श्री गणेश जी के पूजा मंत्र puja mantra of shri ganesh ji
श्री गणेश (shri ganesh ji) को प्रथम पूजनीय देव कहा जाता है। श्री गणेश हिंदू धर्म में हाथी के सिर वाले देवता हैं। वह शिव और पार्वती के पुत्र हैं। नई शुरुआत, समृद्धि, बुद्धि और सफलता के देवता और जीवन से बाधाओं को दूर करने वाले भगवान श्री गणेश हिंदू धर्म में एक बहुत लोकप्रिय देवता हैं, और सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवताओं में से एक थे। हिंदू परंपरा में कहा गया है कि गणेश ज्ञान, सफलता और सौभाग्य के देवता हैं। वह विभिन्न प्रकार के उपकारों के दाता भी हैं। हिंदू परंपरा गणेश को विघ्नेश्वर के रूप में बुलाती है। संस्कृत भाषा में “विघ्नेश्वर” का अर्थ है जो बाधाओं या कठिनाइयों का स्वामी था। इस प्रकार, हिंदू परंपरा कहती है कि गणेश की पूजा करने से सभी बाधाओं और कठिनाइयों को दूर किया जा सकता है।
puja mantra of shri ganesh ji |
श्री गणेश जी के मंत्र: अर्थ और लाभ
हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति में श्री गणेश को प्रथम-पूज्य देवता माना गया है। भगवान श्री गणेश धन, बुद्धि, लक्ष्मी के दाता हैं।
वे विघ्नों का हरण कर जीवन में शुभता देते हैं जिससे सभी कार्य निर्विघ्न पूर्ण हो जाते हैं। यहां हम श्री गणेश के मंत्र एवं उनके अर्थ के बारे में बता रहे हैं।
यहां दिए श्री गणेश मंत्र का जाप करने से जीवन की हर समस्या का समाधान पाया जा सकता है। यहां पढ़ें गणपति जी के खास मंत्र:
सर्व शक्तिशाली गणेश मंत्र-
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
मंत्र का अर्थ:-
जिनकी सूंड वक्र यानी की टेढ़ी है, जिनका शरीर विशालकाय है, जिनकी आभा करोड़ों सूर्यों से बढ़कर है। ऐसे भगवान श्री गणेश हमेशा ही मेरे सभी कार्यों को निर्विघ्न और सफलता पूर्वक सम्पन्न होने का आशीष प्रदान करें।
मंत्र का लाभ:-
हिंदू धर्म में किसी भी कार्य की शुरुआत करने से पहले गणेश जी के इस मंत्र का जाप किया जाता है। इस मंत्र के जाप से कार्य में सफलता मिलता है। ये मंत्र भगवान गणेश के उपासकों के लिए विशेष फलदायी होता है।
श्री गणेश मूल मंत्र:
ॐ गं गणपतये नमः।
मंत्र का अर्थ:-
हे समस्त गणों के अधिपति श्री गणेश, आपको मेरा नमस्कार हो।
मंत्र का लाभ:-
ये भगवान गणेश का मूल मंत्र है। इसे भगवान गणेश का बीज मंत्र भी कहा जाता है। किसी भी नए कार्य की शुरुआत करने से पहले इस मंत्र का जाप करने से वो असफल नहीं होता है। इस मंत्र को अध्यात्म और योग साधना के लिए प्रयोग किया जाता है।
- ऊँ एकदंताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात्॥
- ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट॥
- इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः
- इदं आचमनयं ऊं गं गणपतये नम:
- इदं ताम्बूल पुगीफल समायुक्तं ऊं गं गणपतये समर्पयामि:
- एष: पुष्पान्जलि ऊं गं गणपतये नम:
बुधवार के दिन इस मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए
बुधवार के दिन करें ये उपाय
बुधवार के दिन गणेश मंदिर जाकर गणेश जी को गुड़ का भोग लगाएं। ऐसा करने से गणपति के साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होगी। इसके अलावा बुधवार के दिन गणपति को मोदक का भोग भी जरूर लगाना चाहिए। किसी तरह की आर्थिक समस्या से परेशान हैं तो बुधवार के दिन भगवान गणेश को 21 या 42 जावित्री अर्पित करें। इससे आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है। बुधवार के दिन साबुत मूंग उबालकर उसमें घी और चीनी मिलाकर गाय को खिलाने से कर्ज से जल्द छुटकारा मिलता है।
बुधवार के दिन मंदिर में जाकर भगवान गणेश को दूर्वा और लड्डू चढ़ाने से गणपति प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। बुधवार के दिन सूर्योदय से पहले 2 मुट्ठी मूंग लेकर अपने ऊपर घुमाकर अपनी मनोकामना कहते हुए इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें. इससे आपकी आर्थिक स्थिति सुधरने लगेगी।
बुधवार के दिन गणपति की पूजा के बाद किन्नर को कुछ धन दान करें और उनसे कुछ पैसे आशीर्वाद के रूप में ले लें। अब इन पैसों को पूजा वाले स्थान पर रखकर धूप-दीप दिखाएं। कुछ ही दिनों में आपकी सारी समस्या दूर हो जाएगी। बुधवार के दिन भगवान गणेश का अथर्वशीर्ष का पाठ करने से भी गणपति प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सारे विघ्न हर लेते हैं.इस दिन पूजा के बाद भगवान श्री गणेश के मस्तक में सिंदूर लगाएं फिर इसके बाद इसे अपने माथे में लगाएं। ऐसा करने से आपको हर काम में सफलता मिलेगी।
ॐ गं गणपतये नमः।
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