नवरात्रि के चौथा दिन - मां कूष्माण्डा की पूजा विधि, सामग्री और संस्कृत मंत्र,Navratri Chautha Din - Maa Kushmanda Pooja Vidhi, Saamagree Aur Sanskrt Mantr
नवरात्रि के चौथा दिन - मां कूष्माण्डा की पूजा विधि, सामग्री और संस्कृत मंत्र
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन साधना करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और सभी तरह के शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है
Navratri Chautha Din - Maa Kushmanda Pooja Vidhi, Saamagree Aur Sanskrt Mantr |
मां कूष्माण्डा की पूजा विधि
इस दिन हरे वस्त्र धारण करके मां कूष्मांडा का पूजन करें। पूजा के दौरान मां को हरी इलाइची, सौंफ या कुम्हड़ा अर्पित करें। इसके बाद उनके मुख्य मंत्र "ॐ कूष्मांडा देव्यै नमः" का 108 बार जाप करें। यदि आप चाहें तो सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं। आज के दिन माता को मालपुए बनाकर विशेष भोग लगाएं। इसके बाद उसको किसी ब्राह्मण या निर्धन को दान कर दें।
मां कूष्माण्डा की पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
- स्वच्छ कपड़े पहनें और घर का मंदिर साफ़ करें.
- मां दुर्गा के सामने घी का दीपक जलाएं.
- उन्हें धूप, दीप, फल, फूल, सिंदूर, अक्षत, और कुमकुम अर्पित करें.
- देवी को पीले रंग के वस्त्र, पीली चूड़ियां, और पीली मिठाई अर्पित करें.
- देवी को पूरे मन से फूल, धूप, गंध, भोग चढ़ाएं.
- मां कूष्मांडा को विविध प्रकार के फलों का भोग लगाएं.
- पूजा के बाद अपने से बड़ों को प्रणाम कर प्रसाद वितरित करें.
- पूजा के अंत में मां की आरती करें
मां कूष्माण्डा की पूजा के लिए, इन बातों का भी ध्यान रखना चाहिए
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
- स्वच्छ कपड़े पहनें.
- पूजा में लौंग, इलायची, सौंफ, कुम्हरा इत्यादि अर्पित करें.
- मां को कुमकुम, मौली, अक्षत भी चढ़ाएं.
- माता को इलायची अर्पित करते हुए ओम् बुं बुधाय नमः मंत्र का जाप करें.
- ओम् कुष्मांडायै नमः इस मंत्र का भी 108 बार जाप करें.
- सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें.
- घर का मंदिर साफ़ करें.
- मां दुर्गा के सामने घी का दीपक जलाएं.
- मां को फूल, धूप, गंध, और भोग चढ़ाएं.
- मां को विविध प्रकार के फलों का भोग लगाएं.
- वेदी पर मां कूष्मांडा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
- प्रसाद के रूप में विशेष मिठाई या व्यंजन भी चढ़ाएं.
- माता की पूजा में भूलकर भी रात के रखे बासी मुरझाए फूल न चढ़ाएं
मां चंद्रघंटा की पूजा षोड्शोपचार विधि
मां चंद्रघंटा की पूजा षोड्शोपचार विधि से की जाती है. पूजा के दौरान इन चीज़ों का इस्तेमाल किया जाता है:- अक्षत, चंदन, और भोग के लिए पेड़े
- घी से दीपक जलाना
- मंत्रों का जाप
- आरती, शंख, और घंटी बजाना
मां कूष्माण्डा की पूजा सामग्री
- वरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है. इस दिन पूजा के लिए ये चीज़ें चाहिए:
- पीले रंग के वस्त्र
- पीला चंदन
- कुमकुम, मौली, अक्षत
- पान का पत्ता, केसर
- लाल पुष्प
- सफ़ेद कुम्हड़ा
- फल
- सूखे मेवे
- सौभाग्य का सामान
मां कूष्माण्डा के संस्कृत मंत्र
- या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
- दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
- वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्
- भास्वर भानु निभां अनाहत स्थितां चतुर्थ दुर्गा त्रिनेत्राम्
- पटाम्बर परिधानां कमनीया कृदुहगस्या नानालंकार भूषिताम्
- मंजीर हार केयूर किंकिण रत्नकुण्डल मण्डिताम्
- प्रफुल्ल वदनां नारू चिकुकां कांत कपोलां तुंग कूचाम्
मां कूष्माण्डा का मंत्र और का अर्थ
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
हे मां! सर्वत्र विराजमान और कूष्माण्डा के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे मां, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें।
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