भगवान श्री रामचंद्रजी को पाँच तरह के भोग पसंद हैं
पूजा के समय जब कोई खाद्य सामग्री देवी-देवताओं के समक्ष प्रस्तुत की जाती है तो वह सामग्री प्रसाद के रूप में वितरण होती है। इसे 'नैवेद्य' भी कहते हैं। प्रत्येक देवी और देवताओं का भोग और प्रसाद अलग अलग होता है। आओ जानते हैं श्री राम को कौनसा भोग प्रिय है। आप रामनवमी ने दिन उन्हें यही भोग लगाकर उनकी कृपा प्राप्त करें।1. केसर भात: केसर भात एक स्वादिष्ट भोजन है जिसमें चावल, दूध, केसर, और चीनी का मिश्रण बनाया जाता है। यह भगवान राम को प्रिय हैं।
2. खीर: खीर दूध, चावल, और चीनी के साथ बनी मिठी मिश्रण है। भगवान राम इसे भी पसंद करते हैं।
3. कलाकंद: कलाकंद एक मिठाई है जो खोया, चीनी, और नारियल के साथ बनाई जाती है। यह भी भगवान राम के प्रिय भोजनों में से एक है।
4. बर्फी: बर्फी एक लोकप्रिय मिठाई है जो खोया, चीनी और नट बदाम के साथ बनाई जाती है। यह भगवान राम को भी पसंद है।
5. गुलाब जामुन: गुलाब जामुन भारतीय मिठाई में से एक है जिसमें चाशनी में तैयार किए गए गुलाब जामुन रसगुल्ले को गुलाबी चाशनी में भिगोकर बनाया जाता है। भगवान राम इसे भी खुशी से खाते हैं।
खास पंजीरी प्रसाद:
खास पंजीरी एक विशेष प्रकार की प्रसाद है जो भगवान श्री राम को पसंद है। इसमें मेवे, खोया, नारियल और चीनी का मिश्रण बनाया जाता है। यह मिठास भरी पंजीरी भगवान राम के भक्तों को भी विशेष रूप से भोग लगाई जाती है।यह तरह के भोग और पंजीरी प्रसाद भगवान राम के आदर्श भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक माने जाते हैं, और इन्हें पूजा अर्चना और भक्ति के दौरान उन्हें समर्पित किया जाता है।भगवान राम को महाकाव्य रामायण के अनुसार, धार्मिक और नैतिक गुणों की प्रशंसा, विश्वास, समर्पण, प्रेम, वीरता, तपस्या, न्याय, धैर्य और सामर्थ्य की प्रशंसा होती है। उनके विशेष चरित्र, नैतिक मूल्यों, और धर्मपरायण जीवन के कारण भगवान राम को आदर्श माना जाता है।कुछ महत्वपूर्ण गुण और विशेषताएं, जो भगवान राम को पसंदीदा बनाती हैं,
1. धर्मिकता: भगवान राम धर्मपरायण और धार्मिक मूल्यों के प्रतीक थे। उन्होंने अपने जीवन में सत्य, न्याय, धर्म, और ईमानदारी का पालन किया।2. प्रेम: राम और सीता का प्रेम भारतीय संस्कृति में एक अद्भुत उदाहरण है। उनके प्रेम और वचनवद्धता के कारण, वे आपसी सम्मान और स्नेह के प्रतीक हैं।
3. वीरता: भगवान राम वीर और साहसी थे। उन्होंने राक्षसों जैसे रावण के साथ युद्ध किया और अधर्म को पराजित किया।
4. आदर्श पति और पिता: भगवान राम पति के रूप में एक आदर्श पति थे, जो सीता के प्रति सत्यनिष्ठा रखते थे। उन्होंने अपने पिता राजा दशरथ के वचन का पालन किया और वनवास के लिए चले गए।
5. धैर्य: भगवान राम अपने जीवन के कई कठिनाईयों का सामना करते रहे और सभी परिस्थितियों में धैर्य बनाए रखा।भगवान राम के गुणों और कारणों से, उन्हें हिंदू धर्म में एक आदर्श व्यक्ति के रूप में गुरुत्वाकर्षक बनाया जाता है। उनकी कथाएं और चरित्र हमें धार्मिकता, प्रेम, और नैतिकता के मार्ग पर चलने का प्रेरणा प्रदान करते हैं।
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