गणेश जी /गणपति सब कुछ
गणेश जी का मूल मंत्र क्या है?
ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥ इस मंत्र के जाप से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गणेश जी की प्रार्थना कैसे करें?
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।। गणेश जी का ये मंत्र सबसे अधिक लोकप्रिय है। इस मंत्र का अर्थ ये है कि जिनकी सुंड घुमावदार है, जिनका शरीर विशाल है, जो करोड़ सूर्यों के समान तेजस्वी हैं, वही भगवान मेरे सभी काम बिना बाधा के पूरे करने की कृपा करें
गणपति का मंत्र कौन सा है?
ॐ गं गणपतये नमः
यदि आपके जीवन में ढेर सारी परेशानियां हैं और आप उन सब समस्याओं से छुटकारा चाहते हैं तो आप उपरोक्त मंत्र का जाप करें। भगवान गणेश का यह मंत्र इतना चमत्कारी है कि इसके जाप से से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं। इस मंत्र के जाप से भक्तों जल्द ही शुभ फल प्राप्त होगा।
गणेश जी की आरती के रचयिता कौन है?
कौन थे रचनाकार समर्थ रामदास भगवान गणेश की आरती लिखने वाले समर्थ रामदास का असली नाम नारायण सूर्याजीपंत कुलकर्णी था. उनका जन्म महाराष्ट्र के जालना जिले के जांब में सन 1606 में हुआ था.
गणेश जी का आवाहन कैसे करें?
ॐ भूर्भुवः स्वः सिद्धिबुद्धिसहिताय गणपतये नमः, गणपतिमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च। हाथ के अक्षत को गणेश जी पर चढ़ा दें। पुनः अक्षत लेकर गणेशजी की दाहिनी ओर गौरी जी का आवाहन करें।
घर पर गणेश की पूजा कैसे करें?
इस त्योहार के दौरान भगवान गणेश की पूजा करने के लिए, घर को साफ करना चाहिए, मूर्ति का स्वागत करना चाहिए और दूर्वा घास, फूल, मोदक और करंजी चढ़ाना चाहिए। मूर्ति को एक ऊंचे मंच पर रखा जाता है, प्रार्थनाएं और मंत्र पढ़े जाते हैं, और पद्य समर्पण और पंचामृत स्नान जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं।
घर पर गणेश पूजा कितने बजे करना है?
गणेश जी की मूर्ति की स्थापना का बहुत महत्व है। बप्पा घरों में समृद्धि और खुशियां लाएं। इस वर्ष गणेश स्थापना का आदर्श समय 19 सितंबर को सुबह 11:07 बजे से दोपहर 01:34 बजे के बीच होगा। फिर स्थापना के बाद लगातार 10 दिनों तक पूरे विधि-विधान और भक्तिभाव से उनकी पूजा की जाएगी।
गणेश से मदद कैसे मांगे?
भगवान गणेश की सहायता पाने के लिए , शांत और एकाग्र रहें, अपनी आंखें बंद करें, शुद्ध हृदय से भगवान से प्रार्थना करें और अपनी समस्या या अपने मन में मौजूद किसी भी प्रश्न का समाधान या उत्तर मांगें।
सबसे शक्तिशाली गणेश मंत्र कौन सा है?
" ओम् एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् " भगवान गणेश को समर्पित एक शक्तिशाली गायत्री मंत्र है। मानसिक क्षमताओं, ज्ञान और आत्मज्ञान को बढ़ाने के लिए इसका जाप किया जाता है। नियमित पाठ मन को उज्ज्वल कर सकता है और व्यक्तियों को जीवन में सही मार्ग की ओर मार्गदर्शन कर सकता है।
गणेश मंत्र का उच्चारण कैसे करते हैं?
