दुर्गा माता के 60 नाम: और नामों का मंत्र और उनका अर्थ /60 names of Durga Mata: and the mantra of the names and their meaning

मां दुर्गा का शेर चुनने की पौराणिक कथा: साहस, सेवा और संयम की अद्भुत कहानी,दुर्गा माता के 60 नाम: और नामों का मंत्र और उनका अर्थ

हिन्दू धर्म में मां दुर्गा को शक्ति, साहस और भक्ति की प्रतीक माना जाता है। उनके प्रत्येक रूप में हमें कोई न कोई गूढ़ संदेश मिलता है। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि मां दुर्गा की सवारी शेर ही क्यों है? इस शेर को देवी ने क्यों और कैसे अपना वाहन चुना? इसके पीछे एक गहरी और प्रेरणादायक पौराणिक कथा है जो त्याग, भक्ति और आत्म-नियंत्रण का प्रतीक बन चुकी है।


जब देवी पार्वती ने की घोर तपस्या

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक समय देवी पार्वती ने शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या आरंभ की। यह तपस्या इतनी गहन थी कि वर्षों तक निरंतर चलती रही। उसी वन में एक सिंह (शेर) रहता था, जो देवी की तपस्या को देखकर सोचने लगा कि जैसे ही उनकी साधना समाप्त होगी, वह उन्हें अपना आहार बना लेगा।

लेकिन समय बीतता गया

देवी की तपस्या समाप्त होने का नाम नहीं ले रही थी। आश्चर्य की बात यह थी कि वह शेर भी वहां से गया नहीं। उसने भी अपनी भूख, प्यास और हिंसक प्रवृत्ति को त्यागकर वर्षों तक वहीं बैठकर देवी की प्रतीक्षा की।


शेर की सेवा और संयम से प्रसन्न हुईं देवी

अंततः जब देवी पार्वती की तपस्या पूर्ण हुई, तो भगवान शिव प्रकट हुए और उन्होंने देवी को उज्जवल वर्ण का वरदान दिया, जिससे वे ‘महागौरी’ नाम से प्रसिद्ध हुईं। तब देवी पार्वती की दृष्टि उस शेर पर पड़ी, जो वर्षों से भूखा-प्यासा उनकी सेवा में उपस्थित था। उसकी निष्ठा, धैर्य और संयम ने देवी को अत्यंत प्रभावित किया।


शेर बना मां दुर्गा का वाहन

शेर की इस अद्वितीय सेवा और त्याग से प्रसन्न होकर मां दुर्गा ने उसे अपना प्रिय वाहन बना लिया। तब से शेर को मां दुर्गा की सवारी के रूप में पूजा जाता है। यह न केवल उनकी शक्ति और साहस का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाता है कि सेवा, समर्पण और संयम से कोई भी भगवान की कृपा प्राप्त कर सकता है


शेर का आध्यात्मिक महत्व

शेर केवल हिंसा और बल का प्रतीक नहीं है, बल्कि वह आत्म-नियंत्रण और संयम का भी गहरा प्रतीक बन गया है। जिस प्रकार उस शेर ने अपने प्राकृतिक स्वभाव को दबाकर देवी की तपस्या में खलल नहीं डाला, वह हमें यह सिखाता है कि वास्तविक शक्ति वही है जो संयमित हो


मां दुर्गा के अन्य रूप और वाहन

नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। प्रत्येक रूप का अपना अलग वाहन होता है—जैसे मां ब्रह्मचारिणी का वाहन हंस, मां चंद्रघंटा का बाघ, और मां स्कंदमाता का शेर का शावक। लेकिन जब बात मां दुर्गा के मुख्य रूप की आती है, तो उनका वाहन हमेशा शेर ही होता है, जो उनकी वीरता, शक्ति और निडरता का प्रतीक है।


मां दुर्गा और शेर का अटूट संबंध

मां दुर्गा का शेर पर सवार होना केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि गहरा आध्यात्मिक संदेश देता है। वह दर्शाता है कि मां दुर्गा केवल बाहरी बुराइयों से नहीं लड़तीं, बल्कि हमारे भीतर के राक्षसों—जैसे डर, लोभ, क्रोध और अहंकार—से भी हमें मुक्ति दिलाती हैं। शेर उनके साहस, धैर्य और विजय का वाहन है—अपराजेयता का प्रतीक।

मां दुर्गा के  नाम और उनके अर्थ:

