चैत्र पूर्णिमा (हनुमान् जयन्ती) 2024 में Chaitra Purnima (Hanuman Jayanti) in 2024

चैत्र पूर्णिमा (हनुमान् जयन्ती) 2024 में (Hanuman Jayanti)

हनुमान जयंती

हिंदी पंचांग के अनुसार हनुमान जयंती चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है।गणना के अनुसार 2024 में हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।
वैसे तो प्रत्येक मास की पूर्णिमा तिथि पवित्र मानी जाती है। इस दिन स्त्री, पुरुष, बाल, वृद्ध पवित्र नदियों में स्नान कर अपने को पवित्र बनाते हैं। इस दिन घरों में स्त्रियाँ भगवान् लक्ष्मी-नारायण को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखती हैं और प्रभु सत्यनारायण की कथा सुनती हैं। चैत्र की पूर्णिमा को चैती पूनम भी कहा जाता है। इसी दिन भगवान् श्रीकृष्ण ने ब्रज में रास उत्सव रचाया था। जिसे महारास के नाम से जाना जाता है। यह महारास कार्तिक पूर्णिमा से प्रारम्भ होकर चैत्र मास की पूर्णिमा को समाप्त हुआ था। इस दिन श्रीकृष्ण ने अपनी अनन्त योग शक्ति से अपने असंख्य रूप धारण कर जितनी गोपी उतने ही कान्हा का विराट् रूप धारण कर विषय लोलुपता के देवता कामदेव को योग पराक्रम से आत्माराम और पूर्ण काम स्थिति प्रकट करके विजय प्राप्त की थी। भगवान् श्रीकृष्ण के योगनिष्ठा बल की यह सबसे कठिन परीक्षा थी। जिसे उन्होंने अनासक्त भाव से निस्पृह रहकर योगारूढ पद से रास पंचाध्यायी के श्रीकृष्ण के रास प्रसंग को तात्त्विक दृष्टि से श्रवण और मनन करना चाहिए। शास्त्रों में एकमत न होने पर चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हनुमान्जी का जन्म दिवस मानाया गया जाता है। वैसे वायु-पुराणादिकों के अनुसार कार्तिक की चौदस के दिन हनुमान्जी को सजाकर उनकी पूजा-अर्चना एवं आरती करें। भोग लगाकर सबको प्रसाद देना चाहिए।
Chaitra Purnima (Hanuman Jayanti) in 2024

हनुमान जयंती व चैत्र पूर्णिमा का महत्व

इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु व हनुमान जी की असीम कृपा मिलती है। जीवन के सभी संकट और बाधाओं से मुक्ति मिलने के साथ मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। कुंडली में शनि ग्रह का अशुभ प्रभाव व इससे जुड़ी समस्याएं दूर होने में मदद मिलती है। साथ ही नेगेटिव एनर्जी से संबंधित परेशानियों से छुटकारा मिलता है। भगवान विष्णु का व्रत व पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि व शांति का वास होता है। 
हनुमान जी के जन्म के विषय मे दो तिथियों की मान्यता है, चैत्र पूर्णिमा और कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी। दक्षिण भारत की ओर लोग चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्मदिन मानते है उत्तर भारत मे भी जगह जगह हनुमान जयंती आज मनाने का प्रचलन है, आम धारणानुसार आज की तिथि पर हनुमान जी लंका दहन करके आये थे जिस उपलक्ष में सभी वानरों ने आज का पर्व मनाया था अन्यथा हनुमान जी का जन्म कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी को मानना चाहिए। हर जगह हनुमान मंदिर सजाये जाते हैं भक्त व्रत रखते हैं , सिंदूर या बंदन का लेप हनुमान जी की मूर्ति पर लगाकर उनका श्रृंगार करते हैं, प्रसाद वितरण इत्यादि होता है जगह जगह भंडारे होते हैं। सूर्योदय से पूर्व उठकर, स्नानादि से निवृत होकर रामदरबार सजाते है एवं हनुमान श्रृंगार के बाद राम जी का पूजन इत्यादि करने के बाद हनुमान जी के लिए मंत्र चालीसा, हनुमानाष्टक, एवं सुंदरकांड का पाठ करते हैं तथा भोग लगाकर प्रसाद वितरण करते हैं। व्रत धारक भक्त एक समय प्रसाद भोजन करके पारण की क्रिया करते हैं।

विशेष उपाय: 

  • सुंदरकांड का पाठ
  • "ॐ हं हनुमंते नमः" मंत्र का 1 माला जाप करे।
  • मीठे प्रसाद का भोग लगाकर प्रसाद वितरण करे।
  • बड़े बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लें।
Chaitra Purnima (Hanuman Jayanti) in 2024

हनुमान जयंती व्रत विधि

हनुमान जी की पूजा में ब्रह्मचर्य और पवित्रता का बहुत ध्यान रखना चाहिए। व्रत करने वाले लोगों को व्रत रखने से एक रात पहले ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए और जमीन पर सोना चाहिए। सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर राम-सीता और हनुमान की पूजा करें। आपको हनुमान जी की मूर्ति की पूजा करनी चाहिए। आपको सिन्दूर और चोला अवश्य चढ़ाना चाहिए। प्रसाद के रूप में गुड़, चना और बेसन के लड्डू अवश्य चढ़ाएं। आपको 'ओम हनुमते नम:' मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। इस दिन आपको रामायण और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए और हो सके तो हनुमान चालीसा सुंदरकांड का अखंड पाठ भी करना चाहिए। हनुमान जी का जन्मदिन उनके भक्तों के लिए परम पुण्य का दिन है। इस दिन हनुमान जी को तेल और सिन्दूर चढ़ाया जाता है। हनुमान जी को मोदक बहुत पसंद है इसलिए उन्हें मोदक का भोग भी लगाना चाहिए। हनुमान जयंती पर हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक, बजरंग वध और रामायण का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।

ऐसे करें पूजा विधि

  • सुबह नहाकर साफ कपड़े पहने। कोशिश करें की कपड़ों का रंग पीला या लाल हो। 
  • वैसे तो पूर्णिमा पर नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। मगर कोरोना के चलते आप घर पर ही नहाने के जल में गंगा जल मिलाकर स्नान कर सकती है।
  • भगवान विष्णु व हनुमान जी की पूजा करके उन्हें फूल, धूप-दीप चढ़ाकर भोग लगाएं। 
  • हनुमान जी को लाल सिंदूर, चोला व चमेली का तेल चढ़ाएं।
  • हनुमान चालीसा, रामायण, रामचरित मानस, सुंदरकांड, बजरंग बाण, हनुमान बाहुक आदि का पाठ करें। 
  • फिर सभी देवी- देवताओं की आरती करके प्रसाद बांटें। 
 मंत्र चैत्र पूर्णिमा (हनुमान् जयन्ती) 
  1. ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
  2.  तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥ 
  3. 'ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।
  4. ' 'ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्।

टिप्पणियाँ