के लिये
एक तू ही सच्चा साथी मेरा
जीवन पथ पर संग चलने के लिये
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

अब तो तेरे रंग में रंग कर
दुनिया का नजारा करना है
तू ने थाम ली नैया मेरी
दुनिया से किनारा करना है
।।जय श्री श्याम।। 
_________________________

घर में रहूँ तो श्याम रहे 
बाहर जाऊँ  तो दिखे  गोपाल
ध्यान में रहूँ तो मोहन दिखे
श्याम रखे हर पल मेरा खयाल
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

कभी कभी मैं यह सोचूँ
क्या होता जो यह संसार ना होता
मेरे जैसे हारों का क्या होता
हे श्याम जो तेरा दरबार ना होता
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

किसी किसी को मिलता है 
सौभाग्य तेरी रहमतों का
श्याम की मर्जी श्याम ही जाने 
मालिक है वो लाखों किस्मतों का
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

मेरे अंग अंग पर लिख दे कोई
मेरे सावरिया का नाम
दिल पर लिख दे मोहन मेरे
लिख दे नैनों में घनश्याम
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

ओ मेरे लखदातार आजा 
होके लीला पर सवार
मुझे दे दे अपना साथ
ना माँगू मैं यह संसार 
।।जय श्री श्याम ।।
_________________________

श्याम मैं तो तेरा दीवाना
मुझो इस जहाँ से क्या लेना
अपने चरणों में तू रख ले मुझे
जमीन आसमाँ से क्या लेना 
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

साँवरे तेरी एक नजर ने 
दिल काबू में कर लिया
तेरे दीदार का तेरे द्वार का 
मैं दीवाना हुआ मैं दीवाना हुआ
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

श्याम साँवरे मोरछडी़ वाले
तीन बाणधारी शीश के दानी
कहाँ से करूँ शुरू तेरी गाथा
महिमा तेरी ना जाये मुझसे बखानी
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

श्याम मेरा तू ही तू 
तेरे सिवा कोई और नहीं
तू जो मुझे ठुकरा दे गर
फिर मेरा कोई ठौर नहीं
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

मेरी ष्याम से लागी प्रीत
मैं तो भई रे दीवानी ष्याम की
ना मैं राधा ना मैं मीरा
मैं तो एक जोगन उसके नाम की
।।जय श्री श्याम।।
_________________________

संभाल कर रखना भी सिर्फ मेरे बाबा को आता है
अपने चरणों में प्यार से बिठाना भी मेरे बाबा को आता है। 
जो लगा लेता है मेरे बाबा के चरणों में ध्यान
उन्हें तो भव पार लगाना भी सिर्फ मेरे बाबा को आता है। 
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

है आरजू, करूं दीदार श्याम प्यारे का
नजर से चूम लू, दरबार श्याम प्यारे का।
हमेशा होती है इस दर पे बारिशे रहमत 
है ऐसा जलवा मेरे दिलदार श्याम प्यारे का।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

वो अक्सर मुझे अपने दर पे बुलाते हैं,
कभी चुपके से अपने दर्शन दे जाते हैं।
कैसे करूँ शुकराना अपने श्याम जी का
जो मांगने से पहले झोलियां भर जाते हैं।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

ना जन्नत में, ना खयालों में, ना ही किसी जमाने में...।
सकून दिल को मिलता है बाबा हमें तुझसे नजरें मिलाने में।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

बंद किस्मत के लिये कोई ताली नहीं होती।
सूखी उम्मीदों की कोई डाली नहीं होती।
जो झुक जाये बाबाश्याम के चरणों में 
उसकी झोली कभी खाली नहीं होती।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

मुझे मशहूर होने की ख्वाहिश नहीं,
बाबा का नौकर हूँ ये ही पहचान काफी है।
मैं जो भी हूँ उसकी बदौलत हूँ, 
दीवाना मैं श्याम का, इतना ही नाम काफी है।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

