Radha krishna love Shayari
एक तरफ साँवले कृष्ण.!!
दूसरी तरफ राधिका गोरी.!!
जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी.!!
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बड़ा मीठा नशा है कृष्ण की याद का.!!
वक्त गुजरात गया और हम आदि होते गए.!!
जय श्री कृष्णा.!!
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मंज़िले मुझे छोड़ गयी, रास्ते ने पाल लिया है.!!
जा ज़िंदगी तेरी ज़रूरत.!!
नहीं मुझे ठाकुर ने संभाल लिया है.!!
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अजीब नशा है, अजीब खुमारी है.!!
हमे कोई रोग नहीं बस.!!
जय श्री राधे कृष्णा, राधे कृष्णा बोलने बीमारी है.!!
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तुम क्या मिले की साँवरे.!!
मेरा मुकद्दर सवंर गया.!!
उजड़े हुए नसीब का गुलशन निखर गया.!!
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गज़ब के चोर हो कान्हा.!!
चोरी भी करते हो.!!
और दिलो पर राज़ भी.!!
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भाव बिना बाज़ार मै वस्तु मिले न मोल.!!
तो भाव बिना “हरी“ कैसे मिले.!!
जो है अनमोल.!!
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कोई प्यार करे तो राधा-कृष्ण की तरह करे.!!
जो एक बार मिले, तो फिर कभी बिछड़े हीं नहीं.!!
मेरे राधा कृष्णा.!!
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अभी तो बस इश्क़ हुआ है.!!
कान्हा से मंजिल तो वृंदावन में ही मिलेगी.!!
राधे राधे.!!
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अजीब नशा है, अजीब खुमारी है.!!
हमे कोई रोग नहीं बस.!!
जय श्री राधे कृष्णा, राधे कृष्णा बोलने की बीमारी है.!!
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गज़ब के चोर हो कान्हा.!!
चोरी भी करते हो, और.!!
दिलो पर राज़ भी.!!
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भाव बिना बाज़ार मै वस्तु मिले न मोल.!!
तो भाव बिना “हरी “ कैसे मिले.!!
जो है अनमोल.!!
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प्रभु खोजने से नहीं मिलते.!!
उसमें “खो – जाने” से मिलते है.!!
राधेकृष्णा जय श्री कृष्णा.!!
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कोई प्यार करे तो राधा-कृष्ण की तरह करे.!!
जो एक बार मिले, तो फिर कभी बिछड़े हीं नहीं.!!
मेरे राधा कृष्णा.!!
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एक तरफ साँवले कृष्ण.!!
दूसरी तरफ राधिका गोरी.!!
जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी.!!
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radha krishna ki shayari
मुझको मालूम नहीं अगला जन्म हैं की नहीं.!!
ये जन्म प्यार में गुजरे ये दुआ मांगी हैं.!!
और कुछ मुझे जमाने से मिले या ना मिले.!!
ए मेरे कान्हा तेरी मोहब्बत ही सदा मांगी हैं.!!
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हर पल आंखों में पानी हैं.!!
क्योंकि चाहत में रुहानी हैं.!!
मैं हूँ तुझसे, तू हैं मुझसे.!!
अपनी बस यही कहानी हैं.!!
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पीर लिखो तो मीरा जैसी.!!
मिलन लिखो कुछ राधा सा.!!
दोनों ही है कुछ पूरे से.!!
दोनों में ही वो कुछ आधा सा.!!
जय श्री कृष्णा.!!
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ए जन्नत अपनी औकात में रहना.!!
हम तेरी जन्नत के मोहताज नही.!!
हम श्री बांकेबिहारी के चरणों में रहते है.!!
वहां तेरी भी कोई औकात नही
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जिस पर राधा को मान हैं.!!
जिस पर राधा को गुमान हैं.!!
यह वही कृष्ण हैं जो राधा.!!
के दिल हर जगह विराजमान हैं.!!
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वो दिन कभी न आए.!!
हद से ज्यादा गरूर हो जाये.!!
बस इतना झुका कर रखना.!!
“मेरे कन्हैया”.!!
की हर दिल दुआ देने को मजबूर हो जाये.!!
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रख लूँ नजर मे चेहरा तेरा.!!
दिन रात इसी पे मरती रहूँ.!!
जब तक ये सांसे चलती रहे.!!
मे तुझसे मोहब्बत करती रहूँ.!!
मेरे कान्हा मेरी दुनिया.!!
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सुध-बुध खो रही राधा रानी.!!
इंतजार अब सहा न जाएँ.!!
कोई कह दो सावरे से.!!
वो जल्दी राधा के पास आएँ.!!
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उन्होंने नस देखि हमारी और बीमार लिख दिया.!!
रोग हमने पूछा तो वृंदावन से प्यार लिख दिया.!!
कर्जदार रहेगे उम्र भर हम उस वैद के जिसने दवा में.!!
“श्री राधे कृष्ण” नाम लिख दिया.!!
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सुन्दर से भी अधिक सुंदर है तु.!!
लोग तो पत्थर पूजते है.!!
मेरी तो पूजा है तु.!!
पूछे जो मुझसे कौन है तु.!!
हँसकर कहता हुँ.!!
जिंदगी हुँ मैं और साँस है तु.!!
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राधा के दिल की चाहत है कृष्ण.!!
राधा की विरासत है कृष्णा.!!
कितने भी रास रचा ले कृष्णा.!!
फिर भी दुनिया कहेगी राधेकृष्णा.!!
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मेरे दिल की दीवारों पर श्याम तुम्हारी छवि हो.!!
मेरे नैनो की पलकों में कान्हा तस्वीर तेरी हो.!!
बस और न मांगू तुझसे मेरे गिरधर.!!
तुझे हर पल देखू मेरे कन्हैया ऐसी तकदीर हो.!!
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तेरे सीने से लग कर तेरी धङकन बन जाऊँ.!!
तेरी साँसो मेँ घुल कर खुशबू बन जाऊँ.!!
हो न फासला कोई हम दोनो के दरम्याँ.!!
मैँ, मैँ न रहुँ साँवरे, बस तुँ ही तुँ बन जाऊँ.!!
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हम भी तेरी मोहनी मूरत दिल में छिपाये बैठे है.!!
तेरी सुन्दर सी छवि आँखों में बसाये बैठे है.!!
इक बार बांसुरी की मधुर तान सुनादे कान्हा.!!
हम भी एक छोटी सी आस जगाये बैठे है.!!
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फूलो में सज रहे है श्री वृंदावन बिहारी.!!
और साथ सज रही है वृषभानु की दुलारी.!!
टेड़ा सा मुकुट रखा है कैसे सर पर.!!
करुणा बरस रही है करुणा भरी निगाह से.!!
बिन मोल बीक गयी हु जबसे छबि निहारी.!!
फूंलों मे सज रहे है श्री वृंदावन बिहारी.!!
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