जब बात गणपति के मंत्रों की आती है तो सबसे पहले 'ॐ गं गणपतये नमः मंत्र ' का उच्चारण किया जाता है। यह मंत्र किसी भी पूजा-पाठ के आरंभ में भगवान गणपति का आह्वान करने के लिए प्रमुख माना जाता है। यह भगवान गणेश को समर्पित एक शुभ मंत्र है। चूंकि भगवान गणेश जी को सफलता का दैवीय दाता माना जाता है, इसलिए उनका पूजन फलदायी होता है।
मनोकामना पूर्ति के लिए कौन सा मंत्र शक्तिशाली है?
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश, ग्लौम गणपति, ऋदि्ध पति, मेरे दूर करो क्लेश. विद्यार्थी लभते विद्यां, धनार्थी लभते धनम्, पुत्रार्थी लभते पुत्रान्-मोक्षार्थी लभते गतिम्. ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात.
पूजा शुरू करने से पहले कौन सा मंत्र बोला जाता है?
आचमन करते हुए, 'ॐ केशवाय नम:, ॐ नाराणाय नम:, ॐ माधवाय नम:, ॐ हृषीकेशाय नम:. इन मंत्र का उच्चारण करते हुए अंगूठे से मुख पोछ लें और ॐ गोविंदाय नमः मंत्र बोलकर हाथ धो लें. इस विधि व नियम से किया गया आचमन पूर्ण होता है और पूजा संपन्न मानी जाती है.
कलयुग में गणेश जी का क्या नाम है?
भगवान गणेशजी का कलियुग में जो अवतार होगा उसका नाम होगा 'धूम्रकेतु'। कलियुग में समाज में फैल चुकी बुराइयों को दूर करने के लिए लोगों को सद्बुद्धि देने के लिए गजाजन भगवान अपने इस अवतार में प्रकट होंगे।
गणेश का असली नाम क्या था?
कहते हैं कि भगवान गणेशजी का मस्तक या सिर कटने के पूर्व उनका नाम विनायक था। परंतु जब उनका मस्तक काटा गया और फिर उसे पर हाथी का मस्तक लगाया गया तो सभी उन्हें गजानन कहने लगे। फिर जब उन्हें गणों का प्रमुख बनाया गया तो उन्हें गणपति और गणेश कहने लगे।
क्या गणेश की पत्नी है?
मिथकों का एक पैटर्न गणेश को एक अविवाहित ब्रह्मचारी के रूप में पहचानता है, जिसका कोई जीवनसाथी नहीं है । एक अन्य मुख्यधारा पैटर्न उन्हें बुद्धि (बुद्धि), सिद्धि (आध्यात्मिक शक्ति), और रिद्धि (समृद्धि) की अवधारणाओं से जोड़ता है; इन गुणों को कभी-कभी देवियों के रूप में प्रस्तुत किया जाता है जिन्हें गणेश की पत्नियाँ माना जाता है।
आरती के बाद कौन सा मंत्र बोला जाता है?
मंत्र, किस देवता के लिउ बोला जाता है ये मंत्र कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्
गणेश जी की कौन सी भुजा गौरी रखनी चाहिए?
ऐसे देवी-देवताओं की तस्वीरें/मूर्तियाँ रखते समय, जो पति-पत्नी नहीं हैं, परंपरा यह है कि महिला देवता को पुरुष देवता के दाहिनी ओर रखा जाता है। केवल तभी जब देवता शिव-पार्वती, विष्णु-लक्ष्मी आदि जैसे पति-पत्नी हों, देवी की छवि/मूर्ति भगवान के बाईं ओर रखी जा सकती है।
गणेश जी की सूंड किस तरफ होनी चाहिए?
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार सूंड भगवान गणेश के बाईं ओर होनी चाहिए । गणेश जी की दाहिनी ओर सूंड वाली मूर्ति बहुत शुभ नहीं मानी जाती है। 1. अगर आप अपने घर में सुख-समृद्धि और धन चाहते हैं तो सही दिशा में गणेश जी की सफेद मूर्ति रखें।
कौन से रंग की गणेश मूर्ति घर के लिए अच्छी है?
