GK प्रश्न उत्तर " रामायण से संबंधित 276 से 300 तक,
प्रश्न 276.'हे मित्र जांबवान्! तुम तब तक जीवित रहोगे जब तक कि प्रलय और कलियुग नहीं आ जाते।' जांबवान् को यह आशीर्वाद किसने दिया था?
- भरत
- सुग्रीव
- हनुमान
- श्रीराम
उत्तर श्रीराम
प्रश्न 277.'यदि मैं जानता कि इस प्रकार मुझे अपने अनुज का बिछोह सहना पड़ेगा तो मैं पिता की आज्ञा न मानता।' यह विलाप-स्वर किसका है?
- दशरथ
- रावण
- मेघनाद
- श्रीराम
उत्तर श्रीराम
प्रश्न 278.'हे श्रीराम! जानकी सीता का आचरण सर्वथा शुद्ध है। पाप इसे छू भी नहीं सका है। मैंने सहस्रों वर्षों तक घोर तपस्या की है। यदि सीता में कोई दोष हो तो मुझे उस तपस्या का फल न मिले।' यह घोषणा किसने की थी?
- वाल्मीकि
- वसिष्ठ
- याज्ञवल्क्य
- विश्वामित्र
उत्तर वाल्मीकि
प्रश्न 279'.रावण, मेरे पाँव को तुमने जिस तरह पकड़ा है, यदि ऐसे ही श्रीराम के चरण पकड़ते तो तुम्हारा कल्याण हो जाता।' रावण को इस तरह किसने धिक्कारा था?
- हनुमान
- सुग्रीव
- नील
- अंगद
उत्तर अंगद
प्रश्न 280.'हे माँ पृथ्वी! यदि श्रीराम के अतिरिक्त किसी अन्य का मैंने स्वप्न में भी विचार किया हो तो तू फट जा और मुझे अपनी गोद में समा ले।' पृथ्वी से यह प्रार्थना किसने की थी?
- कौशल्या
- शूर्पणखा
- सीता
- कैकेयी
उत्तर सीता
प्रश्न 281'हे कुलघातिनी कैकेयी ! तूने श्रीराम को वनवास दिलाकर महापातक किया है। तू मेरे पिता की हत्यारिन है! तूने ऐसा कर मुझे भी पाप का भागी बना दिया है। तू माँ कहलाने के योग्य नहीं।' ये शब्द किसके हैं?
- भरत
- लक्ष्मण
- शत्रुघ्न
- दशरथ
उत्तर भरत
प्रश्न 282'.रावण यदि रसातल में भी छुप जाय अथवा पितामह ब्रह्मा के पास भी चला जाय, तो भी अब वह मेरे हाथों से बच न सकेगा।' ये उद्गार किसके थे?
- बालि
- लक्ष्मण
- श्रीराम
- हनुमान
उत्तर श्रीराम
प्रश्न 283'यदि आज साक्षात् शिव भी मेघनाद की रक्षा हेतु आ जाएँ तो भी मैं सौगंध खाकर कहता हूँ कि उसे जीवित नहीं छोडूंगा!' यह ललकार किसकी थी?
- श्रीराम
- लक्ष्मण
- हनुमान
- इंद्र
उत्तर लक्ष्मण
प्रश्न 284'मैं अपने भाइयों की सौगंध खाकर कहता हूँ कि युद्ध में पुत्रों, भृत्यजनों व बंधु-बांधवों सहित रावण का वध करके ही रहूँगा।' यह प्रतिज्ञा किसकी थी?
- बालि
- सहस्रबाहु
- लक्ष्मण
- श्रीराम
उत्तर श्रीराम
प्रश्न 285'हे राम! तुमने शिव के धनुष को तोड़ दिया है। उसी समाचार को सुनकर मैं एक अन्य उत्तम धनुष लेकर तुम्हारे पास आया हूँ, जिसपर तुम बाण चढ़ाओ।' श्रीराम से ऐसा किसने कहा था?
- वसिष्ठ
- परशुराम
- नारद
- वाल्मीकि
उत्तर परशुराम
प्रश्न 286'हे रघुनंदन! मैंने एक हजार वर्षों तक उपवास किया है। आज मेरे उस व्रत की समाप्ति का दिन है, इसलिए इस समय आपके यहाँ जो भी भोजन हो वही मैं ग्रहण करूँगा।' श्रीराम से यह किसने कहा था?
- परशुराम
- वाल्मीकि
- दुर्वासा
- याज्ञवल्क्य
उत्तर दुर्वासा
प्रश्न 287'हे प्रभु! आपके प्रति मेरा स्रेह सदैव बना रहे। आप में ही मेरी निश्चल भक्ति रहे। आपके अतिरिक्त और कहीं भी मेरा आंतरिक अनुराग न हो।' श्रीराम से यह विनती किसने की थी?