संवरे आंखे दिवानी है, तेरा दर्शन चाहिये
लग जाऊं तेरी सेवा में ऐसा जीवन चाहिये।
खो ना जाये याद तेरी, ऐसा साथ चाहिये।
बस जाये सांसो में नाम तेरा, इतनी कृपा चाहिये।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

तेरी चौखट पे सर रख दिया है, भार मेरा उठाना पड़ेगा।
मैं भला हूं बुरा हूं मेरे सावरे, मुझको अपना बनाना पड़ेगा।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

दिल की सुनाते सुनाते थक गया हूं सांवरे
राह तेरी तकत तकते पथरा गई मेरी आंख रे
मेरा अब दिल घबराता है,
कहूं अब और किसी से क्यूं..मेरा तो बस तुमसे नाता है।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

अब तो जिन्दगी तेरे बिना उदास लगती है
सांस भी अंदर जाती है तो जख्मों को हवा लगती है
एक बार तो आके देख, कितनी पागल हूं, तेरे लिये सांवरे
ये सांसे, ये मुस्कुराहट तेरे बिना, सजा लगती है। 
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

चंदन है  खाटू की माटी, अमृत यहां का नीर।
ये दोनों जिसको मिल जाये, बहुत बड़ी तकदीर ।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

मेरी सूनी पड़ी महफिल को सजा देता है,
मेरे मायूस चेहरे को वो खिला देता है।
और मैं किसी जाम की मोहताज नहीं हूं यारो,
मेरा सांवरिया मुझे आंखों से पिला देता है।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

मेरे जिस्म जान में श्याम, बस नाम तुम्हारा है।
आज अगर मैं खुश हूं, तो यह अहसास भी तुम्हारा है।
थामा हुवा है हाथ मेरा आपने, यह मुझको मालूम है।
मेरे हर पल हर लम्हें में, श्याम प्यार तुम्हारा है।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

चाह नहीं की ऊंचा अपना नाम हो।
तमन्ना ये भी नहीं कि, अपने हाथों से कोई बड़ा काम हो।
हसरत ये है इस दिवाने की बाबा
कि जीवन के अंतिम समय में 
मुख पर जय श्री श्याम हो।
_________________________

लाख रख दो रिश्तों की दुनिया तराजू पर 
सारे रिश्ते का वजन बस आधा निकलेगा 
सब की चाहत एक तरफ हो जाये फिर भी
सांवरे का प्यार सबसे ज्यादा निकलेगा।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

अजब है तू  दातार सांवरे, गजब तेरी दातारी रे
हर लेता है पीड़ भक्त की, चाहे विपदा हो कितनी भारी रे।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

आंसू की हर बूंद, तुम्हारी याद में गिरती हैं।
कभी मिलने से पहले गिरती हैं, 
कभी मिलने के बाद गिरती हैं। 
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

जहां श्याम का वास होता है, 
वहां सुख शांति का निवास होता है।
भक्त वही श्याम का खास होता है, 
जिनको अपने श्याम पर विश्वास होता है।
।। जय श्री श्याम।। 
_________________________

कहां से लाऊं वो लफ्ज जो सिर्फ तुझे सुनाई दे।
दुनिया देखे अपने चांद को, मुझे बस तू ही दिखाई दे।।
।। जय श्री श्याम।। 
_________________________

मेरे सांवरिया....
मुस्कुराता रहूं मैं तेरी छवि को निहारकर
बैठा रहूं मैं हमेशा तेरे चरणों में आकर।
नादान दिल कहता है कि मैं सिर्फ तेरा हो जाऊं
और जिन्दगी सारी गुजार दूं तेरे दरबार में आकर।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

हे कान्हा, जख्म देकर मुझसे दवा का नाम पूछते हो
करके कत्ल कातिल का नाम पूछते है,
अरे सखी उनकी इसी अदा पर तो फिदा हूं मैं,
होकर मेरे खुदा, मुझसे मेरे खुदा का नाम पूछते हैं। 
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

जिस रात तेरा दीवाना रोया है, 
अपने आंसुओं से उसने तेरे मन को भिगोया है।
लाख छुपा ले चाहे तू इस बात को मगर
हमें पता है उस रात को, तू भी चैन से न सोया है।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

