कोकिलावन धाम शनि मंदिर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी /Important information about Kokilavan Dham Shani Temple
कोकिलावन धाम शनि मंदिर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
कोकिलावन धाम शनि मंदिर (Kokilavan Dham Shani Mandir) भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के वृंदावन नगर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान शनि (Saturn) को समर्पित है, जिसे हिंदू धर्म में शनिदेव के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर कोकिलावन नामक स्थान पर स्थित है, जिसे माना जाता है कि यहां कोई विशेष प्रकार की कोकिलें (कबूतर) हैं जो शनिदेव की भक्ति करती हैं।
यहां के मंदिर में एक बड़ी स्वर्णिम मूर्ति भगवान शनिदेव की है, जिसे दर्शन करने के लिए दिनभर भक्त यहां आते हैं। विशेष अवसर पर जैसे कि शनि अमावस्या, शनि जयंती और शनि जयंती के दिन, यहां भक्तों की भीड़ बढ़ जाती है।
कोकिलावन धाम शनि मंदिर के पास एक भव्य सरोवर भी है, जिसे कोकिला तालाब के नाम से जाना जाता है। संत मीराबाई के भजनों में भी इस स्थान का उल्लेख किया गया है, जिससे इसे और भी प्रसिद्धि मिलती है।
कोकिलावन धाम शनि मंदिर वृंदावन के निकटस्थ स्थानों में से एक है, और यहां आने वाले धार्मिक भक्तों के लिए एक प्रमुख श्रद्धालु स्थल है।
कोकिलावन धाम शनि मंदिर के पास एक भव्य सरोवर भी है, जिसे कोकिला तालाब के नाम से जाना जाता है। संत मीराबाई के भजनों में भी इस स्थान का उल्लेख किया गया है, जिससे इसे और भी प्रसिद्धि मिलती है।
कोकिलावन धाम शनि मंदिर वृंदावन के निकटस्थ स्थानों में से एक है, और यहां आने वाले धार्मिक भक्तों के लिए एक प्रमुख श्रद्धालु स्थल है।
हिंदू धर्म में एक प्रसिद्ध कथा है, जो भगवान शनिदेव (Saturn) के उपासकों के बीच प्रचलित है। यह कथा भगवान शनिदेव के धार्मिक महत्व और उनके भक्तों के लिए उनकी कृपा और आशीर्वाद को दर्शाने के उद्देश्य से सुनाई जाती है।
कथा के अनुसार, एक समय की बात है, वृंदावन के पास कोकिलावन गाँव में एक गरीब धार्मिक व्यक्ति रहता था। वह भगवान शनिदेव का अभिभावक था और निरंतर उनकी पूजा-अर्चना करता था। उसके भक्ति में सीधा मन होने के कारण भगवान शनिदेव ने उससे अत्यंत प्रसन्न होकर उसे स्वयं की दर्शनीय वस्त्रें भेंट की। शनिदेव ने भक्ति भाव से व्रत और पूजा करने का आशीर्वाद दिया और उससे विनती की कि वह विशेष उपवास और व्रत के साथ एक निर्धारित समय तक उनके मंदिर में उनकी पूजा करता रहे।धार्मिक व्यक्ति ने भगवान शनिदेव की वचनानुसार पूजा-अर्चना की शुरुआत की और निरंतर सात शनिवारों तक व्रत किया। उसके परिश्रम, भक्ति और समर्पण को देखकर भगवान शनिदेव ने उसकी मनोकामना पूरी की और उसे अपनी कृपा से आशीर्वाद दिया। उसके जीवन में समृद्धि, सुख और शांति का अनुभव हुआ और वह धनवान बन गया।
इस कथा का मुख्य संदेश यह है कि भगवान शनिदेव अपने भक्तों की प्रार्थनाएं समझते हैं और उन्हें अपनी कृपा से आशीर्वादित करते हैं। भक्ति, समर्पण और विधिवत व्रत पालन से भगवान की कृपा प्राप्त की जा सकती है और जीवन में समृद्धि और सुख का अनुभव किया जा सकता है।
1. स्थान: कोकिलावन धाम शनि मंदिर उत्तर प्रदेश, भारत में वृंदावन नगर जिले में स्थित है।
2. शनि देव की खास मूर्ति: मंदिर में शनि देव की विशेष एक स्वर्णिम मूर्ति स्थापित है।
3. कोकिला तालाब: मंदिर के पास कोकिला तालाब है, जो कोकिलावन के नाम से प्रसिद्ध है।
4. शनिदेव के भक्त: मंदिर के आस-पास विशेष रूप से शनिदेव के भक्त घूमते हैं जिन्हें कोकिलावन तालाब में भगवान शनिदेव की कोकिले (कबूतर) दिखाई देती हैं।
5. शनि जयंती महोत्सव: मंदिर में शनि जयंती के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना एवं महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
6. सरोवर और तीर्थ स्थल: मंदिर के आस-पास कई सरोवर और तीर्थ स्थल हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
