श्री ब्रह्मा चालीसा हिंदी

 श्री ब्रह्मा चालीसा

श्री ब्रह्मा चालीसा को पढ़ने की विधि

  1. शुभ मुहूर्त का चयन: श्री ब्रह्मा चालीसा का पाठ करने के लिए एक शुभ मुहूर्त का चयन करें, जैसे कि सुबह या संध्या के समय।
  2. पूजा स्थान का चयन: एक शुद्ध और साफ पूजा स्थान का चयन करें जहां आप पूजा कर सकते हैं।
  3. ब्रह्मा जी की मूर्ति या छवि का स्थापना: श्री ब्रह्मा जी की मूर्ति या छवि को एक स्थान पर स्थापित करें।
  4. पंज अग्रपूजा: पंज अग्रपूजा करें जिसमें फूल, दीप, धूप, अक्षत, और नैवेद्य शामिल होते हैं।
  5. ब्रह्मा चालीसा का पाठ: श्री ब्रह्मा चालीसा का पाठ भक्तिभाव से करें।
  6. आरती और भजन: ब्रह्मा जी की आरती और उनके भजनों का आनंद लें।
  7. मन्त्रों का जप: ब्रह्मा जी के मंत्रों का जप करें, जैसे "ॐ ब्रह्मणे नमः" या अन्य ब्रह्मा मंत्र।
  8. आरती और प्रशाद: ब्रह्मा जी की आरती करें और प्रसाद बाँटें।
  9. भक्ति भाव: पूजा के दौरान और उसके बाद, आपको भक्ति भाव से श्री ब्रह्मा जी की आराधना करनी चाहिए।

इस विधि को अपनी आदतों और परंपराओं के अनुसार समायोजित करें, क्योंकि यह स्थानीय संस्कृति और आचार्यों के अनुसार भिन्न हो सकती है।


 हिन्दी में श्री ब्रह्मा चालीसा का पूरा पाठ है

॥ चौपाई ॥

जय ब्रह्मा, जनक नंदिनी, बालक अंगना।
दैत्य दरिद्र दलन, विनायक बिग्याना॥
जयति ब्रह्मा देव, सर्वलोकनायक।
ब्रह्मणी भगवती, संहिता विद्याध्यक्ष॥
सप्तर्षि, चंद्रमा, ब्रह्मा राजि होत।
मुनिगण, नारद महर्षि, अपना सोत॥
सर्वकामना सिद्ध करै, सर्व सुख उबार।
अच्युत गुण गायक, कृपासिंधु भवानी आप भक्त वार॥
ब्रह्मांड समाप्त ब्रह्मा, ब्रह्मणी भगवानी।
कृपा करहु ब्रह्मा, सब विघ्न विनाशिनी॥
चले पुनः ब्रह्मा, चंद्रबिंब तनु तजैं।
कुलकंब, कृपा दृष्टि, ब्रह्मा अनुपम सुख उबार॥
करी ब्रह्मा, तीन लोक धरत समय।
ताहि पुनः जुगल मुकुर प्रभु राय॥
प्रतिजुगन स्वयं धरें अद्वितीया।
अच्युत गुण राजा भगवान, भक्त जन प्रतिपालका॥
शिवनाथ सहाईं ब्रह्मा, विद्या धारीं।
द्विजबरन प्रीति रखैं, विद्या को हारीं॥
ब्रह्मा कृपा करहु भक्त पे।
ब्रह्मा करहु अधिपति संपै॥
अच्युत गुण गायक, कृपासिंधु भवानी आप भक्त वार।

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