जानिए तुलसी के पौधे के गुण क्या हैं तुलसी के पौधे के पास क्या ना रखे, Know the properties of Tulsi plant and what not to keep near Tulsi plant
जानिए तुलसी के गुण क्या हैं तुलसी के पौधे के पास क्या ना रखे
तुलसी के क्या क्या गुण होते हैं
इन पत्तियों में कफ-वात दोष को कम करने, पाचन शक्ति एवं भूख बढ़ाने और रक्त को शुद्ध करने वाले गुण होते हैं। इसके अलावा तुलसी के पत्ते बुखार, दिल से जुड़ी बीमारियां, पेट दर्द, मलेरिया और बैक्टीरियल संक्रमण आदि के इलाज में बहुत फायदेमंद हैं।
तुलसी के पौधे के गुण
दांतों की पीड़ा
- दांतों में दरद होने पर तुलसी के पत्ते और कालीमिर्च पीसकर गोली बनाकर दरद के स्थान पर रखने से आराम होता है।
- तुलसी के पंचांग को कूटकर तोला भर आधा सेर पानी में पकाएँ, आधा पानी जल जाने पर उतार लें, इससे कुल्ला करने पर दांतों का दरद मिटता है।
सिर दरद
- सिर पीड़ा में तुलसी के सूखे पत्तों का चूर्ण अथवा तुलसी के बीजों का चूर्ण कपड़े में छानकर सूँघनी की तरह सूँघने से आराम होता है।
- तुलसी पत्र ३५, सफेद मिर्च १, तुरिया १० नग, इनको जल में पीस रस निकालकर नित्य लेने से पुराना सिर दरद दूर हो जाता है।
- तुलसी पत्र और दो-तीन कालीमिर्च पीसकर रस निकालकर नस्य लेने से आधा शीशी का दरद दूर हो जाता है।
- वन तुलसी का फूल और कालीमिर्च को जलते कोयले पर डालकर उसका धुँआ सूँघने से सिर का कठिन दरद ठीक हो जाता है।
- श्यामा तुलसी की जड़ को चंदन की तरह घिसकर लेप करने से दरद मिटता है।
गठिया और जोड़ों का दरद-
- तुलसी में वात विकार को मिटाने का गुण पाया जाता है। इसलिए यदि बात की प्रबलता से नाड़ियों में दरद जान पड़े
- तो उसमें तुलसी के काढ़े का प्रयोग हितकारी होता है। यदि जोड़ों में दरद होता हो तो तुलसी के पत्रों का रस पीते रहने से लाभ होता है। मोच और चोट पर तुलसी के स्वरस की मालिश करने से आराम होता है।
- तुलसी की जड़, पत्ते, डंठल, मंजरी और बीज, इन पाँचों को समान भाग लेकर कूट-छानकर ६ माशा की मात्रा में उतने ही पुराने गुड़ के साथ मिला लें। इसको प्रातः-सायं दोनों समय बकरी के दूध के साथ सेवन करने से गठिया का रोग दूर हो जाता है।
- वन तुलसी के पंचांग को पानी में उबालकर उसका भफारा लेने से लकवा और गठिया में लाभ होता है।
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तुलसी की विशेषता क्या है
तुलसी का उपयोग भारत मे व्यापक रूप से पूजा में किया जाता है। इसके उपयोग से त्वचा और बालों में सुधार होता हैं। यह रक्त शर्करा के स्तर को भी कम करती है और इसका चू्र्ण मुँह के छालों के लिए प्रयोग किया जाता है। इसकी पत्तियों के रस को बुखार, ब्रोकाइटिस, खांसी, पाचन संबंधी शिकायतों में देने से राहत मिलती है।
तुलसी के पौधे के पास क्या ना रखे
तुलसी का पौधा एक पवित्र पौधा होता है। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। परंतु तुलसी के पौधे के पास हमें ऐसी चीजें नहीं रखनी चाहिए। जिससे कि घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो और उसका हमें नुकसान उठाना पड़े।
आइए जानते हैं कौन-कौन सी हैं वे चीजें
- जूते चप्पल - तुलसी के पौधे के पास जूते, चप्पल इत्यादि नहीं रखने चाहिए।इससे भी घर में नकारात्मकता आती है
- मैले कपड़े - तुलसी के पौधे के पास मैले कपड़े नहीं रखने चाहिए। इससे भी नकारात्मकता का प्रवेश घर में होता है।
- टूटी-फूटी चीजें -तुलसी के पौधे के पास टूटी-फूटी चीजें भी नहीं रखनी चाहिए ।इससे घर में धन की हानि होती है।
- कूड़ा करकट -तुलसी के पौधे के पास कूड़ा करकट भी नहीं होना चाहिए। उस स्थान की पूरी सफाई रखनी चाहिए।
अगर हम इस तरह से छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते हैं, तो घर में कभी भी क्लेश का वातावरण उत्पन्न नहीं होता। धन संबंधी समस्याएं भी हमें नहीं उठानी पड़ती।
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तुलसी की पत्तियां तोड़ते समय स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें।
- तुलसी के पौधे को कभी गंदे हाथों से न छूएं।
- तुलसी की पत्तियां तोड़ने से पहले उसे प्रणाम करेना चाहिए और इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए- महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।
- बिना जरुरत के तुलसी को की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए, यह उसका अपमान होता है।
- रविवार, चंद्रग्रहण और एकादशी के दिन तुलसी नहीं तोड़ना चाहिए।
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