7. संत मीराबाई के संबंध: कोकिलावन धाम में संत मीराबाई द्वारा भगवान शनिदेव की भक्ति के लिए गाये गए भजनों के प्रसिद्ध स्थलों में से एक है।
8. धार्मिक पर्व उत्सव: विशेष धार्मिक पर्वों पर उत्सवों का आयोजन किया जाता है और भक्तों के बीच आतिथ्य का भरपूर व्यवस्था होती है।
9. संत मीराबाई के मंदिर: मंदिर के निकट ही संत मीराबाई के भक्तिसंबंधी एक और मंदिर है।
10. वृंदावन से दूरी: कोकिलावन धाम वृंदावन से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यहां के धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल के कारण, यह मंदिर श्रद्धालुओं के बीच बहुत लोकप्रिय है और वर्षभर में कई भक्तों को आकर्षित करता है।
कथा के अनुसार, एक समय की बात है, वृंदावन के पास कोकिलावन गाँव में एक गरीब धार्मिक व्यक्ति रहता था। वह भगवान शनिदेव का अभिभावक था और निरंतर उनकी पूजा-अर्चना करता था। उसके भक्ति में सीधा मन होने के कारण भगवान शनिदेव ने उससे अत्यंत प्रसन्न होकर उसे स्वयं की दर्शनीय वस्त्रें भेंट की। शनिदेव ने भक्ति भाव से व्रत और पूजा करने का आशीर्वाद दिया और उससे विनती की कि वह विशेष उपवास और व्रत के साथ एक निर्धारित समय तक उनके मंदिर में उनकी पूजा करता रहे।धार्मिक व्यक्ति ने भगवान शनिदेव की वचनानुसार पूजा-अर्चना की शुरुआत की और निरंतर सात शनिवारों तक व्रत किया। उसके परिश्रम, भक्ति और समर्पण को देखकर भगवान शनिदेव ने उसकी मनोकामना पूरी की और उसे अपनी कृपा से आशीर्वाद दिया। उसके जीवन में समृद्धि, सुख और शांति का अनुभव हुआ और वह धनवान बन गया।
इस कथा का मुख्य संदेश यह है कि भगवान शनिदेव अपने भक्तों की प्रार्थनाएं समझते हैं और उन्हें अपनी कृपा से आशीर्वादित करते हैं। भक्ति, समर्पण और विधिवत व्रत पालन से भगवान की कृपा प्राप्त की जा सकती है और जीवन में समृद्धि और सुख का अनुभव किया जा सकता है।
कोकिलावन धाम शनि मंदिर के 10 महत्वपूर्ण तथ्य
कोकिलावन धाम शनि मंदिर (Kokilavan Dham Shani Mandir) एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जिसमें भगवान शनिदेव (Saturn) की पूजा और अर्चना की जाती है। यहां आपको इस मंदिर के 10 महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानकारी मिलेगी:1. स्थान: कोकिलावन धाम शनि मंदिर उत्तर प्रदेश, भारत में वृंदावन नगर जिले में स्थित है।
2. शनि देव की खास मूर्ति: मंदिर में शनि देव की विशेष एक स्वर्णिम मूर्ति स्थापित है।
3. कोकिला तालाब: मंदिर के पास कोकिला तालाब है, जो कोकिलावन के नाम से प्रसिद्ध है।
4. शनिदेव के भक्त: मंदिर के आस-पास विशेष रूप से शनिदेव के भक्त घूमते हैं जिन्हें कोकिलावन तालाब में भगवान शनिदेव की कोकिले (कबूतर) दिखाई देती हैं।
5. शनि जयंती महोत्सव: मंदिर में शनि जयंती के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना एवं महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
6. सरोवर और तीर्थ स्थल: मंदिर के आस-पास कई सरोवर और तीर्थ स्थल हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
7. संत मीराबाई के संबंध: कोकिलावन धाम में संत मीराबाई द्वारा भगवान शनिदेव की भक्ति के लिए गाये गए भजनों के प्रसिद्ध स्थलों में से एक है।
8. धार्मिक पर्व उत्सव: विशेष धार्मिक पर्वों पर उत्सवों का आयोजन किया जाता है और भक्तों के बीच आतिथ्य का भरपूर व्यवस्था होती है।
9. संत मीराबाई के मंदिर: मंदिर के निकट ही संत मीराबाई के भक्तिसंबंधी एक और मंदिर है।
10. वृंदावन से दूरी: कोकिलावन धाम वृंदावन से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यहां के धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल के कारण, यह मंदिर श्रद्धालुओं के बीच बहुत लोकप्रिय है और वर्षभर में कई भक्तों को आकर्षित करता है।
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