बेदर्द जमाने ने ठोकर जो लगाई है
उस दर्द की सांवरिया तेरे पास दवाई है
श्याम प्यार से आकर के दो घूंट पिला जाओ 
मुझे तेरी जरूरत है फुर्स है तो आ जाओ।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

मेरे यार सांवरे, मुमकिन है जिंदगानी कर जाये बेवफाई।
लेकिन यह प्यार ऐसा जिसमें नहीं है जुदाई।
तेरे मेरे प्यार के फसाने, जब जमाने में छायें
मेरा श्याम मुस्कुराये मेरी रूह को सुकुन आये।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

इतना तो बता मेरे श्याम क्यों नजरों से दूर हो तुम।
मिलना ही तुम्हें मंजूर नहीं या मेरी तरह मजबूर हो तुम।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________
बेससब चाहत रखते हैं श्याम, तेरे दीदार पाने की।
पर श्याम कहते हैं, मैं तो तेरे दिल में बैठा हूँ,
तुझे जरूरत नहीं, कहीं और जाने की।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________
दिल का क्या है तेरी यादों के सहारे भी जी लेगा।
हैरान तो आंखे हैं जो तड़पती हैं तेरे दीदार को।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

मेरे श्याम ! तुम पूछ लेना सुबह से, ना यकीन हो तो शाम से
ये दिल धड़कता है सिर्फ  बाबा श्याम तेरे ही नाम से।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

मेरे सांवरे तेरी यादों की नौकरी में दीदार की पगार मिलती है।
खर्च हो जाते हैं अश्क नैनों के, रहमत कहां उधार मिलती है।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

ना जाने किस भेष में आकर काम मेरा कर जाता है।
मैं जो मांगू श्याम वो मुझको चुपके से दे जाता है।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

मेरे श्याम सफर वहीं तक है जहां तक तुम हो,
नजर वहीं तक है जहां तक तुम हो।
हजारों फूल देखें हैं इस गुलशन में मगर
खुशबू वहीं तक है जहां तक तुम हो।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________
हे श्याम ! हर आहट पर तेरी ही तलाश है
आंखों को तेरी ही प्यास है,
ना याद आओ हमें इतना कि दिल हमेशा पूछे,
धड़कन किसके पास है।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________
दिल में उठती जो दुआ, एक पल में ही सुन जाता है।
वही नूरे-जहां, इस दुनिया में श्याम सांवरा कहलाता है।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________
मेरे श्याम ! तेरे दर्शन के लायक, कहां है मेरी नजर
ये तो कृपा है तेरी, कि तेरी नजर मेरी तरफ है। 
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

तूफान हो पीछे या काल हो आगे
कह दूंगा मैं उनसे मेरा श्याम है सागे
ऐसे में भी जग की दरकार नहीं होगी 
पूरा है भरोसा मेरी हार नहीं होगी।।
।। जय श्री श्याम।। 
_________________________

मेरे श्याम ! इत्तर की खुशबू से जैसे, महकता है तेरा दरबार
ऐसे ही खुशियों से महका दो, हम सभी का परिवार।।
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

सोने से दिन और चांदी सी रात होगी।
आंखों की झील से मोतियों की बरसात होगी।
वो पल बहुत खास होगा।
जब मेरी श्याम प्यारे से मुलाकात होगी।।
_________________________

हे मेरे बांसुरी वाले, ना चांद की चाहत है,
ना तारों की फरमाइश है, हर जन्म में तेरी सेवा मिले,
बस यही मेरी ख्वाहिश हैं 
।। जय श्री श्याम।।
_________________________

हे श्याम! कभी आकर देख लो मेरी आंखों में भी 
तेरी तस्वीर के आगे कोई नजारा ही नहीं।
खो गये है तेरे इश्क में हम इस कदर कि
तेरे नाम के बिना कही गुजारा ही नही।।
।। जय श्री श्याम।।

टिप्पणियाँ