वास्तु के अनुसार किसी मूर्ति के लिए सबसे अच्छा रंग कौन सा है? कई वास्तु विशेषज्ञ भगवान गणेश की सफेद मूर्ति को सही दिशा में रखने की सलाह देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सफेद मूर्ति सद्भाव, शांति और समृद्धि को आमंत्रित करती है। अगर आप आत्म-विकास और सफलता चाहते हैं तो आप भगवान गणेश की सिन्दूर लगी मूर्ति भी घर ला सकते हैं।
गणेश जी पर क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?
चंद्रदेव ने एक बार भगवान गणेश के रूप का मजाक बनाया था, जिसके बाद गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दे दिया था. इसलिए गणपति को सफेद रंग के फूल, वस्त्र, सफेद जनेऊ, सफेद चंदन आदि नहीं चढ़ाना चाहिए. पूजा करते समय हमें विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए कि गणेश जी की पूजा में मुरझाए और सूखे फल का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
गणेश जी को चावल चढ़ाने से क्या होता है?
ऐसा माना जाता है कि चावल पांच मुख्य देवी-देवता भोलेनाथ, शक्ति, कृष्ण भगवान, श्रीराम और गणपति भगवान से सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में सक्षम है। लोगों की आस्था है कि देवी-देवताओं को साबुत चावल चढ़ाने से घर-परिवार और जीवन में सकारात्मकता का वास होता है।
गणेश जी का सबसे प्रिय क्या है?
गणेशजी की पसंद
उनका प्रिय भोग मोदक लड्डू, प्रिय पुष्प लाल रंग के फूल, प्रिय वस्तु दुर्वा (दूब), प्रिय वृक्ष शमी-पत्र, केल, केला आदि हैं। केसरिया चंदन, अक्षत, दूर्वा अर्पित कर कपूर जलाकर उनकी पूजा और आरती की जाती है। उनको मोदक का लड्डू अर्पित किया जाता है। उन्हें रक्तवर्ण के पुष्प विशेष प्रिय हैं।
गणेश विसर्जन के बाद नारियल का क्या करें?
उत्तर। आपको अगले दिन नारियल तोड़ना चाहिए और इसका उपयोग गुड़ और चावल के साथ मीठा पोंगल, मोदक, या कोझुकट्टई जैसी कोई भी मिठाई बनाने में करना चाहिए। फिर मिठाई घर में पूजे जाने वाले देवताओं को अर्पित की जाती है।
बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा कैसे करें?
प्रत्येक बुधवार को भगवान गणेश को शमी के पत्ते और दूर्वा चढ़ाना चाहिए । यदि शमी के पत्ते उपलब्ध न हों तो दूर्वा चढ़ा सकते हैं। दूर्वा चढ़ाने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि 21 दूर्वा की गांठ बनाई जाए और इस तरह गणेश जी के मस्तक पर 21 दूर्वा की गांठें चढ़ाई जाती हैं।
गणेश जी को कितने दिन तक रखना चाहिए?
आप मूर्ति को डेढ़ दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन, 9 दिन और 11 दिन के लिए रख सकते हैं। यह पूरी तरह से भक्तों की पसंद पर निर्भर करता है कि वे मूर्ति को कितने दिनों के लिए घर पर रखना चाहते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन भक्त व्रत रखते हैं और शुद्ध इरादों के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
गणेश मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?
लाभ: शांति, समृद्धि और सिद्धि (आध्यात्मिक ज्ञान), भौतिक पूर्ति और मजबूत सामाजिक प्रभाव प्राप्त करने के लिए लोगों को इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
गणेश मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?
खूब मेहनत करने के बावजूद यदि किसी कार्य में बार-बार असफलता हाथ लग रही है तो इसके लिए बुधवार के दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करें और इसके बाद श्री गणेश के मंत्र 'ॐ गं गणपतये नमः' का 108 बार जाप करें. इससे कार्य में सफलता हासिल होगी
ॐ वक्रतुंडाय नमः किसका मंत्र है?
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ अर्थ - घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली।
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