- हनुमान
- भरत
- विभीषण
- शत्रुघ्न
उत्तर हनुमान
प्रश्न 288'प्रिय हनुमान! संसार में मेरी कथा जब तक प्रचलित रहेगी तब तक तुम्हारी कीर्ति भी अमिट रहेगी, और तुम्हारे शरीर में प्राण भी रहेंगे।' हनुमान से यह किसने कहा था?
- लक्ष्मण
- विभीषण
- श्रीराम
- भरत
उत्तर श्रीराम
प्रश्न 289'विभीषण! रावण बल-पराक्रम से संपन्न तथा महामनस्वी था। मृत्यु के साथ ही वैर भी समाप्त हो जाता है। रावण जैसे तुम्हारा भाई था वैसे ही मेरा भी है। तुम इसका दाह-संस्कार करो।' विभीषण से ये वचन किसने कहे थे?
- लक्ष्मण
- कुंभकर्ण
- खर
- श्रीराम
उत्तर श्रीराम
प्रश्न 290'हे लंका नरेश! यह वानर कोई गुप्तचर नहीं लगता, अपितु दूत दिखाई देता है। अतः इसका वध करना उचित नहीं। आप इसे कोई दंड देकर छोड़ सकते हैं।' रावण को यह परामर्श किसने दिया था?
- अतिकाय
- सुमाली
- विभीषण
- मेघनाद
उत्तर विभीषण
प्रश्न 291'मैं प्रचेता का दसवाँ पुत्र हूँ।' यह वाक्य किस ऋषि ने कहा था?
- वाल्मीकि
- अत्रि
- परशुराम
- याज्ञवल्क्य
उत्तर वाल्मीकि
प्रश्न 292.'भैया! भरत सेना सहित आ रहे हैं। लगता है, वे हमपर आक्रमण करेंगे। हमें युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए।' यह किसने किससे कहा था?
- हनुमान ने सुग्रीव से
- लक्ष्मण ने श्रीराम से
- सुग्रीव ने बालि से
- शत्रुघ्न ने श्रीराम से
उत्तर लक्ष्मण ने श्रीराम से
प्रश्न 293.'हे श्रीराम! आपने वैष्णव धनुष की प्रत्यंचा चढ़ा दी है, इससे मैं जान गया हूँ कि आप देवेश्वर विष्णु ही हैं।' श्रीराम से यह किसने कहा था?
- विश्वामित्र
- याज्ञवल्क्य
- परशुराम
- अत्रि
उत्तर परशुराम
प्रश्न 294.'हे राम! मैं कामरूपिणी राक्षसी और रावण की बहन हूँ।' श्रीराम को यह परिचय किसने दिया था?
- कुंभीनसी
- शूर्पणखा
- त्रिजटा
- हेमा
उत्तर शूर्पणखा
प्रश्न 295.'महर्षि! आप एक धनुष के टूटने पर क्यों इतने विकल हो गए? अरे, मैंने तो बचपन में ऐसे न जाने कितने धनुष तोड़े थे। तब तो आप इतने क्रोधित न हुए थे।' यह वक्तव्य किसका है?
- श्रीराम
- भरत
- शत्रुघ्न
- लक्ष्मण
उत्तर लक्ष्मण
प्रश्न 296.'हे प्रभु राम! भले ही लक्ष्मण मुझपर बाण चला दें, किंतु आपके चरण धोए बिना मैं आपको पार नहीं उतार सकता।' ये वचन किसके हैं?
- केवट
- गय
- हनुमान
- सुग्रीव
प्रश्न 297.'हे राजन्! श्रीराम और लक्ष्मण को मुझे दे दीजिए, ताकि यज्ञ में विघ्न डालनेवाले राक्षसों का संहार हो सके।' यह आग्रह राजा दशरथ से किसने किया था?
- विश्वामित्र
- जनक
- परशुराम
- अत्रि
उत्तर विश्वामित्र
प्रश्न 298.'हे राम! मैं कैकेयी के दिए हुए वर के कारण मोह में पड़ गया हूँ। मेरी बात मानो, मुझे बंदी बनाकर स्वयं ही अब अयोध्या के राजा बन जाओ।' श्रीराम से यह बात किसने कही थी?
- भरत
- वसिष्ठ
- दशरथ
- सुमंत्र
उत्तर दशरथ
प्रश्न 299.'यदि भरत युवराज-पद स्वीकार करे तो उसके द्वारा की जानेवाली श्राद्ध आदि विधियाँ मुझ तक न पहुँचें।' यह किसने कहा था?
- कैकेयी
- दशरथ
- सुमित्रा
- कौशल्या
उत्तर दशरथ
प्रश्न 300'हे रावण! राजा मांधाता तुम्हारा युद्ध का मद उतार देंगे।' यह किसने कहा था?
- देवर्षि नारद
- पुलस्त्य
- अंगद
- देवर्षि पर्वत
उत्तरदेवर्षि पर्वत
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