गणेश भगवान की पूजा विधि - घर पर गणेश पूजन की सरल विधि
हिंदू धर्म में हर शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से की जाती है। मान्यता है कि गणेश जी प्रसन्न होकर सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न कर देते हैं। यहां हम आपके लिए एक सरल गणेश पूजन विधि बता रहे हैं, जिसे आप आसानी से अपने घर पर कर सकते हैं।
गणेश पूजन के लिए प्रारंभिक तैयारी
- स्नान और स्वच्छता:सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें। यह शुद्धता का प्रतीक है, जो पूजा में पवित्रता बनाए रखता है।
- गणपति पूजा का संकल्प:पूजा प्रारंभ करने से पहले संकल्प लें। संकल्प के लिए अपने हाथों में जल, फूल और चावल लें। अपने पूजा के दिन, तिथि, स्थान और नाम का उच्चारण करते हुए अपनी मनोकामना का संकल्प लें। इसके बाद संकल्प स्वरूप जल को जमीन पर छोड़ दें।
गणेश पूजन विधि
स्वयं और पूजन सामग्री की शुद्धि:
अपने बाएँ हाथ की हथेली में जल लें और दाहिने हाथ की अनामिका और आसपास की उँगलियों से जल छिड़कते हुए निम्न मंत्र का जाप करें: - ''ॐ गं गणपतये नमः ।,''वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।,''ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ।,''विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय। नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय ''गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते ।,''ॐ ऐं ह्वीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ।,- गणेश जी की मूर्ति स्थापना:एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें। मूर्ति को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखें।
- दीप प्रज्वलन और पूजा की शुरुआत:श्रद्धा और भक्ति से घी का दीपक जलाएं। दीपक को रोली (कुंकु), अक्षत (चावल), और पुष्प अर्पित करें। धूप और अगरबत्ती जलाएं।
- कलश स्थापना:जल से भरे हुए कलश को स्थापित करें और इसे रोली, अक्षत, पुष्प, धूप और दीप दिखाकर पूजित करें।
- गणेश जी का आवाहन:अब गणेश जी का ध्यान करते हुए अक्षत और पुष्प लेकर निम्नलिखित मंत्र से गणेश जी का आवाहन करें: गणेश जी का आवाहन करने के लिए, 'ऊं गं गणपतये इहागच्छ इह सुप्रतिष्ठो भव' मंत्र का जाप किया जाता है.
अभिषेक और वस्त्र अर्पण:
- गणेश जी की मूर्ति को जल, कच्चे दूध और पंचामृत से स्नान कराएं (यदि मूर्ति मिट्टी की है तो सुपारी का स्नान करें)।
- इसके बाद गणेश जी को नवीन वस्त्र और आभूषण अर्पित करें।
पूजन सामग्री अर्पण:
- गणेश जी को रोली, अक्षत, सिंदूर, इत्र, दूर्वा घास, पुष्प, और माला अर्पित करें।
- धूप और दीप दिखाएं।
भोग और नैवेद्य अर्पण:
- गणेश जी को मोदक, मिठाइयाँ, गुड़ और ऋतुफल जैसे केला, चीकू आदि का नैवेद्य अर्पित करें।
गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ:
- गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करके गणेश जी की कृपा प्राप्त करें।
गणेश जी की आरती और परिक्रमा:
- अंत में गणेश जी की आरती करें और पूजा स्थल की एक परिक्रमा करें।
- इसके बाद पुष्पांजलि अर्पित करें।
पूजन के बाद क्षमा याचना
गणेश पूजा समाप्ति पर, अज्ञानतावश हुई किसी त्रुटि के लिए भगवान गणेश से क्षमा याचना करें। निम्नलिखित मंत्र का जाप करते हुए क्षमा माँगें:
गणेश पूजन का महत्त्व
हिंदू धर्म में गणेश पूजन को अत्यधिक महत्व दिया गया है। भगवान गणेश को "विघ्नहर्ता" कहा जाता है, अर्थात् वे सभी बाधाओं को दूर करने वाले देवता हैं। उनके आशीर्वाद से हर कार्य निर्विघ्न संपन्न होता है। शास्त्रों के अनुसार, हर शुभ कार्य से पहले गणेश जी का पूजन करना अनिवार्य माना गया है। यहां गणेश पूजन की संपूर्ण सामग्री और उनकी उपयोग विधि का उल्लेख किया गया है, जिससे आप अपने घर पर सरलता से पूजा कर सकते हैं।
गणेश पूजन की मुख्य सामग्री और उनका महत्व
गणेश प्रतिमा
- महत्व: गणेश जी की मूर्ति उनकी भौतिक उपस्थिति का प्रतीक है।
- उपयोग: मूर्ति को पूजा स्थान में पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके रखें।
- प्राप्ति स्थान: धार्मिक दुकानों या ऑनलाइन प्लेटफार्म पर आसानी से उपलब्ध।
पंचामृत
- महत्व: यह दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण है जो देवता को स्नान कराने के लिए पवित्र तत्व माना जाता है।
- उपयोग: इन पाँच सामग्रियों को मिलाकर पंचामृत तैयार करें और भगवान गणेश को स्नान कराएं।
- प्राप्ति स्थान: घर पर रसोई में उपलब्ध सामग्री से बना सकते हैं।
लाल फूल
- महत्व: लाल रंग भगवान गणेश के लिए शुभ और प्रिय माना गया है।
- उपयोग: पूजा के दौरान भगवान गणेश के चरणों में अर्पित करें।
- प्राप्ति स्थान: स्थानीय फूल बाजार में उपलब्ध।
मोदक
- महत्व: यह गणेश जी की पसंदीदा मिठाई है और भोग के रूप में चढ़ाई जाती है।
- उपयोग: पूजा समाप्ति के बाद मोदक का प्रसाद अर्पित करें।
- प्राप्ति स्थान: मिठाई की दुकानों या घर पर बनाया जा सकता है।
दूर्वा घास
- महत्व: यह गणेश जी को अत्यंत प्रिय है और समृद्धि का प्रतीक है।
- उपयोग: मूर्ति के पास तीन पत्तियों वाली दूर्वा चढ़ाएं।
- प्राप्ति स्थान: स्थानीय फूल विक्रेता या बगीचे में मिल सकता है।
सिंदूर
- महत्व: गणेश जी की शक्ति का प्रतीक है।
- उपयोग: गणेश प्रतिमा के माथे पर लगाएं।
- प्राप्ति स्थान: धार्मिक दुकानों पर उपलब्ध।
अगरबत्ती और धूप
- महत्व: यह पवित्र वातावरण बनाने और ध्यान में एकाग्रता लाने का कार्य करती है।
- उपयोग: पूजा के दौरान भगवान के सामने जलाएं।
- प्राप्ति स्थान: किराना स्टोर या ऑनलाइन।
नारियल
- महत्व: यह पवित्रता का प्रतीक है, जिसे भगवान के समक्ष तोड़ना शुभ माना जाता है।
- उपयोग: पूजा के अंत में नारियल को तोड़ें और प्रसाद के रूप में अर्पित करें।
- प्राप्ति स्थान: किसी भी किराना दुकान में मिल सकता है।
अन्य गणेश पूजन सामग्री
- लाल कपड़ा
- जल कलश
- रोली, मोली, लाल चंदन
- पवित्र धागा
- गंगाजल
- इत्र
- हरी मूंग दाल
- गुड़
- पान
- लौंग, इलायची
- फल, पंचमेवा
- घी का दीपक
इन पूजन सामग्रियों का सही उपयोग करके और भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा भाव रखते हुए पूजा करें, जिससे आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी।
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