जय श्री राम कहानी" का मुख्य धार्मिक ग्रंथ है महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित

जय श्री राम कहानी" का मुख्य धार्मिक ग्रंथ है

महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित 

"जय श्री राम कहानी" का मुख्य धार्मिक ग्रंथ है "रामायण"। रामायण, महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित एक प्राचीन भारतीय संस्कृत कविता है, जो भगवान रामचन्द्र जी के जीवन की कथा पर आधारित है। रामायण का मूल संचयन संस्कृत में हुआ था, लेकिन इसके अनुवादों और टीकाकारों के द्वारा यह बहुत सारी भाषाओं में उपलब्ध है।


महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित  रामायण की मुख्य

  • बाल कांड: इसमें भगवान रामचन्द्र के बचपन की कथा है, जिसमें उनके जन्म, बचपन का खेल, गुरुकुल जाना, धनुर्विद्या का प्रशिक्षण, सीता से विवाह, और राज्याभिषेक की कथा शामिल है।
  • अयोध्या कांड: इसमें रामचन्द्र जी के पिता राजा दशरथ के वचन के अनुसार उन्हें वनवास जाने के लिए मजबूर होना, भरत का वापस राजगद्दी से इंकार करना, और रामचन्द्र जी के वनवास के विषय में उन्हें सुन्दरकांड नामक विशेष कांड शामिल है।
  • अरण्य कांड: इसमें रामचन्द्र जी, सीता, और लक्ष्मण के वनवास के दौरान उनकी आनंदवन में वास्तविक जीवन की कथा है, जिसमें वानर सेना की मदद से सीता का हरण, सुग्रीव से मित्रता, हनुमान जी के मिलन का वर्णन शामिल है।
  • किष्किंधा कांड: इसमें रामचन्द्र जी ने सुग्रीव के साथ मित्रता करके उसे किष्किंधा की राजगद्दी को वापस प्राप्त करने में मदद की, और बालि का वध किया।
  • लंका कांड: इसमें रामचन्द्र जी के द्वारा रावण के संगठन में हुई लंका युद्ध की कथा है, जिसमें रामचन्द्र जी ने रावण को वध किया, सीता को वापस प्राप्त किया, और लंका का नाश किया।
  • उत्तर कांड: इसमें रामचन्द्र जी के वनवास के अंत के बाद अयोध्या वापसी, राज्याभिषेक, और रामराज्य का वर्णन है। इसमें उनके राज्य के काल में धर्म और न्याय के शांतिपूर्वक राज्य का वर्णन है।
रामायण में रामचन्द्र जी के साथ उनके परिवार, शिष्य, वानर सेना, और अन्य विभूतियों के उत्कृष्ट चरित्र
 और महत्वपूर्ण संदर्भ हैं, जो धर्म, नैतिकता, प्रेम, और वचनवद्धता के प्रतीक हैं। रामायण एक अद्भुत ग्रंथ है जो मानवता के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत बना रहता है।

जय श्री राम! बाल कांड रामायण के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  • भगवान राम का जन्म: बाल कांड के अंतर्गत राजा दशरथ के यज्ञ यज्ञ से देवी यज्ञ के फलस्वरूप भगवान राम, लक्ष्मण, भरत, और शत्रुघ्न के चार विक्रमधर्मी पुत्र जन्म लेते हैं। रामायण के आदि कांड में राम के जन्म की विस्तृत वर्णन किया गया है।
  • राम-बाण वध: बाल कांड के दूसरे भाग में, भगवान राम और लक्ष्मण को शुक्राचार्य के आश्रम में रहते हुए दैत्य राजा सुबाहु के द्वारा अपहृत किया जाता है। राम और लक्ष्मण उन्हें लंका पहुंचने के लिए विशाल राम-बाण नामक तीर के साथ मिलते हैं जिसे उन्हें मारने के लिए उन्हें वरदान मिलता है। राम और लक्ष्मण राम-बाण का उपयोग करके सुबाहु का वध करते हैं और शुक्राचार्य को छोड़कर वापस अयोध्या लौटते हैं।
  • सीता स्वयंवर: बाल कांड के अंतर्गत राम को सीता से मिलवाने के लिए जनक राजा का स्वयंवर आयोजित किया जाता है। वहां भगवान राम अन्य राजाओं के साथ धनुष भंग करते हैं और सीता के स्वयंवर में उन्हें सीता से विवाह करने का अधिकार मिलता है। भगवान राम धनुष भंग करते हैं और सीता से विवाह करते हैं।
  • पुत्रकामेष्टि यज्ञ: बाल कांड में राजा दशरथ अपनी पत्नी कैकेयी की विराट पुत्रकामेष्टि यज्ञ को संपन्न करते हैं जिसके फलस्वरूप उन्हें चारों पुत्र मिलते हैं। लेकिन इसके बाद कैकेयी द्वारा की गई एक कठोर व्रत के कारण राजा दशरथ भगवान राम को वनवास भेजने के लिए मजबूर होते हैं।
जय श्री राम!

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