भगवान शिव मांडी के भूतनाथ मंदिर की कथा - Story of Bhootnath Temple of Lord Shiva Mandi

भगवान शिव मांडी के भूतनाथ मंदिर की कथा

भूतनाथ मंदिर की कथा

मांडी के भूतनाथ मंदिर की कथा बहुत प्राचीन है और कई प्रतिमाओं के जुटाव के साथ जुड़ी हुई है। यहां परंपरागत रूप से कही जाने वाली कथा का वर्णन किया जाता है

कहा जाता है कि एक समय की बात है, एक साधू ऋषि ने मांडी के क्षेत्र में तपस्या करने का निर्णय लिया। वह अपने तपस्या के दौरान भगवान शिव की भक्ति और आराधना करते थे। उनकी सच्ची भक्ति और त्याग के बाद, भगवान शिव ने उन्हें अपनी कृपा प्रदान की और उन्हें यह बताया कि वह अपनी महिमा को लोगों के बीच प्रकट करने के लिए एक मंदिर बनाएं।ऋषि ने भगवान शिव की आज्ञा का पालन करते हुए मंदिर की निर्माण कार्य शुरू कर दिया। मंदिर की वास्तुकला धार्मिकता और सांस्कृतिक उपासना को प्रतिष्ठित करने के लिए विशेष रूप से तैयार की गई।

जब मंदिर का निर्माण पूरा हुआ तो ऋषि ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना की और अपनी जीवन में साधना और त्याग करने का संकल्प लिया। उन्होंने मंदिर को समर्पित किया और भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद का आभास किया।
भगवान शिव मांडी के भूतनाथ मंदिर की कथा

इस प्रकार, भूतनाथ मंदिर का निर्माण और उसकी कथा जुड़ी हुई है, जो आज भी भक्तों के बीच प्रचलित है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के मांडी शहर के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण केंद्र है और लोगों को धार्मिक अनुभव प्रदान करता है।

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भूतनाथ मंदिर, मंडी की कथा;-

धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। भगवान भूतनाथ को भगवान शिव का एक अपेक्षित रूप माना जाता है। मंदिर के निकट एक प्राचीन नाला है, जिसे भूतनाथ नाला कहते हैं। इस नाले का पानी मान्यता है कि इससे स्नान करने से श्रद्धालु को शुद्धि और मुक्ति मिलती है।
कथा के अनुसार, भूतनाथ मंदिर के निकट एक जंगल में भगवान शिव का एक छोटा सा लिंग था। एक दिन, जंगल में खेलते समय एक ब्राह्मण बालक ने उस लिंग को देखा और उसे पूजनीय मानकर अपने घर ले आया। बालक की माता-पिता ने उसे शिवलिंग की पूजा करने के लिए एक छोटे से मंदिर में रख दिया।एक दिन, राजा मंडी के युवराज ने देखा कि उस छोटे से मंदिर में एक छोटा सा शिवलिंग पूजनीय रूप से सजाकर प्रतिदिन पूजा की जा रही है। राजकुमार ने भी उसे शिवलिंग की पूजा करने का संकल्प लिया और रोजाना अपने मित्रों के साथ वहां आकर पूजा करने लगा।एक दिन, राजकुमार ने अपने मित्रों के साथ पूजा करते समय विवेकहीनता दिखाई दी। उन्होंने शिवलिंग पर नीरजल से पूजा की जगह रक्त से पूजा की। इस पर शिव की क्रोध भरी द्रष्टि राजकुमार पर पड़ी और उन्हें तुरंत मृत्यु का दंड प्राप्त हुआ।
इस समय पर भगवान शिव ने राजकुमार की प्रार्थना स्वीकार की और उन्हें माफ कर दिया। राजकुमार ने अपनी भूल स्वीकार करते हुए आपातकाली की पूजा की और उसे मंदिर में स्थापित कर दिया। इसके बाद से भूतनाथ मंदिर में भूतनाथ और आपातकाली की पूजा की जाती है और इसे भक्तों द्वारा बड़े धार्मिक आदर से मान्यता प्राप्त है।यही थी भूतनाथ मंदिर, मंडी की कथा। इसे सुनकर श्रद्धालु अपनी भक्ति और श्रद्धा से मंदिर की यात्रा करते हैं और भगवान भूतनाथ और आपातकाली की कृपा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

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भूतनाथ मंदिर मंडी,  महत्वपूर्ण तथ्य हैं:-

भूतनाथ मंदिर मंडी, हिमाचल प्रदेश के एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसका इतिहास बहुत पुराना है। यहां कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं:
  1. प्राचीन मंदिर: भूतनाथ मंदिर मंडी का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था। इसे स्थापित करने का श्रेय राजा बानसेन को जाता है।
  2. स्थान: यह मंदिर मंडी शहर के पास बसा हुआ है। इसका स्थान बगीचे के नीचे पश्चिमी तल पर स्थित है।
  3. भगवान भूतनाथ: मंदिर को भगवान भूतनाथ के नाम से भी जाना जाता है। यह नाम भगवान शिव के एक अपेक्षित रूप को दर्शाता है।
  4. आर्किटेक्चर: भूतनाथ मंदिर की वास्तुकला धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश की स्थानीय वास्तुशिल्पी कला का अद्वितीय उदाहरण है।
  5. महाशिवरात्रि का उत्सव: भूतनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि का धूमधाम से आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर भगवान शिवकी पूजा, आरती, भजन-कीर्तन आदि कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
  6. पर्यटन स्थल: भूतनाथ मंदिर पर्यटन का एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहां आने वाले पर्यटक धार्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हैं
  7. अश्वमेघ यज्ञ: भूतनाथ मंदिर के आस-पास एक प्राचीन इतिहासिक स्थल है, जहां पहले अश्वमेघ यज्ञ का आयोजन किया जाता था।
  8. महत्वपूर्ण उत्सव: मंदिर में कई धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव आयोजित किए जाते हैं, जिनमें से प्रमुख हैं माघ बीज और श्रावण नवरात्रि।
  9. चैत्र नवरात्रि: चैत्र महीने में भगवान भूतनाथ मंदिर में नवरात्रि का आयोजन होता है। इस अवसर पर भक्त नवदुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं और आरती का आयोजन किया जाता है।
  10. स्नान स्थल: मंदिर के पास में भूतनाथ नाला है, जिसे मान्यता है कि इसके पानी में स्नान करने से मनुष्य को शुद्धि और मुक्ति मिलती है।
महत्वपूर्ण तथ्य हैं जो भूतनाथ मंदिर, मंडी के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश की स्थानीय धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है और धार्मिक पर्यटन के लिए मांगी जाती है।

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