नवरात्रि द्वितीय दिन - माँ ब्रह्मचारिणी आरती,मंत्र,स्तोत्र,स्तुति,कवच,Navratri Second Day - Maa Brahmacharini Aarti,Mantr,Stotr,Stuti,Kavach
नवरात्रि द्वितीय दिन - माँ ब्रह्मचारिणी आरती,मंत्र,स्तोत्र,स्तुति,कवच
- नवरात्रि द्वितीय दिन - माँ ब्रह्मचारिणी
Navratri Second Day - Maa Brahmacharini Aarti,Mantr,Stotr,Stuti,Kavach |
नवरात्रि द्वितीय दिन - माँ ब्रह्मचारिणी आरती
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।
नवरात्रि द्वितीय दिन - माँ ब्रह्मचारिणी के मंत्र
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. इस दिन मां ब्रह्मचारिणी के इन मंत्रों का जाप किया जाता है:-- ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
- ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं ब्रह्मचारिणीय नमः
- ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:
- या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
- दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू
- देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
नवरात्रि द्वितीय दिन - माँ ब्रह्मचारिणी स्तोत्र
तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्।
ब्रह्मरूपधरां ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
नवचक्र भेंदनी त्वंहि नवऐश्वर्य प्रदायनीम्।
धनदा-सुखदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
शंकरप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी।
शान्तिदा मानदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्।
नवरात्रि द्वितीय दिन - माँ ब्रह्मचारिणी स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
नवरात्रि द्वितीय दिन - माँ ब्रह्मचारिणी कवच
त्रिपुरा में हृदयं पातु ललाटे पातु शंकरभामिनी।अर्पण सदापातु नेत्रो, अर्धरी च कपोलो॥
पंचदशी कण्ठे पातुमध्यदेशे पातुमहेश्वरी॥
षोडशी सदापातु नाभो गृहो च पादयो।
अंग प्रत्यंग सतत पातु ब्रह्मचारिणी।
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