  1. सती- अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली 
  2. साध्वी- आशावादी 
  3. भवप्रीता- भगवान शिव पर प्रीति रखने वाली 
  4. भवानी- ब्रह्मांड में निवास करने वाली 
  5. भवमोचनी- संसारिक बंधनों से मुक्त करने वाली 
  6. आर्या- देवी 
  7. दुर्गा- अपराजेय 
  8. जया- विजयी 
  9. आद्य- शुरुआत की वास्तविकता
  10. त्रिनेत्र- तीन आंखों वाली
  11. शूलधारिणी- शूल धारण करने वाली 
  12. पिनाकधारिणी- शिव का त्रिशूल धारण करने वाली 
  13. चित्रा- सुरम्य, सुंदर 
  14. चण्डघण्टा- प्रचण्ड स्वर से घण्टा नाद करने वाली, घंटे की आवाज निकालने वाली 
  15. सुधा- अमृत की देवी 
  16. मन- मनन-शक्ति 
  17. बुद्धि- सर्वज्ञाता 
  18. अहंकारा- अभिमान करने वाली
  19. चित्तरूपा- वह जो सोच की अवस्था में है 
  20. चिता- मृत्युशय्या 
  21. चिति- चेतना 
  22. सर्वमन्त्रमयी- सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली 
  23. सत्ता- सत-स्वरूपा, जो सब से ऊपर है 
  24. सत्यानंद स्वरूपिणी- अनन्त आनंद का रूप 
  25. अनन्ता- जिनके स्वरूप का कहीं अंत नहीं 
  26. भाविनी- सबको उत्पन्न करने वाली, खूबसूरत औरत 
  27. भाव्या- भावना एवं ध्यान करने योग्य
  28. भव्या- कल्याणरूपा, भव्यता के साथ 
  29. अभव्या- जिससे बढ़कर भव्य कुछ नहीं 
  30. सदागति- हमेशा गति में, मोक्ष दान 
  31. शाम्भवी- शिवप्रिया, शंभू की पत्नी 
  32. देवमाता- देवगण की माता 
  33. चिन्ता- चिन्ता 
  34. रत्नप्रिया- गहने से प्यार करने वाली 
  35. सर्वविद्या- ज्ञान का निवास 
  36. दक्षकन्या- दक्ष की बेटी
  37. दक्षयज्ञविनाशिनी- दक्ष के यज्ञ को रोकने वाली 
  38. अपर्णा- तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली 
  39. अनेकवर्णा- अनेक रंगों वाली 
  40. पाटला- लाल रंग वाली 
  41. पाटलावती- गुलाब के फूल 
  42. पट्टाम्बरपरीधाना- रेशमी वस्त्र पहनने वाली 
  43. कलामंजीरारंजिनी- पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली 
  44. अमेय- जिसकी कोई सीमा नहीं 
  45. विक्रमा- असीम पराक्रमी
  46. क्रूरा- दैत्यों के प्रति कठोर 
  47. सुन्दरी- सुंदर रूप वाली 
  48. सुरसुन्दरी- अत्यंत सुंदर 
  49. वनदुर्गा- जंगलों की देवी 
  50. मातंगी- मतंगा की देवी 
  51. मातंगमुनिपूजिता- बाबा मतंगा द्वारा पूजनीय 
  52. ब्राह्मी- भगवान ब्रह्मा की शक्ति 
  53. माहेश्वरी- प्रभु शिव की शक्ति 
  54. इंद्री- इंद्र की शक्ति
  55. कौमारी- किशोरी 
  56. वैष्णवी- अजेय 
  57. चामुण्डा- चंड और मुंड का नाश करने वाली 
  58. वाराही- वराह पर सवार होने वाली 
  59. लक्ष्मी- सौभाग्य की देवी 
  60. पुरुषाकृति- वह जो पुरुष धारण कर ले 

मां दुर्गा के 60 नाम  मंत्र

  1. ॐ श्रियै नमः।
  2. ॐ उमायै नमः।
  3. ॐ भारत्यै नमः।
  4. ॐ भद्रायै नमः।
  5. ॐ शर्वाण्यै नमः।
  6. ॐ विजयायै नमः।
  7. ॐ जयायै नमः।
  8. ॐ वाण्यै नमः।
  9. ॐ सर्वगतायै नमः।
  10. ॐ गौर्यै नमः।
  11. ॐ वाराह्यै नमः।
  12. ॐ कमलप्रियायै नमः।
  13. ॐ सरस्वत्यै नमः।
  14. ॐ कमलायै नमः।
  15. ॐ मायायै नमः।
  16. ॐ मातंग्यै नमः।
  17. ॐ अपरायै नमः।
  18. ॐ अजायै नमः।
  19. ॐ शांकभर्यै नमः।
  20. ॐ शिवायै नमः।
  21. ॐ चण्डयै नमः।
  22. ॐ कुण्डल्यै नमः।
  23. ॐ वैष्णव्यै नमः।
  24. ॐ क्रियायै नमः।
  25. ॐ श्रियै नमः।
  26. ॐ ऐन्द्रयै नमः।
  27. ॐ मधुमत्यै नमः।
  28. ॐ गिरिजायै नमः।
  29. ॐ सुभगायै नमः।
  30. ॐ अंबिकायै नमः।
  31. ॐ तारायै नमः।
  32. ॐ पद्मावत्यै नमः।
  33. ॐ हंसायै नमः।
  34. ॐ पद्मनाभसहोदर्यै नमः।
  35. ॐ अपर्णायै नमः।
  36. ॐ ललितायै नमः।
  37. ॐ धात्र्यै नमः।
  38. ॐ कुमार्यै नमः।
  39. ॐ शिखवाहिन्यै नमः।
  40. ॐ शांभव्यै नमः।
  41. ॐ सुमुख्यै नमः।
  42. ॐ मैत्र्यै नमः।
  43. ॐ त्रिनेत्रायै नमः।
  44. ॐ विश्वरूपिण्यै नमः।
  45. ॐ आर्यायै नमः।
  46. ॐ मृडान्यै नमः।
  47. ॐ हींकार्यै नमः।
  48. ॐ क्रोधिन्यै नमः।
  49. ॐ सुदिनायै नमः।
  50. ॐ अचलायै नमः।
  51. ॐ सूक्ष्मायै नमः।
  52. ॐ परात्परायै नमः।
  53. ॐ शोभायै नमः।
  54. ॐ सर्ववर्णायै नमः।
  55. ॐ हरप्रियायै नमः।
  56. ॐ महालक्ष्म्यै नमः।
  57. ॐ महासिद्धयै नमः।
  58. ॐ स्वधायै नमः।
  59. ॐस्वाहायै नमः।
  60. ॐ मनोन्मन्यै नमः।

टिप्पणियाँ

बेनामी ने कहा…
Yeh 60 naam maa durga ka kaunse puran, tantra, me liya gaya kripaya batye